बलौदाबाजार,
फागूलाल रात्रे, लवन।
फागूलाल रात्रे, लवन।
गर्मियों के दिनों में ठंडे पेयजल के रूप में काम में लिए जाने वाले मिट्टी के घड़ो की मांग अब बढ़ने लगी है। सेहत के लिए उत्तम एवं बेहतर पेयजल हमेशा प्रदान करने वाले गरीबो के फ्रिज अब लवन नगर के बाजार में उपलब्ध हो गए है। रविवार को लवन के साप्ताहिक बाजार में बाजार चौक में कुम्भकारो ने अपनी दुकाने लगा ली है। अंचल में अब तेज धूप झुलसाने लगी है। ऐसे में लोग शीतल पेयजल के लिए मटके खरीदने लगे है। देशी फ्रिज की जगह बिजली से चलने वाले फ्रिज ने स्थान ले लिया है। इसलिए समय के साथ अब इनका महत्व भी धीरे-धीरे कम होने लगा है, लेकिन मध्यम और गरीब तबके के लोग आज भी गर्मियों में ठंडे पानी के लिए मटके का ही उपयोग कर रहे है। सैकड़ो सालों से लेकर आज भी लोग इन मिट्टी के घड़ो का प्रयोग करते आ रहे है। इन घड़ो का जल आज भी लोग बड़े चाव से पीते है। बेशक बिजली से चलने वाले फ्रिज ने घड़ो का स्थान ले लिया है, लेकिन आज भी कुछ उत्सवो पर इन देशी फ्रिज का वजूद देखने को मिल रहा है। देशी फ्रिज की मांग आज के वैज्ञानिक युग में भी उतने ही लोकप्रिय है जितने पहले के जमाने में होते थे। कड़ी मेहनत के बाद भी अच्छे दाम नहीं मिलने से अब कुम्हार भी मिट्टी के बर्तन बनाने में विशेष रूचि नहीं दिखा रहे है। नई पीढि भी पुश्तैनी काम में रूचि नहीं ले रहे है। आने वाले समय में देशी फ्रिज बड़ी मुश्किल से ही मिल पायेंगे। गरीबो के देशी फ्रिज आज उतने लोकप्रिय नही है जितने पहले होते थे। आज भी भीषण गर्मी में सड़क किनारे मटको में शीतल पेयजल मिलता है जहाँ ठंडा पानी पीने के लिए राहगीर रूकते है। घडो का पानी पीकर वे शकुन महसूस करते है। बुजूर्ग व्यक्ति तो आज भी देशी फ्रिज का पानी को विभिन्न रोगो का कारण मानते हुए घड़ो के पानी को ही पसंद करते है। मिट्टी के घड़ो का व्यापार करने वाली हरदी गांव की महिला मेलबाई प्रजापति ने बताया कि पहले की अपेक्षा अब मिट्टी के घड़े की मांग कम हो गई है। पहले बाजार में 200 मटके आसानी से बिक जाते थेेे। अब 50 मटके ही बमुश्किल से बिकते है। ग्राहको की डिमांड व साईज के हिसाब से कीमत तय किये गए है। 130 रू 90, 70 व 50 रूपये तक के मटके बाजार में उपलब्ध है। घड़ा बनाने वाला मिट्टी बमुश्किल से ही मिल पाता है, जहाँ भी मिट्टी मिलता है, वहां से मिट्टी को लाना महंगा पड़ता है। बेशक घड़ो की कद्र कम हो गई हो, लेकिन आज भी घड़ो को भुलाया नहीं जा सकता है। घड़ो में पानी लम्बे समय तक ठंडा रहता है, जिसे पीने से शरीर को किसी प्रकार की कोई नुकसान नहीं होती है।