लवन। रोपण के लिए प्रेरित करता जापानी मियावाकी तकनीक मूल ब्रह्मा, त्वचा विष्णु , शाखायाम तू शंकरा पत्रे पत्रे तू दी, देवानाम, हे वृक्षराज नमस्तुते, यह कहना है वन कर्मचारी संघ नवनियुक्त जिला अध्यक्ष मनबोधन टंडन का। जिन्होंने लोगों को प्रेरित करने के उद्देश्य से 2022 में 17 प्रजातियों के पौधे 416 नग उक्त जापानी मियावाकी तकनीक से रोपित किए थे। आज वे पौधे लगभग वृक्ष बनने के कगार पर हैं। इसी तरह इन्होंने धाराशिव परिसर में 1 हे. रिक्त वनभूमि में 700 गंगाइमली , करंज आम प्रजाति के पौधे लगाए जो सुरक्षित हैं। टंडन ने लोगों से अपील करते हुए कहा कि इस मानसून में प्रत्येक व्यक्ति 5 वृक्ष लगाएं और उनका सुरक्षा भी करें, ताकि अगली पीढ़ी संभावित आपदाओं से बच सकें। आज हर किसी को प्रकृति तो अच्छी लगने लगी है, लोगों ने प्राकृति से जुड़ना शुरू किया है। लेकिन पौधे लगाने में दिलचस्पी नहीं ले रहे है। इसकी न केवल रोपण करना है बल्कि सुरक्षा एवं संवर्धन की भी जिम्मेदारी लेनी है। क्योंकि वन है तो जल है और जल है तो कल है हमें वृक्ष आज के लिए नहीं अपितु हमारी अगली पीढ़ी के लिए रोपित, सुरक्षित और संवर्धित करना है।