नगर सहित गांव गांव के चौक चौराहों पर बन और बिगड़ रहे जीत हार का समीकरण
जीत को लेकर भाजपा और कांग्रेस दोनो ही पार्टियां कर रही जीत का दावा
बलौदाबाज़ार,
फागूलाल रात्रे, लवन।
विधानसभा चुनाव के लिए मतदान की समाप्ति के बाद उम्मीदों के बाजार में चर्चाओं का बाजार गर्म है। लोग आंकड़ो के आधार पर सच मानकर गदगद नजर आ रहे है। किसी को वास्तविक स्थिति के लिए मतगणना का इंतजार है। बहरहाल सबकी नजरे 3 दिसम्बर के परिणाम पर टिकी हुई है। लेकिन तब तक कयासो व उम्मीदों का दौर जारी रहेगा। कसडोल विस में किस विधायक के सर पर ताज सजेगा इसके लिए मतदाताओं के द्वारा नगर सहित गांव गांव में अब चैराहे से लेकर पान दुकान तक लोगो का गणित लगने लगा है, लोग अपने-अपने समर्थक को विजयी बनाने का दावा कर रहे है। कोई कह रहा है 20 हजार की लीड से जीतेगा तो कोई 15 हजार की लड़ से जीतने का दम भर रहा है। दोनों ही प्रमुख दलों भाजपा और कांग्रेस की कार्यकर्ता पोलिंग के हिसाब से मतदान की समीक्षा में लगे है, कि किस पोलिंग से किसको फायदा या नुकसान होने वाला है। गांव की चौपालों, नगर की चौक चौराहों पर बैठे लोग बंपर वोट से जीतने का दावा करते फिर रहे है। मतगणना के बाद यह स्पष्ट हो जायेगा, कौन से दल जीत रहे है। लेकिन दोनो ही दलों के लोग अपने-अपने प्रत्याशी की जीत को लगभग सुनिश्चित मानकर चल रहे है, कोई भी अपना हार मानने को तैयार नहीं है। हालांकि कसडोल विस में पिछली बार की तरह कांग्रेस और भाजपा में ही मुख्य मुकाबला देखने को मिल रहा है, लेकिन इस बार दोनो के अलावा निर्दलीय उम्मीदवारों बागियों ने परिणामों को प्रभावित करने की कोशिश की है। जिससे आकलन लगाया जा सकता है, कि इस बार कौन से पार्टी को सबसे अधिक वोंट परसेंट मिला होगा। वही, कांग्रेस समर्थकों का मानना है कि इस बार भी कांग्रेस जितेगी। क्योंकि कांग्रेस ने अपने पिछली पंचवर्षीय में अच्छा काम करके बताया है। इस वजह से कांग्रेसी प्रचंड बहुमत से जीतने का दावा कर रही है। इस बार निर्दलीय प्रत्याशियों ने चुनावी गणित बिगाड़कर रख दिया है, किसी को भी समझ नहीं आ रहा है कि स्पष्ट से रूप से कौन से पार्टी जितेगी। इस बार बीजेपी व कांग्रेस के अलावा निर्दलीय उम्मीदवारों का भी दबदबा रहा है। वही, इस बार भाजपा व कांग्रेस दोनों पार्टियों ने काफी कुछ घोषणा किया है, दोनो ही पार्टियों ने महिला मतदाताओं रिझाने का काम किया है। वही, अमजनमानस का कहना है कि इस बार कोई भी पार्टी जिती सीधे जनता व किसानों को ही फायदा मिलेगा। क्योंकि दोनो ही पार्टियों के द्वारा काफी कुछ घोषणाएं भी की गई है। बहरहाल सबकी नजरे 03 दिसम्बर के परिणाम पर टिकी हुई है।