बलौदाबाजार,
फागूलाल रात्रे, लवन।
फागूलाल रात्रे, लवन।
खरीफ फसल की कटाई करने के बाद खेतो में बचे नरवाई को जलाने का दृश्य लवन क्षेत्र के गांवो में इन दिनों दिखाई दे रहा है। यह जानते हुए भी कि नरवाई को आग लगाने से जमीन की उर्वरा शक्ति कम होती है। फिर भी अधिकांश कृषक जानकारी के अभाव में तो वही कई किसान जान बूझकर खेतो की नरवाई को जलाने के लिए आग लगा देते है। कृषको पर कार्रवाई नहीं होने के चलते बेखौफ किसान नरवाई जला रहे है। नरवाई को जला देने से खेतो के बीच में घर होने से घर वालो को आग बुझाने में काफी मशक्कत भी करनी पड़ती है। वही, खेतो की आग आसपास बस्तियों के लए भी खतरा बनी हुई है। इस तरह की घटनाएं होती भी रहती है। पशु-पक्षियों की जान भी जोखिम में है। शासन-प्रशासन ने नरवाई जलाना प्रतिबंधित कर रखा है, लेकिन फिर भी किसान बेखौफ होकर खेतो की नरवाई जला रहे है। करीब एक दशक से हार्वेस्टर, थ्रेसर मशीन से इत्यादि उपकरणोें से धान की कटाई की जा रही है। धान की कटाई खेतो में ही करने से पैरा खेतो में ही रह जाता है। वही, खेत में नरवाई भी रह जाती है, जिसकी सफाई के लिए किसान खेतो में आग लगा देते है। खेतों की नरवाई जलाने से खेतो की उर्वरा शक्ति कम हो जाती है।