सती चरित्र व बालक ध्रुव की कथा सुन भाव-विभोर हुए श्रद्धाल
बलौदाबाजार,
फागूलाल रात्रे, लवन।
फागूलाल रात्रे, लवन।
ग्राम पंचायत मुंडा में स्वर्गीय गेंदराम तिवारी की पुण्य स्मृति में 30 मार्च से सतीश तिवारी, आशीष तिवारी परिवार द्वारा आयोजित श्रीमद् भागवत पुराण कथा यज्ञ के दूसरे दिन कथा वाचक पंडित नागेंद्र पुरुषोत्तम प्रसाद चतुर्वेदी भैंसमुडी जांजगीर चांपा वाले महाराज ने बताया कि किसी भी स्थान पर बिना निमंत्रण जाने से पहले इस बात का ध्यान जरूर रखना चाहिए कि जहां आप जा रहे हैं वहां आपका,अपने ईष्ट या अपने गुरु का अपमान न हो। कथा वाचक ने कहा कि यदि अपने गुरु इष्ट के अपमान होने की आशंका हो तो उस स्थान पर जाना नहीं चाहिए चाहे वह स्थान अपने जन्मदाता पिता का ही घर क्यों ना हो। प्रसंगवश भागवत कथा के दौरान सती चरित्र के प्रसंग को सुनाते हुए भगवान शिव की बात को नहीं मानने पर सती के पिता के घर जाने से अपमानित होने के कारण स्वयं को अग्नि में स्वाह होना पड़ा था। भागवत कथा में उत्तानपाद के वंश में ध्रुव चरित्र की कथा को सुनाते हुए कथावाचक पंडित नागेंद्र पुरुषोत्तम प्रसाद चतुर्वेदी ने समझाया कि ध्रुव की सौतेली मां सुरुचि के द्वारा अपमानित होने पर भी उसकी मां सुनीति ने धैर्य नहीं खोया जिससे एक बहुत बड़ा संकट टल गया। परिवार को बचाए रखने के लिए धैर्य संयम की नितांत आवश्यकता रहती है। भक्त ध्रुव द्वारा तपस्या कर श्रीहरि को प्रसन्न करने की कथा को सुनाते हुए बताया कि भक्ति के लिए कोई उम्र बाधा नहीं है। भक्ति को बचपन में ही करने की प्रेरणा देनी चाहिए क्योंकि बचपन कच्चे मिट्टी की तरह होता है उसे जैसा चाहे वैसा पात्र बनाया जा सकता है। पंडित चतुर्वेदी ने कहा कि व्यक्ति अपने जीवन में जिस प्रकार के कर्म करता है उसी के अनुरूप उसे मृत्यु मिलती है। भगवान ध्रुव के सत्कर्मों की चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि ध्रुव की साधना उनके सत्कर्म तथा ईश्वर के प्रति अटूट श्रद्धा के परिणाम स्वरुप ही उन्हें बैकुंठ लोक प्राप्त हुआ। श्रीमद् भागवत पुराण कथा यज्ञ के दूसरे दिन प्रवचन सुनने के लिए यजमान सतीश ममता तिवारी आशीष ऋचा तिवारी रितेश तिवारी आयुष तिवारी शिशिर तिवारी सहित उमाशंकर वर्मा लालचंद वर्मा परमेश्वर साहू दिलीप वर्मा एवं बड़ी संख्या में ग्रामवासी उपस्थित रहे। भागवत पर दिए जा रहे प्रवचनों को सुनने के प्रति लोगों में अपूर्व उत्साह देखने को मिल रहा है।