बलौदाबाजार,
फागुलाल रात्रे, लवन।
इन दिनों लवन नगर में मच्छरों का आतंक बढ़ गया है, बजबजाती नालियों की सफाई नहीं होने से मच्छर पनप रहे हैं। जिससे मलेरिया की भी संभावना बढऩे लगी है। मच्छरों की परेशानी से निदान के लिए न स्वास्थ्य विभाग कुछ करता है न ही स्थानीय प्रशासन कुछ कर रहा हैं। हालाकि स्थानीय प्रशासन के द्वारा प्लेसमेंट कर्मचारियों की मांग की जाती रही है, लेकिन मांग पुरी नहीं हो पाई हैं। जिसकी वजह से सफ़ाई व्यवस्था चरमराई हुई है।
पहले डीटीटी पावडर एवं फिनाइल का छिड़काव कभी कभी होता था, लेकिन अब वो भी नहीं हो पा रहा है। मच्छरों से बचने के लिए मच्छर क्वाइल, लिक्विड, मच्छर मार रेकेट का उपयोग लोग कर रहे हैं, लेकिन कुछ दवाइयां एवं मच्छर क्वाइल लोगो को सहन नहीं होती एवं कही न कही स्वास्थ्य पर भी प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है। लवन के लोग इस समय मच्छर परेशान हैं, शाम होते ही मच्छर हमला करना शुरू कर देते हैं। नगर में नालियों का निर्माण जिस ढंग से हुआ है उससे पानी बहकर बाहर नहीं जा पाता, वहीं सफाई नहीं होने से पन्नी आदि सब नालियों को जाम कर देते हैं। घरों से निकला गंदा पानी व कचरा भी नालियों में ही छोड़ देते हैं जिसके कारण मच्छर अधिक पनप रहे हैं।
नगर पंचायत लवन द्वारा भी नगर में बजबजाती नालियों की साफ सफाई नहीं कराई जा रही है, अधिकतर वार्डों में नालियां बजबजा रही है एवं गंदगी भी पसरी हुई है। न तो समय पर डीडीटी पावडर एवं फिनाइल का छिड़काव हो रहा है।
वार्डवासियों का कहना है कि साफ-सफाई नियमित तौर से नहीं होती। इससे नालियों में मच्छरों का डेरा है। ऐसे में गर्मी में मच्छरों व गंदगी से फैलने वाली बीमारियों की चपेट में आने की आशंका है। साफ-सफाई अब सिर्फ मुख्य मार्ग तक ही सीमित रह गई है। सफाई कर्मी अंदरूनी मोहल्ले तक नहीं पहुंच रहे हैं।
स्थानीय नागरीकों का कहना है कि दो तीन माह में एक या दो बार ही नालियों की सफाई होती है। इससे नालियां जाम रहती हैं। सबसे अधिक परेशानी बारिश के दिनों में होती है, क्योंकि बारिश का पानी नाली के गंदे पानी के साथ मिलकर सड़क में बहने लगता है। इससे दुर्गंध के अलावा मच्छर भी बढ़ जाते हैं, जिससे बीमारी फैलने की आशंका बढ़ जाती है। आलम यह है कि यहां न तो सफाई और न ही यहां नालियों में नियमित रूप से डीडीटी पावडर का छिड़काव किया जाता है। नगर पंचायत के जिम्मेदारो की निष्क्रियता के चलते लोगों को बजबजाती जाम नालियों का सामना करना पड़ रहा है।
