बलौदा बाज़ार
फागूलाल रात्रे, लवन।
दीपावली का पर्व आने को है, दीपावली आते ही मिलावट करने वाले व्यापारियों द्वारा इसका जमकर फायदा उठाने की कोशिश की जाती है। महज खानापूर्ति के तहत खाद्य विभाग के तरफ कार्रवाई की जाती है। मिलावट का कारोबार को रोकने में विभाग लाचार साबित हो जाता है। विभाग की लचर कार्यप्रणाली के चलते खाद्य पदार्थो में मिलावट थमने का नाम नहीं ले रहा साथ ही साथ ही विशेष त्यौहारों पर मिलावट का कारोबार चरम पर पहुंच जाता है। दीपावली का त्यौहार नजदीक आते ही मानों एक मिलावट का बाजार ही खड़ा होने लगता है। मिठाई, मावे और अन्य खाद्य पदार्थो में जमकर मिलावट शुरू कर दी जाती है, अब यदि सावधान बरती जाए तो मिलावटी खाद्य पदार्थो की पहचान भी आसानी से की जा सकती है। आपको बता दे कि मिलावटी खाद्य पदार्थो का सेवन सेहत के लिए खतरा भी पैदा कर सकता है। इससे बचने के लिए प्रतिष्ठित व भरोसेमंद दुकानों से ही खाद्य पदार्थ लेना चाहिए। डिब्बा बंद पदार्थो को लेने के पहले उनकी एक्सपायरी डेट अवश्य देखना चाहिए। मिलावटी खाद्य पदार्थो के सेवन से सेहत बिगड़ सकती है। ऐसे में खाद्य पदार्थो को लेने से पहले सतर्क रहने की आवश्यकता है। खाद्य पदार्थो में मिलावट करने वाले लोग इतनी सफाई से मिलावट करते है कि आम आदमी को इनकी पहचान करना टेड़ी खीर जैसा होता है। त्यौहार आते ही मिलावटखोर और ज्यादा सक्रिय हो जाते है। कोई भी बड़ा त्यौहार आते ही मिलावट का धंधा जोर पकड़ने लगता है। ऐसे में मिलावटखोर बड़े पैमाने पर अपना धंधा शुय कर देते है। मिलावटी जीजों से सावधान रहने की आवश्यकता है, क्योंकि खाने की चीजों में मिलावट करना अस्पताल भी पहुंचा सकती है। त्यौहार का समय नजदीक आते ही मिठाई की मांग बढ़ जाती है। ऐसे में मांग को पूरा करने के लिए मिलावटखोर मुनाफे के लालच में लोगों की सेहत के साथ खिलवाड़ करने से भी नहीं चूकते है। दूध और खोवे की सबसे ज्यादा जरूरत होती है। उनकी कमी को पूरा करने के लिए भी दुकानदार भी इन मिलावटखोरो से समझौता कर लेते है।