बलौदाबाजार,
फागुलाल रात्रे, लवन।
समर्थन मूल्य में धान की खरीदी को बंद हुए दो माह बीत गए। दो माह बीत जाने के बाद भी उपार्जन केन्द्रो से धान का उठाव नहीं हो रहा है। धान उठाव की सुस्त चाल ने कछुए को भी मात दे दी है। धान उठाव की धीमी गति से परेशान समिति प्रबंधकों ने कलेक्टर, खाद्य विभाग, उप पंजीयक सहकारी संस्थाएं बलौदाबाजार, जिला विपणन अधिकारी बलौदाबाजार, नोडल अधिकारी बलौदाबाजार को ज्ञापन देकर धान उठाव शीघ्र करने की मांग किया गया था। इसके उपरांत भी उपार्जित धान का परिवहन नहीं हो पा रहा है। जिला सहकारी बैंक की शाखा लवन के अंतर्गत 15 उपार्जन केन्द्रों में अभी भी करीब दो लाख चालिस हजार क्वींटल धान खुले आसमान के नीचे पड़ा हुआ है। समिति प्रभारियों को इसकी चिन्ता सता रही है।
गौरतलब हो कि राज्य सरकार द्वारा एक नवम्बर से समर्थन मूल्य में धान खरीदी शुरू की गई थी। वैसे तो खरीदी की तिथि 31 जनवरी तक निर्धारित की गई थी। लेकिन नई सरकार ने असमय बारिश होने के चलते कई किसानों के द्वारा धान नहीं बेचे जाने के कारण सप्ताह भर का समय और बढ़ाया। इस तरह से फरवरी के पहले सप्ताह तक खरीदी हुई। एक तरफ धान की खरीदी तो निर्धारित समय पर कर ली गई। लेकिन उपार्जित धान का उठाव सही समय पर नहीं होने से समिति प्रभारियों की परेशानी बढ़ा दी है। लवन शाखा के उपार्जन केन्द्रो में धान उठाव की सुस्त चाल ने जिम्मेदार विभाग के साथ-साथ प्रशासन की व्यवस्था पर प्रश्न चिन्ह लगा दिया गया है। यहां के केन्द्रो में अभी भी करीब दो लाख चालिस हजार क्वींटल धान का उठाव करना शेष है। लवन शाखा के उपार्जन केन्द्र लवन, भालूकोना, मुण्डा, बरदा, अहिल्दा, सरखोर, तिल्दा, सिरियाडीह, खैरा, कोहरौद, कोरदा, धाराशिव, मरदा, करदा के खरीदी केन्द्रो में लाखो क्वींटल धान पड़ा हुआ है। स्थिति यह है कि खरीदी बंद होने के बाद इन केन्द्रो की सुध लेने वाला भी कोई नहीं है। उपार्जन केन्द्रो में रखा धान जहंा बेमौसम बारिश में भीग रहा है तो वही आवारा मवेशी, चुहा वगैरह नुकसान पहुंचा रहा है। ऐसी स्थिति में केन्द्र प्रभारियों की परेशानी बढ़ गई है और उन्हें खरीदी के बाद होने वाली कमी की भरपाई की चिन्ता सतानी लगी है। विदित हो कि धान खरीदी प्रारंभ होने के समय जिम्मेदार विभाग के साथ प्रशासन द्वारा 72 घण्टे के भीतर खरीदे गए धान का उठाव करने का दावा किया गया था और इसी के तहत प्रभारियों से अनुबंध भी कराए गए थे, लेकिन यह है कि पहले जहंा धान उठाव नहीं होने के कारण केन्द्रो में जाम की स्थिति बनी होती तो वही अब खरीदी पूर्ण होने के दो महीने बाद भी दो लाख चालिस हजार क्वींटल से अधिक धान का उठाव नहीं हो सका है। शासन की गलत नीति की वजह से ही केन्द्रो में पड़ा धान का उठाव सही समय पर नहीं हो रहा है। वही, 1 अप्रैल से कर्ज लिखाना शुरू हो गया है, लेकिन केन्द्रो से धान का उठाव नहीं होने के चलते किसान भटकते नजर आ रहे है।
क्या कहते है जिला विपणन अधिकारी
शासन के आदेशानुसार टारगेट के हिसाब से मिलर्स के लिए डिओ जारी किया जा रहा है। डिओे जारी होने के बाद धान का उठाव भी हो रहा है। शेष बचे हुए धान संग्रहण केन्द्रो के लिए जायेगा।
निधि शशांक दुबे, जिला विपणन अधिकारी, बलौदाबाजार