बलौदाबाजार,
फागुलाल रात्रे, लवन।
फागुलाल रात्रे, लवन।
इस समय अनियंत्रित मानसून भीषण गर्मी के कारणों पर मंथन किये जाने पर जो तस्वीर उभर कर सामने आई है, वह है पेड़ पौधों की कमी। विकास की अंधी दौड़ ने हरे पेड़ों का कत्ल करके धरती की कोख ही उजाड़ दी है। धरती को हरा भरा बनाने के लिए हर आम मनुष्य को पौध रोपण करना होगा। उक्त बातें धमनी के जंगल मैन रामायण यादव ने बताया।
उन्होंने बताया कि एक जमाना था जब पेड़ पौधों से सारा जहां आच्छादित था। पशु पक्षी के साथ आम आदमी खुशहाल था, समय पर गर्मी, बरसात व ठंड होती थी, लेकिन जब से पेड़ कटने का सिलसिला शुरू हुआ, मानसून का मिजाज ही बदल गया। परिणाम स्परुप इतनी भीषण गर्मी पड़ने लगी कि लोगों का जीना मुहाल हो गया। पर्यावरण संतुलन बनाने के लिए अब पौध रोपण किसी महायज्ञ से कम नहीं है।
यादव ने बताया कि पौधरोपण करना एक महान कार्य तभी बन सकेगा जब हम रोपे गये पौधे का पुत्रवत संरक्षण करने का संकल्प लेंगे। अपने लिए न सही आने वाले कल के भविष्य के लिए पौधरोपण करना जरुरी हो गया है। बदले हुए माहौल में पौधरोपण करना किसी तीर्थ से कम नही है।
अमूमन देखा जा रहा है कि लोग अखबार की सुर्खियों में रहने के लिए पौधरोपण व फोटो ¨खिंचवाने तक ही सीमित रह जाते हैं, उनकी देख रेख नहीं हो पाने के कारण पौधा पेड़ बनने से पूर्व ही नष्ट हो जाता है। इस तरह से पौधरोपण करने का कोई फायदा नहीं है, पौधे लगाने के साथ उनकी हिफाजत की जिम्मेदारी लेना आवश्यक है। हर व्यक्ति को अपने घर के आसपास एक पौधा रोपण करना चाहिए। पर्यावरण की कमी की वजह से तापमान बढ़ रहा है, और धरती तप रही है। लोग इस भीषण गर्मी में परेशान हो रहे है। और इस परेशानी की वजह हम खुद है। जिस प्रकार पेड़ो की अंधा धुंध कटाई हो रही है, आने वाले कुछ वर्ष बाद ही तापमान 55 से पार हो जायेगा। इसलिए सभी को कम से कम एक वृक्ष अवस्य लगानी चाहिए।