नगरवासियों ने बताया कि नगर में गली-गली में नालियों का भंडार है लेकिन किसी भी नालियों में सफाई नजर नही आती है। नगर पंचायत के द्वारा दीवार लेखन, स्वच्छता अभियान के नारेे और पोस्टर लगाने के दम पर ही नगर की गंदगी दूर कर स्वच्छता लाने के प्रयास में लगी हुई है। हर माह सफाई के नाम पर लाखो रूपये खर्च होने के बावजूद नगरवासी गंदगी भरी जिन्दगी जीने को मजबूर है। जिम्मेदार जानकर भी अनजान बने है। इससे लोगों का आक्रोश फूट रहा है। नगर के मोहल्लो की बजबजाती नालियां व गंदगी नगर पंचायत की पहचान बन गई है। जबकि नगर क्लीन रखने के लिए नगर पंचायत को पर्याप्त संसाधन भी मुहैया कराए गए है। बजबजाती नालियों की सफाई नहीं से मच्छर पनप रहे है। इसके बाद भी नगर पंचायत का सफाई विभाग गंदगी से पटी नालियों की सफाई कराने को लेकर कतई गंभीर नहीं है। आलम यह है कि नगर के ज्यादातर वार्ड इससे अछूते नहीं है। वार्डो में बजबजाती नालियां और गंदगी के ढेर ने जीना मुहाल कर दिया है। जब इसकी पड़ताल करने बुधवार को हमारे प्रतिनिधि ने नगर के विभिन्न गली मुुहल्ला पहुंची तो वहाँ फैली गंदगी व महिनों से जाम पड़े बजबजाती नालियां सफाई व्यवस्था की पूरी तरह पोल खोल रही थी। जो स्वच्छ भारत मिशन को पूरी तरह फ्लाॅफ साबित करने के लिए काफी है। नगर पंचायत लवन के अन्तर्गत 15 वार्ड है। जिनके लिए मात्र 6 सफाई कर्मचारी ही कार्यरत है। कर्मचारियों के अभाव में इन वार्डो की नालियों की साफ-सफाई भगवान भरोसे है। कई महिनों तक नालियों की सफाई नहीं होती है। जिसकी वजह से अधिकांश वार्ड की नालियां जाम रहती है।
क्या कहते है नगर अध्यक्ष
नगर पंचायत लवन में सफ़ाई कर्मचारियों का अभाव है, 15वार्ड में मात्र 6 कर्मचारी ही पदस्थ है, और कर्मचारियों की मांग की गई है। फिलहाल सफ़ाई के लिए कर्मचारियों को बोल दिया गया है।
मीना बार्वे, नगर अध्यक्ष
नगर पंचायत लवन
क्या कहते है उपाध्यक्ष
हमारे द्वारा शुरु से ही सफ़ाई कर्मचारियों की मांग की जा रही है, सफाई कर्मचारी की कमी की वजह से ही सफ़ाई प्रभावित हो रही है। लवन में 15 वार्ड है, और केवल 6 कार्मचारी ही है। कर्मचारी बढ़ने पर सफ़ाई की समस्या कम हो जाएगी।
रामकुमार साहू, उपाध्यक्ष
नगर पंचायत लवन
बलौदाबाजार,
फागुलाल रात्रे, लवन।
इन दिनों लवन नगर में मच्छरों का आतंक बढ़ गया है, बजबजाती नालियों की सफाई नहीं होने से मच्छर पनप रहे हैं। जिससे मलेरिया की भी संभावना बढऩे लगी है। मच्छरों की परेशानी से निदान के लिए न स्वास्थ्य विभाग कुछ करता है न ही स्थानीय प्रशासन कुछ कर रहा हैं। हालाकि स्थानीय प्रशासन के द्वारा प्लेसमेंट कर्मचारियों की मांग की जाती रही है, लेकिन मांग पुरी नहीं हो पाई हैं। जिसकी वजह से सफ़ाई व्यवस्था चरमराई हुई है।
