ठेका में पैंतीस सौ रुपिये प्रति एकड़ के हिसाब से चल रहा धान की कटाई
बलौदाबाजार,
फागुलाल रात्रे, लवन।
फागुलाल रात्रे, लवन।
लवन सहित अंचल में धान कटाई जोरों से शुरू हो चुकी है। इसके साथ ही गांव-गांव में मजदूर का संकट भी पैदा होने लगा है। मजदूरों की समस्या के चलते ही कई किसान हार्वेस्टर से धान कटाई करवा चाह रहे है, लेकिन जमीन गिला होने की वज़ह से हार्वेस्टर से कटाई नहीं हो पा रहे हैं। वहीं, इस वर्ष अधिक बारिश होने के कारण अनेक गांव में कन्हार मिट्टी वाले खेत एवं खासकर बांध व तालाब के नीचे खेतों मे अभी भी नमी बनी हुई है। जिसके चलते हार्वेस्टर से कटाई के लिए समय लग रहा है।
दीपावली के बाद गांव गली सूना पड़ गया है। सभी किसान अपने खेतों में धान कटाई या फसल को खलिहान तक लाने मे जुट गए हैं। मजदूर एवं लघु व सीमांत किसान बाहुल्य गांवों में तो श्रमिक समस्या नहीं है क्योंकि वे अपनी फसल की कटाई स्वयं परिवार सहित करते हैं। अनेक गांवों में छोटे किसान बारी-बारी से एक दूसरे की फसल की कटाई कर रहे हैं लेकिन अधिकांश गांवों में मजदूर की समस्या बनी हुई है।
गांव के गलियों एवं सड़कों पर चहल पहल कम हो गई है। सभी किसान जितनी जल्दी हो सके खड़ी फसल काटकर खलिहान तक पहुंचाने के लिए मशक्कत कर रहे हैं। धान कटाई के लिए पंजाब, हरियाणा व स्थानीय से हार्वेस्टर लेकर से किसान बड़े पैमाने पर कटाई कराने का इंतज़ार कर रहे है।
ग्राम कोरदा निवासी कृषक जोगेंद्र वर्मा ने बताया कि उनके गांव में फसल कटाई के लिए मजदूर नहीं मिल रहे हैं। वही, मजदूरी में कोई नहीं जाना चाहता जिसके चलते अनेक किसान 3500 रुपए प्रति एकड़ की दर से ठेका देकर धान की कटाई करा रहे हैं।
ठेका में प्रति एकड़ 3500 रुपए
सभी किसान अभी जोरों से किसानी कार्य में जुटे हुए हैं जिस कारण गांवों में सन्नााटा पसरा हुआ है। किसान सुबह से ही फसल कटाई के लिए निकल जाते हैं तथा देर शाम पहुंचते हैं। कोरदा के ही किसान रोम वर्मा का कहना है ठेका देकर धान कटाई करना ज्यादा अच्छा रहता है। गांव में प्रति एकड़ 3500 रुपए के हिसाब से ठेका चला रहा है।
समर्धन मूल्य में धान की खरीदी 14 नवंबर से शुरू होगी
सरकार ने इस वर्ष किसानों के हित को ध्यान में रखते हुए समर्थन मूल्य में धान की खरीदी 14 नवम्बर से शुरु हो रही है। लेकिन इस वर्ष सहकारी समिति के कर्मचारी संघ अपनी 3 सूत्रीय मांगों को लेकर अनिश्चितकालीन हड़ताल पर है। जिसकी वजह से धान की खरीदी प्रभावित रहेगी। किसान धान की कटाई समय पर तो कर लेंगे लेकिन समिति कर्मियों की हड़ताल से किसानों को बड़ी समस्या का सामना करना पड़ेगा। वही, अधिकांश किसान हार्वेस्टर का इंतजार कर रहे है। लेकिन जमीन गिला होने की वज़ह से हार्वेस्टर नहीं चल रहे है। अधिकांश किसान खेतो में ही थ्रेशर मशीन से धान की मिंजाई कराते है, लेकिन समस्या जमीन का गिला होना है। जमीन गिला होने की वज़ह से खेती किसानी के काम में देरी हो रही है।