बलौदाबाजार,
फागुलाल रात्रे, लवन।
फागुलाल रात्रे, लवन।
भाद्र पक्ष की कृष्ण पक्ष की छठी तिथि को भारत वर्ष में संतान सुख एवं पारिवारिक समृद्धि के लिए माताएं द्वारा रखे जाने वाले कमरछठ का व्रत का बड़ा ही महत्व है। इस कमरछठ का व्रत में माताएँ द्वारा विधि विधान पूर्वक मनाई जाती है। हलसष्ठी के दिन माताएं पूरे दिन उपवास रखकर भगवान हलसष्ठी की पूजा अर्चना करती है। विशेष पूजा विधि विधान अनुसार पहले दिन की सुबह पवित्र स्नान करके विशेष रूप से बर्तन और घर को साफ करके पूजा की तैयारी करती है। पूजा स्थल पर दो कुंड बनाते हैं चौक घेरकर उस पर हल्दी कुमकुम फूल और चंदन से सजाया जाता है। भगवान हलखष्टी की पूजा के लिए विशेष रूप से तैयारी की गई। सामग्री में फल फूल मिठाई और विशेष प्रकार की पकवान शामिल रहता है। दिन भर की उपवास रखने के बाद पूजा अर्चना के पश्चात् फलाहार के रूप में पशहर चावल लाई महुआ फल पांच प्रकार के अनाज के दाने फल भैंस का दूध दही घी के साथ पांच प्रकार की भाजी का बिना नमक का उपयोग कर फलाहार करती है। इसी परंपरा का निर्वहन करते हुए ग्राम कोलिहा सड़कपार में भी माताएं ने व्रत रखकर विधि विधान पूर्वक पूजा अर्चना कर अपने घर परिवार की सुख समृद्धि एवं बच्चों की दीर्घायु जीवन की शुभ मंगल कामना किया। व्रत रखने वाली माता में सीमा वर्मा दिलेश्वरी वर्मा पूजा वर्मा श्रीमती प्रीतम वर्मा रुक्मणी वर्मा किरण वर्मा सरोजिनी वर्मा सरोजिनी पैकरा खोलबाहरीन सीमा वर्मा बालाबाई योगेश्वरी हारन समारिन रितु अस्वनतिन बनो सोनम लता सावित्री देसवरी पुष्पा हंसा बबली भागिन बाई सहित सभी माताएँ उपस्थित थी।