बलौदाबाजार,
फागूलाल रात्रे, लवन।
फागूलाल रात्रे, लवन।
वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए समर्थन मूल्य पर धान की खरीदी चल रही है। ढाई माह तक चलने वाली धान खरीदी का 22 दिन बीत गया है। बीते 22 दिनों में एक लाख बीस हजार क्वींटल ही धान की खरीदी हो पाई है। जबकि 7 लाख 50 हजार तक धान खरीदी किया जाना है। इस वर्ष धान खरीदी की प्रारंभिक समय से ही धान खरीदी की शुरूआत हो गई है। लेकिन खरीदी बहुत धीमी चल रही है। पिछले वर्षाे की अपेक्षा केन्द्रों में बफर लिमिट बढ़ा दी गई है। बफर लिमिट अधिक हो जाने के चलते केन्दों से धान का उठाव भी नहीं हो रहा है। केन्द्रों में धान जाम हो रहे है, जिसके चलते समिति प्रबंधक परेशान हो रहे है। खुले आसमान के नीचे करोड़ो रूपये का धान रखा हआ है। वही टोकन की प्रक्रिया 70 प्रतिशत ऑनलाइन तो ऑफलाइन 30 प्रतिशत है। इस वजह से सर्वर डाउन होने की समस्या से किसानों को जूझना पड़ रहा है। जानकारी के अनुसार 19 दिसम्बर तक टोकन फुल हो गए है। किसानों को अपनी बारी का इंतजार करने के लिए खेतो व खलिहानों में रतजगा करना पड़ रहा है। किसानों को धान बेचने के लिए इस वर्ष बड़ी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा हैै।
उल्लेखनीय है कि जिला सहकारी बैंक लवन की शाखा के अंतर्गत 15 उपार्जन केन्द्र आते है, जिनमें वर्तमान में पंजीकृत किसानों की संख्या 14433 बताई जा रही है, हालांकि जिन किसानों का एग्री स्टेक में पंजीयन नहीं हुआ है उनका पंजीयन नहीं बता रहा है। पंजीयन होने के उपरांत ही पंजीकृत किसानों की संख्या में बढ़ोतरी होगी। अब तक पंजीकृत किसान 2881ने एक लाख बीस हजार क्वींटल समर्थन मूल्य पर धान बेच चूके है। किसानों के द्वारा 2800 करोड़ का धान अब तक बेचा जा चूका है जिनमें से 808 करोड़ किसानों से ऋण की वसूली की जा चूकी है। वही परिवहन की ओर नजर डाले तो खरीदी को 22 दिन बीत गये है, लेकिन परिवहन शुरू नहीं हुआ है। चूंकि धान खरीदी का समय 31 जनवरी 2026 तक निर्धारित है। हालांकि शासन के द्वारा खरीदी की तारीख बढ़ाई जा सकती है। खरीदी का 22 दिन बीत गये है और निर्धारित लक्ष्य से महज 20 फीसदी ही धान की खरीदी हो पाई है। जिस हिसाब से खरीदी चल रही है उस हिसाब से सभी पंजीकृत किसानो का धान खरीद पाना मुश्किल नजर आ रहा है। जिला सहकारी बैंक की शाखा लवन अंतर्गत 15 उपार्जन केन्द्रो में उठाव शुन्य है। वही प्रतिदिन बढ़ती धान का आवक को देखकर समिति प्रबंधको को चिंता सताने लगी है। यदि जल्द ही उठाव शुरू नहीं हुआ तो छोटे फड़ वाले खरीदी केन्द्रों में खरीदी की समस्या जटिल हो सकती है। समिति प्रबंधकों का कहना है कि शासन-प्रशासन धान खरीदी को लेकर इतने बड़े स्तर पर तैयारी का दावा करता है, तो धान उठाव की प्रक्रिया में इतनी लापरवाही समझ से परे है। खरीदी और परिवहन की व्यवस्था एक दूसरे से जूड़ी होती है इसलिए इनमें तालमेल का अभाव पूरे सिस्टम को प्रभावित करता हैं। गौरतलब हो कि पीछले वर्ष भी उठाव की समस्या को लेकर लापरवाही सामने आई है। समितियों में खुले आसामन के नीचे पडे हजारो क्वींटल धान नमी की वजह से खराब हो गए थे, जिससे सरकार को करोडो रूपयों का नुकसान उठाना पड़ा था। इस वर्ष उसकी पुर्नावृत्ति न हो।
क्या कहते है शाखा प्रबंधक
लवन शाखा के 15 उपार्जन केन्द्रों में लगभग 7 लाख 50 हजार क्वींटल धान की खरीदी इस वित्तीय वर्ष में होना है। जिसमें 20 प्रतिशत तक खरीदी अब तक कर ली गई है। शासन-प्रशासन के द्वारा खरीदी की लिमिट को बढ़ाया जाना चाहिए। जिससे किसानों को धान बेचने में परेशानी न हो। केन्द्रो में धान जाम की स्थिति को देखते हुए खरीदी किए गए धान का उठाव के लिए उच्चधिकारियों को अवगत करा दिया गया है।
गिरधारी ध्रुव, शाखा प्रबंधक
जिला सहकारी बैंक, शाखा लवन










