पालीथीन पर प्रतिबंध बेअसर, कचरे के ढेर में दिखने लगी है पालीथीन
बलौदाबाजार,
फागूलाल रात्रे, लवन।
फागूलाल रात्रे, लवन।
लवन नगर में पालीथीन प्रतिबंध का असर नहीं दिख रहा है। प्रशासन की निष्क्रियता से पॉलीथीन केरीबेग का उपयोग धड़ल्ले से होने लगता है। वही प्रशासन द्वारा कार्रवाई नहीं किये जाने से लवन नगर से लेकर ग्रामीण क्षेत्रों में पॉलीथीन केरीबैग का उपयोग किया जा रहा है।
गौरतलब है कि स्वच्छ भारत अभियान के तहत पालीथीन मुक्त प्रदेश की परिकल्पना को लेकर प्लास्टिक कैरीबेग पर पूरी तरह से बैन लगा दिया गया है। इसके लिए जिला प्रशासन द्वारा सभी नगरीय प्रशासन को निर्देश जारी कर पालीथीन पर प्रतिबंध को तत्काल लागू करने की बात कही गई है। जब से पॉलीथीन पर प्रतिबंध लगा है तब से लेकर आज तक नगर पंचायत प्रशासन द्वारा जिम्मेदार अधिकारियों की निष्कृयता के चलते केवल खानापूर्ति की कार्रवाई ही गई है। वही वर्तमान समय में पालीथीन केरीबैग पर प्रतिबंध का असर ग्रामीण क्षेत्रों में तो दूर नगर पंचायत में भी नहीं दिख रहा है। जिसके चलते नगर के विभिन्न स्थानों में पालीथीन का प्रयोग फिर शुरू हो गया है। प्रशासन कोई कार्रवाई नहीं कर रहा है। पालीथीन के उपयोग को पूरी तरह से बंद कर दिया गया है। मगर नगर में इन दिनों असर नहीं दिख रहा है। इसका उपयोग सभी बड़ी-छोटी दुकानों, बाजारों में देखा जा रहा है। पूर्व में भी पालीथीन पर कई बार बैन लगाया गया है लेकिन प्रतिबंध का असर कुछ दिनों तक रहता है। फिर कुछ दिनों पश्चात सभी जगहों में उपयोग में आने लगता है। नगर में किराना व्यापारियों, सब्जी मार्केट, सभी काम्पलेक्स सहित बाजारों में सामान वस्तुएं लेने पर पालीथीन का इस्तमाल किया जा रहा है। जिस पर प्रशासन कोई कारवाई नहीं कर रहा है। शासन के रोक लगाने के बावजूद भी आज खुलेरूप में पालिथीन बाजारों में बिक रहा है। इसके इस्तेमाल से नालियों में कचरा जाम हो जाता है। और यह पन्नियां गलती नहीं है। जिससे नाली जाम रहती है। इन पालीथीन को कचरे के ढेर के साथ जला दिया जाता है। जिससे पर्यावरण प्रदुषित होता है। पन्नियों को जलाना नहीं चाहिए बल्कि रिसाइकिलिंग के लिए पालिथीन को फैक्टरी में भेजा जाना चाहिए। इन दिनों नगर में कचरे के ढेर में पालीथीन दिखने लगा है। जिससे पालिथीन का पर्यावरण पर भी असर पड़ता है। इसका मुख्य शिकार मवेशी होते है। पालीथीन के इस्तेमाल करने से उसे दुकानदारों द्वारा व्यापारियों द्वारा कुडे़ में फेंक दिया जाता है। जिस पर मवेशी कचरे के ढेर के बीच भोजन की तलाश में जाते और पालीथीन खा लेते है जो कि जानवरों के लिए भी नुकसान दायक है। वही सामान बेचने एवं खरीदने के लिए कागज के कैरीबेग का उपयोग किया जाना है। इसके उपयोग से पर्यावरण भी स्वच्छ रहता है। और साथ ही लोगों को भी कोई हानि नहीं पहुंचती है। जबकि पालीथीन के उपयोग से पर्यावरण प्रदुषित होता है। साथ ही साथ लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। इसी को ध्यान में रखकर नगर पंचायत प्रशासन द्वारा टीम बनाकर समय-समय पर दुकानों व व्यवसायिक प्रतिष्ठानों की जांच जरूरी है।











