बलौदाबाजार,
फागूलाल रात्रे, लवन।
फागूलाल रात्रे, लवन।
नगर पंचायत लवन में स्वर्गीय राजेन्द्र प्रसाद पाण्डेय (बच्चा महराज) परिवार द्वारा पूर्वजो की स्मृति में श्रीमद् भागवत कथा का आयोजन कथा स्थल राजेन्द्र एजुकेशनल एकेडमी लवन में 21 से 27 दिसम्बर से चल रही है। कथावाचक आचार्य विनयकांत त्रिपाठी ने भक्तों को भगवान वामन अवतार व श्रीष्ण जन्म का प्रसंग सुनाया। उन्होंने बताया कि श्रीमद् भागवत कथा सुनने से मनुष्य के कई जन्मों के पापों का क्षय हो जाता है। हमें भागवत कथा सुनने के साथ साथ उसकी शिक्षाओं पर भी अमल करना चाहिए। उन्होंने बताया कि वामन अवतार के रूप में भगवान विष्णु ने राजा बलि को यह शिक्षा दी कि दंभ और अंहकार से जीवन में कुछ भी हासिल नहीं होता और यह धन संपदा क्षण भंगुर होती है। इसलिए इस जीवन में परोपकार करों। उन्होंने बताया कि अहंकार, गर्व, घृणा और ईषर्या से मुक्त होने पर ही मनुष्य को ईश्वर की कृपा प्राप्त होती है। ईषालु व्यक्ति अपने जीवन में कभी तरक्की नहीं कर सकता। ऐसे व्यक्तियों को भगवान सूर्य, वायु, नदियों, बादलों व वृक्षों इत्यादि से प्रेरणा लेनी चाहिए। भगवान सूर्य बिना किसी भेदभाव के सृष्टि के सभी प्राणियों को अपना प्रकाश देते हैं। वायु सभी जीवों में प्राणों का संचार करती है। बादल परोपकार के लिए गरजते हुए वर्षा करते है, नदियां किसी से नहीं पूछती कि तुम मेरा जल क्यों पीते हो और वृक्ष भी किसी व्यक्ति से यह नहीं पूछते कि तुम मेरे फल क्यों तोड़ते हो, लेकिन स्वार्थी मानव इष्र्यालु होता जा रहा है। यदि अपना उद्धार करना चाहते हो तो परोपकार में अपना जीवन लगाओ, जिससे तुम्हारा कल्याण होगा। कथा के बीच में वामन भगवान की आकर्षक झांकी दिखाई गई। वही, इसके पश्चात श्रीकृष्ण जन्म का वर्णन श्रद्धालुओं को भाव-विह्वल कर गया। कारागार का दृश्य, देवकी–वसुदेव का संघर्ष और दिव्य प्रकाश में भगवान कृष्ण का अवतरण जैसे ही मंच से सुनाया गया, पंडाल में भक्ति भाव चरम पर पहुँच गया। वसुदेव द्वारा नवजात कृष्ण को यमुना पार कर गोकुल ले जाने का प्रसंग सुनकर कई श्रद्धालुओं की आंखें नम हो गईं। कथास्थल पर सुरक्षा की सुदृढ़ व्यवस्था की गई थी। दिनभर भजन, संकीर्तन और शंखनाद से धार्मिक वातावरण बना रहा। आयोजकों के अनुसार कथा में प्रतिदिन श्रद्धालुओं की संख्या बढ़ रही है।











