बलौदाबाजार,
फागुलाल रात्रे, लवन।
फागुलाल रात्रे, लवन।
परिवहन विभाग में ट्रैक्टर-ट्राली का पंजीयन कृषि उपयोगी कार्यो के लिए होता है। लेकिन सड़को पर रेत, मुरूम, मिट्टी से लेकर सवारियां ढोने में उपयोग होता है। प्रशासन व आरटीओ विभाग एवं खनिज विभाग के द्वारा इन पर कार्रवाई भी नहीं की जाती। अभियान के नाम पर महज खानापूर्ति करके छोड़ दिया जाता है। कृषि कार्य में उपयोग होने वाले ट्रैक्टर-ट्राॅली को टैक्स मुक्त रखा है। टेक्टर मालिक द्वारा कृषि कार्य के नाम से पंजीयन कराकर अवैध खनिज उत्खनन या सवारी ढोने में उपयोग किया जाता है। इनके व्यावसायिक कार्यो से आरटीओ को भी हर माह लाखों रूपए के राजस्व का नुकसान होता है। फिर भी विभाग के अधिकारी इन पर कार्रवाई नहीं करते है। एक ओर सरकार किसानों को कृषि कार्य के संसाधनों व यंत्रो पर लाखो रूपए का अनुदान देती है दूसरी तरफ व्यवसायी किसानों की आड़ में शासन से अनुदान प्राप्त कर ट्रैक्टर-ट्राॅली खरीदकर अन्य कार्यो में उपयोग में उपयोग करते है। आरटीओ कार्यालय के अनुसार ट्रैक्टर-ट्राॅली का कमर्शियल उपयोग के लिए पंजीयन शुल्क निर्धारित होता है। एक प्रतिशत परिवहन के नाम पर लिया जाता है। फिलहाल जिले में पंजीयन कमर्शियल उपयोग के लिए नहीं किया है। इससे यातायात नियमों का उल्लंघन हो रहा है। साथ ही सड़को पर तेजगति से दौड़ते ट्रैक्टर से हादसों को निमंत्रण दे रहे है। वही, कम उम्र के नाबालिगों को भी ट्रैक्टर मालिकों के द्वारा स्टेरिंग को थमा दिया जाता है। नाबालिग के पास लाइसेंस नहीं होता है और न ही उसके पास अनुभव होता है। नाबालिग नगर की सड़कों पर बेधड़क रूप से ट्रैक्टर वाहन चलाते है, जिससे लोगों को हमेशा ही भय बना रहता है। वही, नियमों की बात करे तो नियमानुसार ट्रैक्टर ट्राॅली का उपयोग केवल जुताई, व किसानों द्वारा अपने अनाज के परिवहन में किया जाना चाहिए। परेशानी की बात यह है कि इन वाहनों में ओवर लोडिंग भी की जा रही हे।
इस संबंध में परिवहन विभाग के प्रधान आरक्षक राजेश पर एवं खनिज विभाग के माइनिंग इंस्पेक्टर भूपेंद्र भक्त से संपर्क करने की कोशिश की गई किंतु उनके द्वारा फोन रिसीव नहीं किया गया