बलौदाबाजार,
फागुलाल रात्रे, लवन।
फागुलाल रात्रे, लवन।
चिचिरदा चौक से चिचिरदा गांव पहुंच मार्ग तक दो वर्ष पहले प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत जुलाई 2022 में सड़क निर्माण कराया गया था। इस रोड की लम्बाई एक किलोमीटर है, जिसके लिए 21.85 लाख रूपये स्वीकृति प्राप्त हुई थी। इस रोड को सिंघानिया इन्टरप्राइजेस रायपुर के द्वारा बनाई गई थी जो ठेकेदार और अधिकारियों की मिलीभगत से भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ चूकी है। सड़क की स्थिति इतनी अधिक खराब हो गई है कि एक किलोमीटर की सड़क में आधी सड़क पूरी तरह से टुटकर गढ्ढो में तब्दील हो गई है, तथा अन्य जगहों पर दरारे भी पड़ना शुरू हो गया है।
उल्लेखनीय है कि चिचिरदा चौक से चिचिरदा गांव पहुंच मार्ग तक 21.85 लाख रूपये की लागत से प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत एक किलोमीटर तक डामरीकरण और सीसी रोड का निर्माण किया जाना था। ठेकेदार के द्वारा महज 6 सौ मीटर तक डामर वाली सड़क तो बनाई गई, लेकिन सीसी सड़ को बनाना भूल गई। वही, बनाई गई रोड निर्माण कार्य की गुणवत्ता सही नहीं होने पर सड़क में जानलेवा और खतरनाक गढ्ढे निर्मित हो गए है, जो काफी जानलेवा साबित हो रहा है। स्थानीय राहगीर गिरकर जोटिल हो रहे है। आपको बता दें कि इस रोड पर कसियारा, अमलकुण्डा, डमरू, ताराशिव, भद्रा सहित आसपास के ग्रामीण इसी रोड से आना-जाना करते है, जिन्हें काफी परेशानी उठानी पड़ती है। सबसे ज्यादा परेशानी चिचिरदा गाव के ग्रामीणों को होती है, क्योंकि यह सड़क चिचिरदा पहुंच मार्ग वाली रोड है। चिचिरदा के ग्रामीण मोती पैकरा, प्रशांत यादव, विजय पैकरा, बुद्वेश्वर पैकरा, श्यामलाल कसियारा सेराममुरित पटेल, राजू पटेल, अमलकुण्डा से संजय केंवट, कमलेश पटेल, जीवचन पटेल सहित ग्रामीणों ने ठेकेदार पर आरोप लगाते हुए कहा कि सड़क का निर्माण करते समय ठेकेदार के द्वारा गुणवत्ता का ध्यान नहीं दिया गया गया। वही, निर्माण के दौरान जिम्मेदार अधिकारी भी कार्य की गुणवत्ता को झांकने तक नहीं पहुंचे। जिसके चलते ठेकेदारों के द्वारा निर्माण की गुणवत्ता को दरकिनार कर जमकर भ्रष्टाचार को अंजाम दिया गया। ग्रामीणों ने बताया कि इस रोड का निर्माण के महज 8 माह बाद रोड पूरी तरह से उखड़कर खराब हो गई थी। हालांकि इसका रिपेरिंग कार्य जिम्मेदार विभाग के द्वारा कराया गया था। लेकिन यह मरम्मत की गई सड़क कुछ माह बाद पुनः खराब हो गई और सड़क से डामर, गिट्टी उखड़कर सड़कों पर बिछ रही है। जिसकी वजह से ग्रामीणों को आने-जाने में काफी परेशानी उठानी पड़ रही है। घटिया रोड निर्माण को लेकर ग्रामीणों में काफी आक्रोश देखा जा रहा है। वही, आपको बता दें कि कार्य पूर्णतः तिथि के बाद 5 वर्षो तक ठेकेदारों को मेंटेनेंस कार्य करना होता है, किन्तु बिना मेंटेनेंस कार्य किए ही अधिकारियों की मिलीभगत से ठेकेदारों को भुगतान कर दिया जाता हैै। जिससे ठेकेदारों के द्वारा मेंटेनेंस कार्य करने में कोताही बरती जाती है। जिसके चलते ग्रामीणों और राहगीरों को आने-जाने में काफी परेशानी उठानी पड़ती है।
इस संबंध मे अधीक्षण अभियंता रायपुर, वरुण राजपूत ने कहा कि वह रोड तो मेंटनेंस पीरियड में है, जिसे
दिखवाता हूं।