बलौदाबाजार,
फागुलाल रात्रे, लवन।
फागुलाल रात्रे, लवन।
छत्तीसगढ़ प्रदेश पंचायत सचिव संघ द्वारा प्रदेश सरकार की वादा खिलाफी और कुशासन के विरोध में चल रहे अनवरत आंदोलन को अब प्रदेशभर से विभिन्न संगठनों और जनप्रतिनिधियों का समर्थन प्राप्त होने लगा है। पंचायत सचिवों के शासकीयकरण की मांग अब एक राज्यव्यापी मुद्दा बन चुकी है।
17 मार्च से अनवरत आंदोलन में नई ताकत
छत्तीसगढ़ प्रदेश पंचायत सचिव संघ के प्रांतीय आह्वान पर 17 मार्च से शुरू हुए इस आंदोलन ने 25वां दिन पार कर लिया है। पंचायत सचिवों का कहना है कि राज्य सरकार ने वर्ष 2023 के विधानसभा चुनाव पूर्व संकल्प पत्र में वादा किया था कि सरकार बनते ही 100 दिनों के भीतर पंचायत सचिवों का शासकीयकरण किया जाएगा
7 जुलाई को हुई थी मंच से बड़ी घोषणा
संघ के जिला अध्यक्ष हरिकिशन वर्मा, ब्लॉक अध्यक्ष अग्नि कुमार निर्मलकर और जिला सचिव बालाराम वर्मा ने बताया कि 7 जुलाई 2023 को छत्तीसगढ़ राज्य स्थापना दिवस पर मुख्यमंत्री विष्णु देव साय, पंचायत मंत्री विजय शर्मा, पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह और महिला एवं बाल विकास मंत्री लक्ष्मी राजवाड़े ने मंच से ऐलान किया था कि पंचायत सचिवों का शासकीयकरण “मोदी की गारंटी” के तहत किया जाएगा, इसके लिए घोषणा की आवश्यकता नहीं है। एक महीने में कमेटी गठित कर सचिवों को सौगात दी जाएगी।
8 महीने बाद भी कोई कार्रवाई नहीं
आज 8 महीने बीत जाने के बाद न तो कोई समिति बनी, न ही कोई प्रक्रिया शुरू हुई। इससे क्षुब्ध होकर सचिवों ने आंदोलन तेज कर दिया है। समर्थन का यह सिलसिला अब और तेज होता जा रहा है।
करारोपण अधिकारी संघ का नैतिक समर्थन
25वें दिन आंदोलन को समर्थन देने पहुंचे आंतरिक लेखा परीक्षण करारोपण अधिकारी संघ के जिला अध्यक्ष आर. एस. मनहरे, जिला अंकेक्षक मनहरन लाल वर्मा और वरिष्ठ अधिकारी शत्रुघ्न ध्रुव ने कहा कि पंचायत सचिवों की मांग पूरी तरह से उचित है और “मोदी की गारंटी” के अनुरूप इसे शीघ्र पूरा किया जाना चाहिए। यह समर्थन करारोपण अधिकारी संघ के प्रदेश अध्यक्ष द्वारा जारी निर्देश के तहत दिया गया है।
सरकार की अगली रणनीति पर टिकी निगाहें
अब देखना यह होगा कि सरकार इस बढ़ते जनदबाव और लगातार मिल रहे समर्थन को कितना गंभीरता से लेती है। क्या “मोदी की गारंटी” निभाई जाएगी या यह एक और चुनावी जुमला बनकर रह जाएगी ?
धरना स्थल यह रहे उपस्थित
धरना प्रदर्शन में छत्तीसगढ़ प्रदेश पंचायत सचिव संघ के निम्न पदाधिकारी एवं सचिव उपस्थित रहे हरिकिशन वर्मा, अग्नि कुमार निर्मलकर, बालाराम वर्मा, बलदाऊ साहू, श्रीकुमार यादव, प्रहलाद श्रीवास, पवन साहू, राजेंद्र कुमार, मोहन साहू, लोकनाथ साहू, मनोज मारकंडे, काशीराम, वीरेंद्र कुमार, विजय कुमार, रमेश कुमार साहू, अनुज मांझी, रामगोपाल, उत्तम पुरुषोत्तम पाल, रूपचंद बोस, परमानंद, जितेंद्र साहू, थानेश्वर साहू, सीमा वर्मा, पूजा वर्मा, देवकुमारी राय, संगीता मिश्रा, शैलेंद्री यादव, रेखा वस्त्रकार, सावित्री पैकरा, सावित्री वर्मा, रितु साहू, पुष्पा साहू, सोनी कोसले, ललिता टंडन सहित कुल 106 ग्राम पंचायतों के सचिव इस आंदोलन में शामिल रहे।