उखड़ी हुईं सड़क की कराई गई थी रिपेयरिंग, वह भी टीक नहीं पाई
बलौदाबाजार,
फागुलाल रात्रे, लवन।
फागुलाल रात्रे, लवन।
गांव के विकास में सड़क की भूमिका महत्वपूर्ण होती हैं। शासन प्रशासन द्वारा ग्रामीणों को हर सुविधा उपलब्ध हो इसे ध्यान में रख प्रधानमंत्री सड़क योजना मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत गांव के मुख्य मार्ग तक जोड़ने के लिए पक्की सड़क का निर्माण कराया गया है जिसका कई पंचायतो के लोगों को लाभ मिल रहे हैं। परंतु विकासखंड बलौदाबाजार के विभिन्न ग्राम पंचायत ऐसे हैं जहां मुख्य मार्ग का निर्माण तो कराया गया है परंतु जिम्मेदार अधिकारी कर्मचारियों के देखरेख व मरम्मत की अभाव में सड़क की हालत काफी जर्जर हो गया है। ऐसा नहीं की क्षेत्र के ग्रामीणों ने सड़क की समस्याओं से जनप्रतिनिधि समेत संबंधित विभाग को अवगत नहीं कराया गया हो बावजूद इसके अधिकारियों के उदासीन रवैया का खमियाजा आज क्षेत्र के ग्रामीणों को भुगतना पड़ रहा है।
ऐसा ही हाल चिचिरदा चौंक से चिचिरदा गांव पहुंच मार्ग का है। डेढ़ वर्ष में ही उक्त मार्ग काफी जर्जर हो गए है। ग्रामीण एवं राहगीरों की समस्याओं को देखते हुए जर्जर हो चुके सड़क की मरम्मत को लेकर दैनिक भास्कर ने पूर्व में समाचार प्रकाशित किया गया था। समाचार प्रकाशन के बाद संबंधित विभाग के अधिकारियों ने संज्ञान लेते हुए मरम्मत कार्य कराया गया था। लेकिन यह मरम्मत की गई सड़क कुछ माह तक भी टीक नहीं पाई और फिर से उखड़कर ख़राब हो गई है जिसकी वजह से क्षेत्र के ग्रामीणों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है वही ग्रामीणों में आक्रोश देखा जा रहा है। वही कार्य पूर्णत: तिथि के बाद 5 वर्षों तक ठेकेदारों को मेंटेनेंस कार्य करना होता है किंतु बिना मेंटेनेंस कार्य किए ही अधिकारियों की मिलीभगत से ठेकेदारों को भुगतान कर दिया जाता है। जिससे ठेकेदारों के द्वारा मेंटेनेंस कार्य करने में कोताही बरती जाती है। जिसके चलते राहगीरों एवं ग्रामीणों को आने-जाने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत चिचिरदा चौक से चिचिरदा गांव पहुंच मार्ग सड़क निर्माण कार्य जुलाई 2022 था। इस रोड की लम्बाई एक किलोमीटर है, जिसके लिए 21.85 लाख रूपये की स्वीकृति हुई थी। इस रोड को सिंघानिया इन्टरप्राइजेस रायपुर के द्वारा बनाई गई थी जो ठेकेदार और अधिकारियों की मिलीभगत से भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ चूकी है। सड़क की स्थिति इतनी अधिक खराब हो गई है कि इस एक किलो मीटर की सड़क में आधी सड़क पूरी तरह से टुटकर गढ्ढो में तब्दील हो गई है, तथा अन्य जगहों पर दरारे भी पड़ना शुरू हो गया है। चिचिरदा से मोती पैकरा प्रशांत यादव विजय पैकरा बुद्धेश्वर पैकरा श्याम लाल कसियारा से राममुरित पटेल राजू पटेल अमलकुंडा से संजय केवट कमलेश पटेल जीवन पटेल सहित ग्रामीणो ने ठेकेदार पर आरोप लगाते हुए कहा है कि सड़क का निर्माण करते समय ठेकेदार के द्वारा गुणवत्ता का ध्यान नहीं रखा गया। वही विभाग के जिम्मेदार अधिकारी भी कार्य की गुणवत्ता को झांकने तक नहीं पहुंचे। जिसके चलते ठेकेदार के द्वारा निर्माण की गुणवत्ता को दरकिनार कर जमकर भ्रष्टाचार को अंजाम दिया गया।
आपको यह बताना लाजमी होगा कि यह सड़क 21.85 लाख रूपये की लागत से प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत एक किलोमीटर तक डामरीकरण और सीसी रोड का निमार्ण किया जाना था। ठेकेदार के द्वारा 6 सौ मीटर तक डामर वाली सड़क तो बनाई गई, लेकिन सीसी सड़क को बनाना भूल गई है। बनाई गई रोड निर्माण कार्य की गुणवत्ता सही नहीं होने पर सड़क में जानलेवा खतरनाक गढ्ढे निर्मित हो गए है, जो काफी जानलेवा साबित हो रहा है। स्थानीय राहगीर गिरकर चोटिल हो रहे है। इस रोड पर कसियारा, अमलकुण्डा, डमरू, ताराशिव, भद्रा सहित आसपास के ग्रामीण इसी रोड से आना-जाना करते है, जिन्हे भी काफी परेशान होना पड़ रहा है। सबसे ज्यादा परेशानी चिचिरदा गांव के ग्रामीणों को होती है, क्योकि यह सड़क चिचिरदा पहुंच मार्ग वाली रोड है। ग्रामीणों ने कहा कि उक्त पहुंच मार्ग की माप पुस्तिका निकलवाई जाएगी साथ ही रोड की जांचकर ठेकेदार के उपर उचित कार्यवाही करते हुए मरम्मत कार्य कराने की मांग ग्रामीणों के द्वारा किया गया है।
प्रधानमंत्री ग्राम सड़क में आठ दस वर्षों से जमे हुए हैं अधिकारी कर्मचारी
निर्वाचन आयोग के आदेश अनुसार जिले में 3 साल से अधिक समय से जमे अधिकारी कर्मचारियों को हटाया जाना है किंतु प्रधानमंत्री ग्राम सड़क विभाग में 3 साल का क्या यहां पिछले आठ दस वर्षों से एक ही जिले में कुछ अधिकारी पदस्थ हैं और ठेकेदारो से सांठगांठ कर भ्रष्टाचार को अंजाम दे रहे हैं साथ ही अपने आपको जिले का माई बाप समझने लगे हैं। ऐसे अधिकारियों को तत्काल हटाए जाने की मांग की गई है।
इस संबंध मे अधीक्षण अभियंता रायपुर वरुण राजपूत ने कहा कि दिखवाता हूं।
इस संबंध में कार्यपालन अभियंता चंद्रभान सिंह तंवर से संपर्क करने की कोशिश की गई किंतु उनके द्वारा फोन रिसीव करना मुनासिब नहीं समझ गया।