बलौदाबाजार,
फागुलाल रात्रे, लवन।
ग्राम कोलिहा में चल रहे सरोजिनी बाई रामकुमार वर्मा पुष्पा रामसनेही वर्मा श्याम भाई राम अवतार वर्मा परिवार द्वारा स्वर्गीय जवाहरलाल वर्मा ज्वाला प्रसाद वर्मा की पुण्य स्मृति में संगीत मय श्रीमद् भागवत कथा ज्ञान यज्ञ सप्ताह के पांचवा दिवस कथावाचक पंडित तलाश कृष्णा पांडे द्वारा कृष्ण रुक्मणी विवाह का मनोरम एवं जीवंत झांकी प्रस्तुत कर स्रोतों को भाव विभोर कर दिए कथा वाचक द्वारा रुक्मणी विवाह का वर्णन करते हुए बताया कि कृष्ण रुक्मणी विवाह की कहानी हिंदू पौराणिक कथाओं में एक महत्वपूर्ण स्थान रखती है। यह कहानी भगवान कृष्ण और रुक्मिणी के विवाह के बारे में है, जो भगवान कृष्ण की सबसे प्रमुख पत्नियों में से एक हैं। भगवान कृष्ण और रुक्मिणी का विवाह एक प्रेम कहानी है, जिसमें कृष्ण ने अपनी बुद्धिमत्ता और बल से रुक्मिणी का दिल जीता। रुक्मिणी विदर्भ के राजा भीष्मक की पुत्री थीं और उनकी सुंदरता की चर्चा पूरे क्षेत्र में थी। कृष्ण ने रुक्मिणी को देखा और उन्हें उनसे प्रेम हो गया। जब रुक्मिणी का विवाह शिशुपाल से तय हुआ, तो कृष्ण ने उन्हें बचाने के लिए उन्हें अगवा कर लिया और फिर उनका विवाह हुआ। कृष्ण रुक्मणी विवाह हिंदू धर्म में एक महत्वपूर्ण घटना है, जो भगवान कृष्ण की प्रेम और बलिदान की भावना को दर्शाती है। यह विवाह कृष्ण की 8 पत्नियों में से एक है, जिनमें से प्रत्येक का अपना महत्व और कथा है। कथा के दौरान जमुना संजीव वर्मा, गेंदु राम वर्मा, रामशंकर वर्मा, शिव कुमार वर्मा, हीरा वर्मा, रामनारायण वर्मा, पूजा वर्मा, डॉ हितेंद्र वर्मा, कल्पना वर्मा, दामेश्वर वर्मा, राहुल वर्मा, रेनू वर्मा, रागिनी वर्मा, रूपनारायण वर्मा, खुशबू वर्मा, डाली वर्मा, अक्षिता वर्मा मुख्य रूप से उपस्थित थे।