मित्रता में अमीर व गरीब का भेद नहीं होता – कथावाचक गौरव जोशी
बलौदाबाजार,
फागुलाल रात्रे, लवन।
फागुलाल रात्रे, लवन।
मनुष्य को अच्छे कर्म करके अपने जीवन को सुखमय बनाना चाहिए जिससे आने वाली पीढ़ी को किसी प्रकार की विपत्तियों का सामना न करना पड़े।
उक्त बातें ग्राम नगोई बिलासपुर से आए कथावाचक पंडित गौरव जोशी ने ग्राम मुंडा में रोशम वर्मा के घर आयोजित संगीतमय श्रीमद् भागवत कथा ज्ञान यज्ञ सप्ताह में सुदामा चरित्र कथा के दौरान कही।
कथावाचक पंडित गौरव जोशी ने सुदामा चरित्र कथा का रसपान करते हुए कहा कि मित्रता में अमीर व गरीब का भेद नहीं होता बल्कि मित्रता की पहचान संकट के समय होती है। मित्रता श्री कृष्ण और सुदामा जैसी होना चाहिए। उन्होंने बताया कि भगवान श्री कृष्ण ने अपनी मित्रता को निभाने के लिए अपने राजमहल से निकलकर गरीब सुदामा को दौड़कर अपने महल में लाकर सिंहासन पर बैठाया तथा उनके चरणों को अपने हाथों से धोया। भगवान श्री कृष्ण ने सुदामा की पत्नी द्वारा दिए गए चावल में से दो मुट्ठी चावल खाकर सुदामा के जीवन यश कीर्ति वैभव प्रदान कर दिए।
पंडित गौरव जोशी ने कथा का रसपान कराते हुए कहा कि मनुष्य को अपने कर्म की अनुकूल ही फल की प्राप्ति होती है सदैव धर्म के मार्ग में चलते रहना चाहिए धर्म की मार्ग पर चलने से मोझ की प्राप्ति होती है, मनुष्य को कभी अहंकार नहीं करना चाहिए भगवान के द्वार पर श्रद्धा विश्वास समर्पण एवं भक्ति भाव से जाना चाहिए, भगवान अवश्य दुखियों को सहारा देते हैं। इसकी पहले पंडित गौरव जोशी ने कृष्ण जन्मोत्सव परीक्षित जन्म रुक्मणी विवाह कथा का रसपान भक्तों को कराया गया। संगीतमय श्रीमद् भागवत कथा सुनने के लिए आसपास के गांवो से बड़ी संख्या में श्रद्धालु प्रतिदिन पहुंच रहे हैं।