मौत का गौठान बना मरदा का यह गौठान, भूख प्यास से मर रहे मवेशी, नोंच रहे है चील कौंवे, जिम्मेदारो को ध्यान नहीं
बलौदा बाज़ार, फागूलाल रात्रे, लवन ।
राज्य सरकार के द्वारा ग्रामीण क्षेत्रों के विकास के लिए अनेक महत्वपूर्ण योजनाएं संचालित करती है, और इन योजनाओं के तहत लाखो, करोड़ो रूपये खर्च भी किया जाता है। लेकिन जिस उद्देश्य की पूर्ति के लिए यह योजना लागू किया जा रहा है, उस उद्देश्य की पूर्ति वास्तविक तौर पर नहीं हो रहा है। कागजों में ही अधिकांश योजनाओं संचालित की जा रही है। विभागीय अधिकारियों और प्रशासनिक कर्मचारियों की निष्कृयता के चलते कागजों में ही योजनाएं संचालित होती दिख रही है। धरातल पर देखने के लिए कोई नहीं है। हम बात कर रहे है राज्य सरकार की महत्वकांक्षी योजना नरवा, गरवा, घुरूवा, बाड़ी की जहां अधिकांश योजनाओं का बुरा हाल है। बलौदाबाजार जिले के अधिकांश ग्राम पंचायतों में बने गौठानों का हाल बेहाल नजर आ रहे है।
मामला है जनपद पंचायत बलौदाबाजार के अंतिम छोर में स्थित ग्राम पंचायत मरदा का। यहा का गौठान में प्रशासनिक अनदेखी की वजह से बेसहारा मवेशियों की असमय मौत हो रही है। गौठानों में बंधे बेसहारा पशु चारा और पानी के अभाव में दम तोड़ते दिख रहे है। 14 नवम्बर मंगलवार को छत्तीसगढ़ का पारंपरिक त्यौहार गोवर्धन पूजा को बड़े ही धूम धाम से मनाया जाता है, इस दिन गौमाता को घर में बने पकवानों की खिचड़ी खिलाई जाती है। एक तरफ छत्तीसगढ़ में गोवर्धन पूजा को धूमधाम से मनाया जा रहा है, वही दूसरी ओर ग्राम पंचायत मरदा के गौठान में बेसहारा मवेशियों की चारा और पानी की अभाव में असमय मौत हो रही है। ऐसा नहीं है कि इसके संबंध में जिम्मेदारों को जानकारी नही है। जिम्मेदारों को जानकारी होने के बावजूद इस ओर ध्यान नहीं दिया जा रहा है, जिसकी वजह से मवेशियों की मौत हो रही है। मरदा गांव के गौठान में मवेशियों की मरने की जानकारी मिलते ही पत्रिका के संवाददाता ने मामले की जानकारी लेने पहुंच गए। वहां पहुंचने पर देखा तो, दो मवेशियों की मौत जमीन में तथा अन्य दो मवेशियों की मौत पानी में डुब जाने की वजह से हो गई। वही, एक मवेशी का क्षत विक्षत टुकड़ा बिखरा पड़ा हुआ दिखाई दे रहा है। इसके साथ ही साथ जो मवेशी जीवित है, उनके पेट में दाना नहीं दिख रहा है। भूख प्यास से मरे मवेशियो को चील कौंवे नोच-नोच कर खा रहे है। यहां के गौठान में एक डबरी बना हुआ है, जिसमें पानी तो भरा हुआ है। लेकिन चारा का व्यवस्था यहां नहीं की गई थी। चारा के अभाव में मवेशी सड़े हुए पैरा को खाकर पानी पीने के लिए डबरी में पहुंच रहे है। जिससे उनकी मौत हो रही है।
चरवाहा जीवन लाल जांगड़े ने बताया कि 5 मवेशियों की मौत चारा और पानी के अभाव में हो गया है। पुराना सड़ा हुआ पैरा खाकर मवेशियों की मौत हो गई है। इससे पहले लगभग 25 मवेशियों की मौत हो चूकी है। इसके संबंध में गौठान समिति के अध्यक्ष सरपंच एवं सचिव को जानकारी दिया गया है। फिर भी यह समस्या बनी हुई है।
जीवन लाल जांगड़े, चरवाहा
ग्राम पंचायत मरदा
20 एकड़ के प्लाट में गौठान बना हुआ है, गौठान के सभी मवेशी घुमकर चर रहे है। गौठान में मवेशियों के लिए बना कोटना टुट गया है। मवेशियों के लिए डबरी खुदवाया गया है, जिसमें पानी भी भरा हुआ है। मवेशियों की मौत की वजह डाॅक्टर ही बता पायेंगे।
अनुज मांझी, सचिव
ग्राम पंचायत मरदा
मरदा के गौठान में पांच मवेशियों की मरने की जानकारी मिली है, जांच करवाया जा रहा है, रिपोर्ट आने के बाद ही स्पष्ट हो सकेगा।
एम.एल. मंडावी, सीईओ
जनपद पंचायत बलौदाबाजार
मवेशी के मरने की जानकारी चरवाहा के द्वारा दिया गया। जिसके बाद मेरे द्वारा सचिव व अधिकारियों को अवगत कराया गया। कभी-कभी मवेशियों के द्वारा एक दूसरे से झगड़ने से भी मौत हो जाती है। चारा और पानी की व्यवस्था गौठान में है, अब किस वजह से हुई है जांच के बाद ही पता चल पायेगा।
देवचरण जोशी, सरपंच प्रतिनिधि
ग्राम पंचायत मरदा