मुंडा मिडिल स्कूल में शिक्षा व्यवस्था का हाल बेहाल
बलौदाबाजार,
फागुलाल रात्रे, लवन।
फागुलाल रात्रे, लवन।
प्रदेश सरकार ग्रामीण इलाकों में बेहतर शिक्षा मुहैया करवाने के लाख दावा करे लेकिन धरातल पर ये दावे हवा हवाई नजर आ रहे हैं। आदर्श ग्राम पंचायत मुंडा के मिडिल स्कूल का कुछ ऐसा ही हाल है। यहां 2013 से महत्वपूर्ण गणित और अंग्रेजी विषय के लिए शिक्षक की मांग करते हुए शिक्षक के इंतजार में टकटकी लगाए हुए हैं। किंतु पिछले 10 वर्षों से अभिभावकों के द्वारा की जा रही गणित और अंग्रेजी विषय के लिए टीचर की मांग पर न ही शासन प्रशासन ध्यान दे रहा है और न ही शिक्षा विभाग कोई दिलचस्पी दिखा रहे हैं। शिक्षक की कमी की वजह से विज्ञान के शिक्षक अंग्रेजी पढ़ा रहा है तो संस्कृत के शिक्षक गणित पढ़ा रहे हैं। ऐसे में शिक्षकों की कमी वाले इस विद्यालय में शिक्षा की गुणवत्ता की उम्मीद कैसे की जा सकती हैं। शिक्षकों की कमी के बावजूद अभिभावक मजबूरी में बच्चों का अध्यापन कार्य कराने मजबूर है। अभिभावक अपने बच्चों के भविष्य को लेकर काफी चिंतित है। लंबे समय से की जा रही शिक्षकों की मांग शीघ्र पूर्ण नहीं हुआ तो अभिभावको के सब्र की बांध टूट कर कभी भी बड़ी आंदोलन कर सकते हैं।
बलौदाबाजार विकासखण्ड के अन्तर्गत आने वाले मेन रोड पर स्थित आदर्श ग्राम पंचायत मुण्डा के मिडिल स्कूल में सन 2013 से गणित एवं अंग्रेजी के शिक्षक नहीं है। दूसरे विषयों के शिक्षको के द्वारा अंग्रेजी एवं गणित पढाई जा रही है। यहां 172 छात्र-छात्राएं अध्ययनरत है। 40 बच्चों में एक शिक्षक अनिवार्य है।किंतु बच्चों की दर्ज संख्या के हिसाब से शिक्षक ही नहीं है। यहां तीन शिक्षिका ही पदस्थ है। शिक्षिका ममता चौहान संस्कृत की टीचर है किंतु संस्कृत और गणित की विषय पढ़ाती है। अंजू साहू हिन्दी और सामाजिक विज्ञान पढ़ाती है। वही संतोषी जायसवाल विज्ञान की टीचर है किंतु विज्ञान और अंग्रेजी की विषय पढ़ाती है। ऐसे में शिक्षा व्यवस्था का सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है। अभिभावक अपने बच्चों के भविष्य को लेकर काफी चिंतित हैं और कभी भी बड़ी आंदोलन कर सकते हैं। यहां जिन विषयों का शिक्षक नहीं है उन विषयों के लिए शिक्षक की मांग शाला परिवार शाला प्रबंधन समिति एवं ग्रामीणों के द्वारा विगत 10 वर्षो से करते आ रहे। किंतु आज तक शासन प्रशासन एवं संबंधित विभाग के द्वारा शिक्षकों की मांग की समस्या पर किसी भी प्रकार की दिलचस्पी नहीं दिखाई दे रहे हैं। शिक्षकों की कमी की वजह से बच्चों की पढ़ाई प्रभावित हो रही है। शिक्षकों की योग्यता के अनुसार विषयों का चयन होता है, लेकिन जो शिक्षक अंग्रेजी एवं गणित के बारे में ज्यादा नही जानते हो उसे उस विषय की पढ़ाई कराने के लिए दे दिया जाये तो उक्त विषय की पढ़ाई भगवान भरोसे हो रहा है यह कहना कोई गलत नहीं होगा।
क्या कहते है प्रधान पाठक
2013 से गणित और अंग्रेजी की टीचर नहीं है। इन विषयों की टीचर नहीं होने की जानकारी मीटिंग में संकुल समन्वयक को देते आ रहे हैं। साथ ही उच्च अधिकारी को भी अवगत करा चुके हैं।
ममता चौहान, प्रधान पाठक
पूर्व माध्यमिक शाला, मुंडा
क्या कहते है शाला प्रबंधन समिति
शाला प्रबंधन समिति के नवनियुक्त अध्यक्ष कमलेश रजक उपाध्यक्ष रामखिलावन वर्मा शिक्षाविद जगेश्वर वर्मा ने कहा कि शिक्षक की कमी को पूर्ण नहीं किया गया तो अभिभावकों की मीटिंग लेकर ठोस कदम उठाया जाएगा। जिसकी जवाबदारी शासन प्रशासन की होगी।
क्या कहते विकासखंड शिक्षा अधिकारी
शिक्षक की कमी को लेकर कहा कि जिला शिक्षा अधिकारी ही कर सकते हैं।
राजेंद्र टंडन, विकासखंड शिक्षा अधिकारी
बलौदाबाज़ार