बलौदाबाजार,
फागुलाल रात्रे, लवन।
फागुलाल रात्रे, लवन।
दिवाली के दूसरे दिन गोवर्धन पूजा का पर्व बड़े उत्साह के साथ मनाया गया। लवन नगर सहित ग्रामीणों ने परंपरागत तरीके से गोबर से गोवर्धन बनाकर भगवान श्रीकृष्ण और गोवर्धन पर्वत की पूजा-अर्चना की। इसके साथ ही अंचल में गौरा-गौरी का पर्व भी उत्साह के साथ मनाया गया। बड़ी संख्या में लोग गौरा-गौरी (शिव-पार्वती) के विवाह के साक्षी बने। इसके बाद ग्रामीणों ने गौरा-गौरी की शोभायात्रा निकाल गाजे-बाजे के साथ प्रतिमा का विसर्जन किया।
दिवाली की रात गौरा-गौरी के विवाह की परंपरा निभाई जाती है। खासकर आदिवासी बाहुल्य क्षेत्रों में इसे प्रमुख तौर पर मनाया जाता है। 4 दिनों तक विवाह की सभी रस्में निभाने के बाद शनिवार को पूरे विधि-विधान से पूजा अर्चना कर गौरा-गौरी की प्रतिमाओं का विसर्जन किया गया। लवन सहित ग्रामीण क्षेत्रों में भी सुबह से ही गौरा-गौरी पर्व की धूम रही। पारंपरिक गड़वा और बैंड बाजा की धुन पर गौरा-गौरी गीत के साथ विसजर्न किया गया। गौठान में हुई परंपरागत गोवर्धन पूजा गोवर्धन पूजा पर भी घरों में जहां गोवर्धन पूजा की गई, वहीं मुख्य रूप से यदुवंशियों ने गौठानों में गोवर्धन पर्वत और भगवान श्रीकृष्ण की विधि विधान से पूजा अर्चना की साथ ही गोमाता को परंपरागत पकवान खिचड़ी और गुड़ खिलाए। साथ ही गोमाता को सोहाई (पशुओं को जाने वाला आभूषण) पहनाने की परंपरा निभाई गई। जिसे देखने पूरा गांव उमड़ा।