बलौदाबाजार,
फागुलाल रात्रे, लवन।
फागुलाल रात्रे, लवन।
धमनी गांव से लगा वनक्षेत्र विविध प्रजातियों से आच्छादित सागौन बाहुल्य होकर विविध प्रकार से महत्वपूर्ण है। चित्रोत्पला महानदी में भीम बंधान पलारी के बालसमुंद से सुरंग का होना रामायण काल से संबंधित अद्भुत जल श्रोत सीता कुंड के साथ साथ 1978 के दशक में पलारी के चौक में बड़ा विज्ञापन बोर्ड लगाया गया था कि प्राकृतिक सौंदर्य दर्शन महानदी में नौकायन हेतु आइए तब वनमंडल उत्तर रायपुर था। मध्यप्रदेश स्टेट में होकर पर्यटन केंद्र के रुप में विकसित किया गया था। तत्समय में पर्यटकों के लिए जंगल में चुल्हा बनवाया गया था महानदी में 10 हार्सपावर के किर्लोस्कर मशीन पानी पंप से भव्य पौध नर्सरी था पपीता के पेड़ पानी क्यारी नाली के दोनों तरफ़ लगे थे। जो भी पर्यटक आते थे एक पौधा लेकर ही जाते थे। 1998 में ग्राम वन समिति धमनी जो छत्तीसगढ़ राज्य के बाद अब वन प्रबंधन समिति है। छत्तीसगढ़ राज्य बनने बाद आज 23 साल हो गया धमनी को पर्यटन केंद्र के रूप में परिवर्तन करने की मांग अधुरा है। यदि धमनी जंगल को पर्यटन के क्षेत्र में विकास किया जाएगा तो वन प्रबंधन समिति के लिए आय के साधन होने के साथ-साथ बेरोजगार को रोजगार मिलेगा। कालेज के छात्र छात्राओं को विविध औषधियों के वृक्षों की जानकारी होगी जो अध्ययन में सुविधा होगी। पुस्तक मे नक्शा पर धमनी का नाम रामवन पथगमन का आ गया है अब वन विभाग के माध्यम से धमनी वन विश्राम गृह जो इतिहास में वाल्मीकि मुनी के सत्संग स्थल रहे है जहाँ सीता माता सम्पर्क में आई जो आगे प्रसव सुविधा को ध्यान में रखकर तुरतुरिया ले जाया गया था। धमनी पर्यटन विकास के लिए वन प्रबंधन समिति धमनी अध्यक्ष रामनारायण यादव के साथ गिरीश यदु गोलु यदु वृजभान यदु सरपंच पितर बाई पैकरा भरत दीवान, मतुलाल कैवर्त बिनोद निषाद, उपसरपंच मिनेद्र कुमार यादव, दुलार सिंह, हरदयाल पैकरा,अजय यादव, हीरालाल यादव, उज्जैन कंवर, छग्गु लाल यादव, सहित वनदेवी वन दुर्गा समुह, सीता समुह ने वन मंत्री से धमनी वनक्षेत्र को डीयर पार्क के रूप मे बनाने की मांग की है।