बलौदाबाजार,
फागुलाल रात्रे, लवन।
फागुलाल रात्रे, लवन।
ग्राम पंचायतो में स्वच्छ भारत मिशन के अंतर्गत गांव को स्वच्छ एवं सुंदर रखने के लिए लाखों रुपए खर्च करने के बाद भी अंचल के अधिकांश गांव स्वच्छ सुंदर ग्राम की दिशा में आगे नहीं बढ़ रहे हैं। जिम्मेदार अधिकारी कर्मचारियों के द्वारा गांव में स्वच्छ भारत मिशन के कामों की मॉनिटरिंग नहीं करने के कारण ही सरपंच एवम सचिवों की निष्क्रियता व उदासीनता के चलते कई ग्राम पंचायतो में स्वच्छता अभियान का हाल बेहाल है। कई जगहों पर कूड़ा कचरा का ढेर लगा हुआ है जिससे राहगीर व ग्रामीण परेशान है।
स्वच्छ भारत मिशन अंतर्गत जनपद पंचायत बलौदाबाजार क्षेत्र के मुंडा जुड़ा अहिल्दा चिचिरदा लाहोद परसाडीह पंडरिया कारी डोटोपार सहित 41 ग्राम पंचायतो में वर्ष 2020-21 में कचरा प्रबंधन एवम डोर टू डोर कचरा कलेक्शन के लिए मोटी रकम खर्च कर ई रिक्शा लिया गया था। शुरुआत में ग्राम पंचायतो के द्वारा गांव की साफ सफाई एवं कचरा इकट्ठा करने के लिए स्वच्छता समूह को राशि दिया जा रहा था तो स्वच्छता समूह भी सक्रिय होकर काम कर रहे थे। किंतु स्वच्छता समूह को ग्राम पंचायतो से राशि नहीं मिलने के कारण स्वच्छता समूह की महिलाएं साफ सफाई करना बंद कर दिए जिससे लाखों रूपयो का ई रिक्शा अनुपयोगी व जर्जर तथा कबाड़ होने लगा है। जिसके चलते अंचल में स्वच्छता मिशन का हाल बेहाल है। क्षेत्र में स्वच्छता मिशन से डोर टू डोर कचरा कलेक्शन नहीं होने के कारण ग्राम पंचायत में गंदगी ही गंदगी पसरा हुआ है। जिसके चलते ही स्वच्छ भारत मिशन अंतर्गत चलाए जा रहे स्वछता अभियान का असर धरातल पर नहीं दिख रहे हैं।
मिली जानकारी के अनुसार शासन के गाइडलाइन अनुसार आठ पंजीकृत संस्था द्वारा आई एस आई मार्क द्वारा स्वच्छ भारत मिशन अंतर्गत प्रदाय की जाने वाली सामग्री रिक्शा व अन्य का उठाव किया जाना था लेकिन राजनीतिक संरक्षण के चलते नियम व मानक का अनदेखी करते हुए कमीशन के खेल में घटिया व निम्न स्तर के ई-रिक्शा 41 ग्राम पंचायतो को प्रदाय किया गया था। वही नियमों के तहत स्वच्छ भारत मिशन अंतर्गत प्रदाय की जाने वाली सामग्री की जिम्मेदारी ग्राम पंचायतो को स्वतंत्र किया गया था किंतु ग्राम पंचायतो को विश्वास में लिए बगैर अपंजीकृत संस्था द्वारा परिवहन किया गया था। दैनिक भास्कर की ग्राउंड रिपोर्टिंग के अनुसार अधिकांश ग्रामों में कचरा कलेक्शन कार्य सही ढंग से नहीं हो रहा है। जिम्मेदार अधिकारियों के उदासीनता व अनदेखी के कारण भारत सरकार की यह महती योजना विकासखंड में दम तोड़ रहे हैं। ग्राम पंचायत को दिए गए ई रिक्शा का सही उपयोग नहीं होने के कारण बरसात हो या गर्मी के दिनों में एक ही स्थान में पड़े रहने के कारण कबाड़ के रूप में तब्दील हो गया है। जिस पर ग्रामीणों ने शासन प्रशासन से जिम्मेदार अधिकारी कर्मचारी व संबंधित ग्राम पंचायत के सरपंच सचिव पर कड़ी कार्रवाई की मांग की गई है।
इस संबंध में जनपद पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी एम एल मंडावी ने चर्चा के दौरान कहा कि मेरे जानकारी में नहीं है। बैठक लेकर समीक्षा के बाद ही कुछ बता पाऊंगा।
इस संबंध में ग्राम पंचायत लाहोद के सचिव होरीलाल साहू ने बताया कि स्वच्छ भारत मिशन के तहत पांच ई -रिक्शा प्रदाय किया गया था। जब तक स्वच्छ भारत मिशन के तहत फंड था तब तक स्वच्छता समूह को पंचायत से भुगतान किया गया। फंड नहीं आने पर ई-रिक्शा का उपयोग नहीं हो रहा है। ई-रिक्शा को स्वच्छता समूह को हैंड ओवर कर दिया गया हैं।
इस संबंध में ग्राम पंचायत पंडरिया के सचिव महेंद्र साहू ने चर्चा के दौरान बताया कि 1 साल से स्वच्छ भारत मिशन के तहत फंड नहीं आ रहा है जिसके चलते ई रिक्शा का उपयोग नहीं हो रहा है। राशि नहीं मिलने के कारण स्वच्छता समूह की महिलाएं भी ध्यान नहीं दे रहे हैं।
इस संबंध में ग्राम पंचायत अहिल्दा के सरपंच झब्बू साहू ने बताया कि शासन की योजना सही था किंतु फंड की कमी के चलते कई ग्राम पंचायत में उसका उपयोग नहीं हो रहा है।हमारे ग्राम पंचायत में उपयोग हो रहा है।