बलौदाबाजार,
फागुलाल रात्रे, लवन।
फागुलाल रात्रे, लवन।
नगर पंचायत लवन में सुनाराम साहू (खुशरू मण्डल) के यहां स्व. दरसमती की स्मृति श्रीमद् भागवत सप्ताह ज्ञान यज्ञ महापुराण का आयोजन 21 दिसंबर गुरुवार को कलश यात्रा निकालने के पश्चात श्रीमद् भागवत कथा का शुभारंभ हुआ। भव्य डीजे के साथ भागवत पण्डाल से कलश यात्रा निकाला गया। पुरोहित के द्वारा भागवत की पूजा अर्चना की और पूजन के बाद कलश की स्थापना की गई। कथा वाचक डॉ प्रेमनारायण शर्मा (देवकर वाले) ने कहा की श्रीमद् भागवत कथा, ऐसी कथा है, जो सुनने मात्र से वहां का संपूर्ण क्षेत्र दुष्ट प्रवृत्तियों से खत्म होकर सकारात्मक ऊर्जा से सशक्त हो जाता है। उन्होंने कहा की कथा की सार्थकता तभी सिद्ध होती है, जब इसे हम अपने जीवन और व्यवहार में धारण करें। श्रीमद् भागवत कथा के श्रवण से जन्म-जन्मांतर के विकार नष्ट होकर प्राणी मात्र का लौकिक व आध्यात्मिक विकास होता है। उन्होंने अपने प्रवचनों में उपस्थित श्रद्वालुओं को श्रीमद् भागवत पुराण की जानकारी देते हुए कहा कि श्रीमद् भावगत कथा का श्रवण करने से मानव जीवन में एक जन्म नहीं अपितु हमारे कई जन्मों के पापों का नाश होने के साथ ही हमारे शुभ कर्मो का उदय होता है। कथा सुनने मात्र से ही जीव जन्म और मरण के बंधन से मुक्त हो जाता है। डॉ शर्मा ने बताया कि सभी कथाओं में भागवत कथा सबसे श्रेष्ठ मानी गई है। जिस स्थान पर इस कथा का आयोजन हाता है, वो तीर्थ स्थल कहलाता है। इसका सुनने एवं आयोजन कराने का सौभाग्य भी प्रभु प्रेमियों को ही मिलता है। ऐसे में अगर कोई दूसरा अन्य भी इसे गलती से ही श्रवण कर लेता है, तो वो भी कई पापों से मुक्ति पा लेता है। इसलिए सात दिन तक चलने वाली इस पवित्र कथा को श्रवण करके अपने जीवन को सुधारने का मौका हाथ से नहीं जाने देना चाहिए। अगर कोई भी सात दिनों तक व्यवस्तता के कारण नहीं सुन सकता है, तो वह दो तीन या चार दिन ही इसे सुनने के लिए अपना समय अवश्य निकाले। तब भी वह इसका फल प्राप्त करता है, क्योंकि ये कथा भगवान श्रीकृष्ण के मुख की वाणी है, जिसमें उनके अवतार से लकर कंस वध का प्रसंग का उल्लेख होने के साथ साथ इसकी व्यक्ति के जीवन में महत्ता के बारे में भी बताया गया है। इसके सुनने के प्रभाव से मनुष्य बुराई त्यागकर धर्म के रास्ते पर चलने के साथ साथ मोक्ष को प्राप्त करता है। इस मौके पर बड़ी संख्या में लवन नगर के श्रोतागण मौजूद रहे।