गोवंश पशुओं को विशेष व्यंजन के साथ खिलाई गई खिचड़ी
बलौदाबाजार,
फागुलाल रात्रे, लवन।
फागुलाल रात्रे, लवन।
ग्रामीण क्षेत्रों में प्रातः से ही लोगों को गोवंश पशुओं के लिए विशेष रूप से व्यंजन तैयार किया गया था। जिसमें चांवल, दाल, खीर, पुडी, बड़ा खट्टा सब्जी के साथ खिचड़ी खिलाया गया। गाय, बैल, भैस सही गोवंश पशुओं को नहला धुला कर विशेष रूप से पूजा अर्चना किया गया। गोवर्धन पूजा, हिंदू धर्म का एक महत्वपूर्ण त्योहार, भगवान कृष्ण की विजय का जश्न मनाता है। यह त्योहार भाई दुज के एक दिन पहले मनाया जाता है, जो दीपावली के त्योहार के बाद आता है। पौराणिक कथाओं के अनुसार इसी दिन भगवान कृष्ण ने देव राज इन्द्र की अहंकार को तोड़ने गोवर्धन पर्वत को उठाकर अपने गाँव को अति वर्षा से बचाया था यह त्योहार समृद्धि और खुशहाली का प्रतीक है।लोग अपने अपने कोठों पर गोवर्धन पर्वत बनाकर विधि विधान पूर्वक पूजा अर्चना करते हैं. इसी दिन ग्रामीणों द्वारा पारंपरिक रूप से इशर राजा देवाधिदेव महादेव भगवान शंकर (गौरा) और माता पार्वती गौरी का विधि विधान पूर्वक मूर्ति स्थापना कर विवाह संपन्न करा कर पारंपरिक वाद्य यंत्रों मंदार की थाप पर नाचते झूमते हुए भक्ति भावना के साथ मूर्ति विसर्जन किया गया।