पहले डीटीटी पावडर एवं फिनाइल का छिड़काव कभी कभी होता था, लेकिन अब वो भी नहीं हो पा रहा है। मच्छरों से बचने के लिए मच्छर क्वाइल, लिक्विड, मच्छर मार रेकेट का उपयोग लोग कर रहे हैं, लेकिन कुछ दवाइयां एवं मच्छर क्वाइल लोगो को सहन नहीं होती एवं कही न कही स्वास्थ्य पर भी प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है। लवन के लोग इस समय मच्छर परेशान हैं, शाम होते ही मच्छर हमला करना शुरू कर देते हैं। नगर में नालियों का निर्माण जिस ढंग से हुआ है उससे पानी बहकर बाहर नहीं जा पाता, वहीं सफाई नहीं होने से पन्नी आदि सब नालियों को जाम कर देते हैं। घरों से निकला गंदा पानी व कचरा भी नालियों में ही छोड़ देते हैं जिसके कारण मच्छर अधिक पनप रहे हैं।
नगर पंचायत लवन द्वारा भी नगर में बजबजाती नालियों की साफ सफाई नहीं कराई जा रही है, अधिकतर वार्डों में नालियां बजबजा रही है एवं गंदगी भी पसरी हुई है। न तो समय पर डीडीटी पावडर एवं फिनाइल का छिड़काव हो रहा है।
वार्डवासियों का कहना है कि साफ-सफाई नियमित तौर से नहीं होती। इससे नालियों में मच्छरों का डेरा है। ऐसे में गर्मी में मच्छरों व गंदगी से फैलने वाली बीमारियों की चपेट में आने की आशंका है। साफ-सफाई अब सिर्फ मुख्य मार्ग तक ही सीमित रह गई है। सफाई कर्मी अंदरूनी मोहल्ले तक नहीं पहुंच रहे हैं।
स्थानीय नागरीकों का कहना है कि दो तीन माह में एक या दो बार ही नालियों की सफाई होती है। इससे नालियां जाम रहती हैं। सबसे अधिक परेशानी बारिश के दिनों में होती है, क्योंकि बारिश का पानी नाली के गंदे पानी के साथ मिलकर सड़क में बहने लगता है। इससे दुर्गंध के अलावा मच्छर भी बढ़ जाते हैं, जिससे बीमारी फैलने की आशंका बढ़ जाती है। आलम यह है कि यहां न तो सफाई और न ही यहां नालियों में नियमित रूप से डीडीटी पावडर का छिड़काव किया जाता है। नगर पंचायत के जिम्मेदारो की निष्क्रियता के चलते लोगों को बजबजाती जाम नालियों का सामना करना पड़ रहा है।
नगरवासियों ने बताया कि नगर में गली-गली में नालियों का भंडार है लेकिन किसी भी नालियों में सफाई नजर नही आती है। नगर पंचायत के द्वारा दीवार लेखन, स्वच्छता अभियान के नारेे और पोस्टर लगाने के दम पर ही नगर की गंदगी दूर कर स्वच्छता लाने के प्रयास में लगी हुई है। हर माह सफाई के नाम पर लाखो रूपये खर्च होने के बावजूद नगरवासी गंदगी भरी जिन्दगी जीने को मजबूर है। जिम्मेदार जानकर भी अनजान बने है। इससे लोगों का आक्रोश फूट रहा है। नगर के मोहल्लो की बजबजाती नालियां व गंदगी नगर पंचायत की पहचान बन गई है। जबकि नगर क्लीन रखने के लिए नगर पंचायत को पर्याप्त संसाधन भी मुहैया कराए गए है। बजबजाती नालियों की सफाई नहीं से मच्छर पनप रहे है। इसके बाद भी नगर पंचायत का सफाई विभाग गंदगी से पटी नालियों की सफाई कराने को लेकर कतई गंभीर नहीं है। आलम यह है कि नगर के ज्यादातर वार्ड इससे अछूते नहीं है। वार्डो में बजबजाती नालियां और गंदगी के ढेर ने जीना मुहाल कर दिया है। जब इसकी पड़ताल करने बुधवार को हमारे प्रतिनिधि ने नगर के विभिन्न गली मुुहल्ला पहुंची तो वहाँ फैली