बलौदाबाजार,
फागूलाल रात्रे, लवन।
फागूलाल रात्रे, लवन।
प्रतिबंध के बावजूद ग्रामीण जंगलों में जाकर बांस की जड़ों की खुदाई कर करील निकाल आसपास के बाजार में लाकर बेच रहे हैं। मानसून के आते ही बाजार में बांस की करील जंगल से तोड़कर बेचने के लिए प्रतिदिन क्विंटलों की तादाद में लाया जा रहा है। लवन के साप्ताहिक बाजार में खुलेआम बिक रहे करील ने वन विभाग पर उंगली खड़े कर रहा है। दरअसल, जलाई से सितम्बर तक बांस के झुरमुटों में नई कोपलों को निकाला जाता है। सावन में रिमझिम बारिश के साथ भुट्टा सहित मशरूम, पूटू व करील का जायका हर किसी को पसंद आता है। मान्यता है कि करील में कई औषधीय गुण होते है। करील की सब्जी, अचार आदि चीजें बनाकर इसका सेवन किया जाता है।
इन दिनों धाराशिव, धमनी, रोहांसी सहित आसपास वन क्षेत्रों से करील को तोड़कर ग्रामीणों द्धारा बड़ी तादाद में बाजारों में खपाया जा रहा है, किन्तु इससे पर्यावरण को काफी नुकसान पहुंच रहा है। करील के बेचने वालों का मनोबल अब इतना बढ़ गया है कि वे जंगलों से बांस की नई कोपलों को पूरी तरह से साफ कर रहे हैं। जिस कारण जंगलों में बांस की संख्या में लगातार गिरावट देखी जा रही है। विदित हो कि करील बांस के पेड़ों की कोमल कोपलें होती हैं। करील की खपत गांवों के साथ-साथ अपने नगर व शहरों में बड़े पैमाने पर हो रहा है। इसके चलते इसका बड़े पैमाने पर दोहन कर व्यावसायिक इस्तेमाल किया जा रहा है। कोपलें तोड़ लिए जाने से बांस को नुकसान पहुंचता है। यह बड़ी वजह है कि बांस का रकबा तेजी से घट रहा है।
इसके बाद भी चोरी छिपे न केवल कटाई हो रही है बल्कि करील के रूप में उसकी जमकर बिक्री की जा रही है। जलाई से सितम्बर के महीनों के बीच बांस के झुरमुट के बीच नए पौधों के लिए कोंपल निकलते हैं।
सब्जी के रूप में बेचे जाने के दौरान कीमत जोरदार मिलती है। प्रतिबंध से भाव वैसे भी बढ़े हुए होते हैं। इस बार भी कीमत ने जोरदार बढ़त ली हुई है, क्योंकि शहरी उपभोक्ताओं में मांग अपेक्षाकृत बेहतर है। बाक्स इसलिए प्रतिबंध बांस के नए पौधे बनते हैं कोंपल से, जिसे करील के नाम से पहचाना जाता है।
सब्जी के रूप में उपयोग बढ़ने की वजह से होने वाली करील की कटाई से बांस की खेती पर प्रतिकूल असर पड़ रहा है। इसलिए वन विभाग ने करील काटने और बेचने पर कड़ा प्रतिबंध लगाया हुआ है। फिर भी बांस की कलीर सब्जी बाजार में चोरी-छिपे बिक्री भी की जा रही है। बलौदा बाज़ार कसडोल शिवरीनारायण, बिलासपुर थोक सब्जी मंडी से बांस के कलीर भी क्विंटल क्वींटल पहुंच रहे है। लेकिन वन विभाग के जिम्मेदारों द्वारा कारवाई नहीं की जा रही है।
क्या कहते है रेंजर साहब
बाज़ार में कलीर बेचने पर कारवाई के लिए कोर्ट से परमिशन की जरूरत पड़ती है। यदि रास्ते में परिवहन करते पकड़ा जाता है तो उस पर कारवाई की जाती है।
बसंत खांडेकर, वन परिक्षेत्र अधिकारी











