बलौदाबाजार,
फागुलाल रात्रे, लवन।
फागुलाल रात्रे, लवन।
गांवों को नगर व शहर से जोड़ने सरकार द्वारा किये जा रहे सार्थक प्रयासों में स्थानीय जिम्मेदार अधिकारियों की अनदेखी व लापरवाही के चलते भालूकोना-तुरमा मार्ग की हालत इन दिनों काफी बद से बदतर हो चली है। ओवरलोड वाहन चलने से सड़कों का दम निकल रहा है। जिस पर प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा सख्त कार्यवाही नहीं की जा रही है जिससे ओवरलोड भारी वाहन सड़को का सत्यनाश कर रहे है। रेत से भरी 50 टन वजनी हाईवा जहंा से भी गुजरते है, वही सड़को की शामत आ जाती है। वाहनों की साइड लेते ही किनारे से सड़क टूटने के अलावा कभी दबकर ढाल बनने तो कही अधिक दबाव से गढ्ढा बन जाता है। यदि सड़क एक बार उखड़ी तो फिर उसी पर से वाहनों की लगातार आवाजाही की वजह से उखड़ती चली जाती है और बिना किसी हादसा या हो हल्ला के मरम्मत भी नहीं होती। वाहन चालक अपने फायदे के लिए सड़कों की दुर्दशा कर रहे है। सड़को का दम निकाल रहे भारी भरकम ओवरलोड वाहनों पर कार्यवाही भी नहीं हो पा रही है जिसकी वजह से वाहन चालको के हौसले बुलंद होते जा रहे है। सबसे ज्यादा वाहन भालूकोना लवन भट्ठी मार्ग, अमलडीहा, हरदी, तुरमा तक भारी वाहनों का आना-जाना है। इसके अलावा तुरमा से कैलाशगढ़ तक बनी नई सड़क को भी जर्जर करने में लगे हुए है। इसके बाद भी इस दिशा में न तो पीएमजीएसवाई विभाग द्वारा ध्यान दिया जा रहा है और न ही खनिज विभाग के जिम्मेदार अधिकारी ध्यान दे रहे है। नतीजन सड़के बर्बाद हो रही है। जगह-जगह जानलेवा गढ्ढे निर्मित हो चूके है, क्षमता है 12 की और दौड़ रहे है 50 टन वजनी भारी वाहन ऐसे में कहंा से टिक पायेगी पीएमजीएसवाई यह सड़क। सड़कों की स्थिति को देखकर राहगीरों को लगेगा कि यह सड़क काफी पुराना होगा ? सड़क की गारंटी तो ठेकेदार व विभागीय अधिकारियों द्वारा पांच साल की दी गई है, लेकिन उक्त सड़क मार्ग सड़क बनने के दो साल बाद दम तोड़ चुकी थी। वर्तमान में जगह-जगह बने जानलेवा गढ्ढे देखकर ही अंदाजा लगाया जा सकता है कि इस मार्ग पर भारी वाहनों का कितना आना जाना होगा। भारी वाहनों का इस मार्ग पर दिनभर आना-जाना लगा हुआ होने की वजह से मार्ग काफी जर्जर व हादसे की संभावना बनी रहती है। क्षेत्र के ग्रामीणों ने मांग किया है कि उक्त रोड की दुर्दशा को देखते हुए जल्द ही रोड की पुनः मरम्मत करायी जावे। जिससे राहगीरों को आने-जाने में सुविधा मिल सके।