बलौदाबाजार,
फागूलाल रात्रे, लवन।
फागूलाल रात्रे, लवन।
पूरा साल निकलने को है किंतु अब तक 15 वित्त आयोग की राशि ग्राम पंचायतो को नहीं मिली है। ग्राम पंचायतो की मूलभूत सुविधाओ के लिए महत्वपूर्ण 15वें वित्त आयोग की राशि ग्राम पंचायतो को जारी नहीं किए जाने के चलते गांवो में विकास ठप पड़ा हुआ है। वही ग्राम पंचायतो में मूलभूत सुविधाओं के अभाव के चलते ग्रामीणों में आक्रोश देखा जा रहा है। ग्रामीणों के आक्रोश को देखते हुए सरपंचों ने 15 वे वित्त आयोग की राशि तत्काल ग्राम पंचायत में जारी किए जाने की मांग की है।
छत्तीसगढ़ राज्य में पंचायत चुनाव संपन्न होने के बाद से प्रदेश सहित जिले के ग्राम पंचायतो को 15वें वित्त एवं 16वे वित आयोग की राशि नहीं मिलने से ग्रामीण क्षेत्रों में विकास कार्य पूरी तरह ठप पड़ा हुआ है। सफाई रोशनी सड़क नाली निर्माण जैसे काम के लिए भी फंड नहीं है। ग्राम पंचायतो में राशि नहीं होने से गांवो में बुनियादी सुविधाओं के लिए ग्रामीण तरस रहे हैं। ग्रामीण 15 वे वित्त आयोग की राशि नहीं आने की जानकारी से अनजान है इस कारण वे निर्वाचित सरपंचो पर सवाल उठा रहे हैं। ऐसे में उनकी साख कमजोर हो रही है। सरपंचों का कहना है कि इस स्थिति ने उन्हें केवल नाम मात्र का सरपंच बनाकर रख दिया है। गांवो की समस्याओं का समाधान करने के लिए उनके पास आवश्यक फंड नहीं है जिसके चलते गांव में कुछ भी काम नहीं करवा पा रहे हैं और सभी विकास कार्य रुक गए हैं। बलौदाबाजार सरपंच संघ अध्यक्ष मोहन बंजारे जुड़ा सरपंच राजेश नेताम पैंजनी सरपंच लुकेश्वर वर्मा चिरपोटा सरपंच प्रतिनिधि प्रदीप बंजारे लच्छनपुर सरपंच भूपेंद साहू टोनाटार सरपंच विष्णु कोसले सहित अन्य सरपंचों ने बताया कि 15 वे वित्त आयोग की राशि नहीं मिलने के कारण ग्राम पंचायतो के विकास के लिए शासन का मुंह ताकना पड़ रहा है। केंद्र और राज्य सरकार द्वारा 15 वित्त आयोग के माध्यम से ग्राम पंचायतो को आर्थिक मदद दी जाती है लेकिन इस बार पंचायत चुनाव से लेकर अब तक यह राशि ग्राम पंचायतो को नहीं मिली है। जिसके चलते गर्मी एवं बरसात के दिनों में गांवो में पेयजल एवं अन्य मूलभूत सुविधाओं की व्यवस्था करने के लिए व्यापारियों से लिए गए समान की राशि का अब तक भुगतान नहीं हो पाया है। पंचायत को राशि नहीं मिलने के कारण पंचायत कर्ज में डूबती जा रही है।
केंद्र सरकार से मिलता है आर्थिक अनुदान
15वें वित्त आयोग की राशि केंद्र सरकार से राज्य सरकार को प्रदान की जाती है। इसके बाद राज्य सरकार से ग्राम पंचायत को निर्धारित माफ दंडों के अनुपात में वितरित की जाती है इसमें टाइट और अन टाइट फंड अलग-अलग दिया जाता है ताकि गांवो का समुचित विकास हो सके। लेकिन यह राशि नहीं मिलने से ग्राम पंचायतो की माली हालत खराब हो गई है पंचायतो में छोटे-छोटे कार्य कराने में भी परेशानियां आ रही है। कई सरपंच कर्ज लेकर ग्राम पंचायत में विकास कार्य करा रहे हैं।











