मोदी की गांरटी का लोकसभा में दिख रहा है असर
बलौदाबाजार,
फागुलाल रात्रे, लवन।
जांजगीर-चांपा लोकसभा क्षेत्र 2004 से भाजपा का गढ़ बना हुआ है। भाजपा के इस गढ़ को कांग्रेस के किसी भी कद्दावर नेता ने सेंध नहीं लगा पाया है। वही 2024 के लोकसभा चुनाव में भाजपा कांग्रेस के दोनो प्रत्याशियों की जनसम्पर्क अभियान जोर पकड़ती नजर आ रही है। सघन डोर टू डोर जनसम्पर्क अभियान में भाजपा प्रत्याशी कांग्रेस प्रत्याशी से आगे बढ़ती हुई नजर आ रही है। भाजपा प्रत्याशी को जिताने व देश में नरेन्द्र मोदी को पुनः प्रधानमंत्री लाने भाजपा की दिग्गज नेताओ ने कमान संभाली हुई है।
बात करें जांजगीर-चांपा लोकसभा सीट की तो भाजपा-कांग्रेस के बीच ही मुकाबला है, लेकिन पलड़ा भाजपा का भारी है। ऐसा पहली बार नही है। भाजपा यहां लगातार जीत दर्ज करती आ रही है। चुनाव में मोदी लहर चल रही है। मोदी की गांरटी का असर चुनाव में भी देखा जा रहा है। छत्तीसगढ़ में मोदी की गांरटी वाली घोषणाएं की गई। जिसमें से कुछ घोषणाओं को अमल भी किया जा चूका है, शायद इसी के चलते ही जनता भाजपा पर भरोसा कर रही है। जनता का विश्वास भाजपा पर दिख रहा है। हालांकि कांग्रेस भी प्रचार-प्रसार में जुटी हुई है, लेकिन जनता का रूझान भाजपा पर देखा जा रहा है। इस बार लोकसभा चुनाव में कांग्रेस पार्टी से पूर्व नगरीय प्रशासन मंत्री डाॅ. शिवकुमार डहरिया को लोकसभा का प्रत्याशी बनाया गया है। वही, भाजपा ने निष्ठावान कार्यकर्ता महिला प्रत्याशी कमलेश जांगड़े पर विश्वास करके लोकसभा का प्रत्याशी बनाया गया है।
उल्लेखनीय है कि जांजगीर-चांपा लोकसभा सीट से 8 विधानसभा आते है, इन 8 विधानसभा क्षेत्रों में पूरे 8 विधायक कांग्रेस के है। भाजपा का इस बार इन विधानसभा क्षेत्रों में खाता नहीं खुल पाया है। वही, लोकसभा क्षेत्र की बात करे तो भाजपा द्वारा घोषित महिला प्रत्याशी कमलेश जांगड़े की डोर टू डोर जनसम्पर्क के चलते लोकसभा क्षेत्र के अन्तर्गत आने वाले 8 विधानसभा क्षेत्र में इनकी पकड़ मजबूत देखी जा रही है। वही, कांग्रेस प्रत्याशी पूर्व नगरीय प्रशासन मंत्री रहे शिव कुमार डहरिया की जनसम्पर्क में कार्यकर्ताओं में वह उत्साह नहीं देखा जा रहा है जो मंत्री रहते शिवकुमार डहरिया के इर्द गिर्द घुमते थे। यहां यह बताना लाजमी हो कि पूर्व में भी शिवकुमार डहरिया को भाजपा के ही महिला प्रत्याशी कमला पाटले ने रिकार्ड मतो से हराया था। वही, लोकसभा क्षेत्र में दौरा करने के दौरान कई लोगों से चर्चा किया गया तो बताया गया कि नगरीय प्रशासन मंत्री रहते कांग्रेस प्रत्याशी शिवकुमार डहरिया के द्वारा चुनिंदा कार्यकर्ताओं को छोड़कर बाकी कार्यकर्ताओं की अनदेखी की गई जो कि इस लोकसभा चुनाव में स्पष्ट रूप से दिखाई दे रही है। कांग्रेस प्रत्याशी के जनसम्पर्क में कार्यकर्ताओं में उत्साह का माहौल नहीं देखा जा रहा है। तो वही, भाजपा प्रत्याशी छोटे से छोटे कार्यकर्ताओं को साथ लेकर डोर टू डोर जनसम्पर्क करते हुए मोदी की गारंटी पर वोट मांग रहे है। देखा जाये तो जांजगीर-चांपा लोकसभा क्षेत्र में भाजपा के ही प्रत्याशी जीतते आ रहे है। अब देखना यह होगा कि इस लोकसभा चुनाव में मतदाताओं मोदी की गांरटी पर वोट डालते है या नगरीय प्रशासन मंत्री रहते उनके द्वारा की गई कार्यो को देखकर मुहर लगाते है।