बलौदाबाजार,
फागुलाल रात्रे, लवन।
फागुलाल रात्रे, लवन।
22 जुलाई को श्रावण मास के कृष्ण पक्ष की प्रतिपदा तिथि को श्रावण मास का शुभारंभ प्रथम सोमवार और श्रावण मास का आखिरी तिथि भी सोमवार को समाप्त होगा। प्रथम श्रावण सोमवार 22 जुलाई को श्रावण मास का कृष्ण पक्ष प्रतिपदा पार्थिव शिवपूजन प्रारंभ होगा द्वितीय सोमवार 29 जुलाई श्रावण मास का कृष्ण पक्ष नवमी तिथि 5 अगस्त तृतीय सोमवार शुक्ल पक्ष प्रथमी तिथि 12 अगस्त चतुर्थ सोमवार श्रावण मास शुक्ल पक्ष सप्तमी तिथि तथा आखिरी व पंचम सोमवार 19 अगस्त को श्रावण मास शुक्ल पक्ष पूर्णिमा तिथि को श्रावणी पड़ेगा देवों के देव महादेव की पूजा के लिए सावन मास को बेहद शुभ माना जाता है। श्रावण मास में सोमवार व्रत रखने की परंपरा सदियों से चली आ रही है। सावन सोमवार को उपवास रखने से जीवन में सुख समृद्धि और तरक्की की योग बनते हैं। इस दौरान महादेव और देवी पार्वती की एक साथ पूजा करने से वैवाहिक जीवन में खुशहाली बनी रहती है। सावन मास के चातुर्मास होने कारण इस मास का महत्व अधिक बढ़ जाता है। इस साल पहले श्रावण सोमवार में भगवान शिव को चढ़ाने वाले अक्षत सफेद फूल चंदन भांग धतूरा गायक का दूध पंचामृत सुपारी और बेलपत्र आदि का महत्व काफी बढ़ जाता है। नगर पंचायत लवन के भागवताचार्य तलाश कृष्णा पांडे अजय विजय पांडे द्वारा बताया गया कि श्रावण मास में पार्थिव शिवलिंग निर्मित कर पवन पाठ के साथ रुद्राभिषेक करने से धर्म अर्थ काम मोक्ष या तत्काल मनोकामना पूर्ति करने वाला योग होता है। शास्त्र अनुसार भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए रुद्राभिषेक से बढ़कर कोई अन्य पूजा नहीं होती घी शक्कर का भोग समर्पित करें मांस मदिरा जैसे चीजों से दूर रहें। ब्रह्मचर्य का पालन करें केकती के फूलों का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए। कहा जाता है की केकती के फूल चढ़ाने से भगवान शिव जी नाराज होते हैं। इसके अलावा तुलसी की कभी भी भगवान शिव जी को अर्पित नहीं किया जाता साथ ही शिवलिंग पर कभी भी नारियल का पानी नहीं चढ़ाना चाहिए। भगवान शिव जी को हमेशा कांस्य और पीतल के बर्तन से जल चढ़ाना चाहिए। कावड़ यात्रा कर भगवान शिव की पूजा करनी चाहिए। भगवान शिव को शुद्ध जल दूध दही से स्नान कर रुद्राभिषेक किया जाना चाहिए। श्रावण मास की प्रतिपदा तिथि आज सोमवार से ही सभी मंदिर देवालयों और शिव मंदिर में जगह-जगह भक्तों की काफी भीड़ देखने को मिलेगा। शिव भक्तों द्वारा कावड़ यात्रा भी निकाला जाता है। खासकर लवन क्षेत्र के शिव भक्तों द्वारा खरोद धाम एवं सिरपुर धाम के लिए पदयात्रा करते हुए कावड़ यात्रा निकालकर भगवान भोलेनाथ को जल समर्पित किया जाता है।