गंदगी व महिनों से जाम पड़े बजबजाती नालियां सफाई व्यवस्था की पूरी तरह पोल खोल रही थी। जो स्वच्छ भारत मिशन को पूरी तरह फ्लाॅफ साबित करने के लिए काफी है। नगर पंचायत लवन के अन्तर्गत 15 वार्ड है। जिनके लिए मात्र 6 सफाई कर्मचारी ही कार्यरत है। कर्मचारियों के अभाव में इन वार्डो की नालियों की साफ-सफाई भगवान भरोसे है। कई महिनों तक नालियों की सफाई नहीं होती है। जिसकी वजह से अधिकांश वार्ड की नालियां जाम रहती है।
क्या कहते है नगर अध्यक्ष
नगर पंचायत लवन में सफ़ाई कर्मचारियों का अभाव है, 15वार्ड में मात्र 6 कर्मचारी ही पदस्थ है, और कर्मचारियों की मांग की गई है। फिलहाल सफ़ाई के लिए कर्मचारियों को बोल दिया गया है।
मीना बार्वे, नगर अध्यक्ष
नगर पंचायत लवन
क्या कहते है उपाध्यक्ष
हमारे द्वारा शुरु से ही सफ़ाई कर्मचारियों की मांग की जा रही है, सफाई कर्मचारी की कमी की वजह से ही सफ़ाई प्रभावित हो रही है। लवन में 15 वार्ड है, और केवल 6 कार्मचारी ही है। कर्मचारी बढ़ने पर सफ़ाई की समस्या कम हो जाएगी।
रामकुमार साहू, उपाध्यक्ष
नगर पंचायत लवन
बलौदाबाजार,
फागुलाल रात्रे, लवन।
इन दिनों लवन नगर में मच्छरों का आतंक बढ़ गया है, बजबजाती नालियों की सफाई नहीं होने से मच्छर पनप रहे हैं। जिससे मलेरिया की भी संभावना बढऩे लगी है। मच्छरों की परेशानी से निदान के लिए न स्वास्थ्य विभाग कुछ करता है न ही स्थानीय प्रशासन कुछ कर रहा हैं। हालाकि स्थानीय प्रशासन के द्वारा प्लेसमेंट कर्मचारियों की मांग की जाती रही है, लेकिन मांग पुरी नहीं हो पाई हैं। जिसकी वजह से सफ़ाई व्यवस्था चरमराई हुई है।
पहले डीटीटी पावडर एवं फिनाइल का छिड़काव कभी कभी होता था, लेकिन अब वो भी नहीं हो पा रहा है। मच्छरों से बचने के लिए मच्छर क्वाइल, लिक्विड, मच्छर मार रेकेट का उपयोग लोग कर रहे हैं, लेकिन कुछ दवाइयां एवं मच्छर क्वाइल लोगो को सहन नहीं होती एवं कही न कही स्वास्थ्य पर भी प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है। लवन के लोग इस समय मच्छर परेशान हैं, शाम होते ही मच्छर हमला करना शुरू कर देते हैं। नगर में नालियों का निर्माण जिस ढंग से हुआ है उससे पानी बहकर बाहर नहीं जा पाता, वहीं सफाई नहीं होने से पन्नी आदि सब नालियों को जाम कर देते हैं। घरों से निकला गंदा पानी व कचरा भी नालियों में ही छोड़ देते हैं जिसके कारण मच्छर अधिक पनप रहे हैं।
नगर पंचायत लवन द्वारा भी नगर में बजबजाती नालियों की साफ सफाई नहीं कराई जा रही है, अधिकतर वार्डों में नालियां बजबजा रही है एवं गंदगी भी पसरी हुई है। न तो समय पर डीडीटी पावडर एवं फिनाइल का छिड़काव हो रहा है।
वार्डवासियों का कहना है कि साफ-सफाई नियमित तौर से नहीं होती। इससे नालियों में मच्छरों का डेरा है। ऐसे में गर्मी में मच्छरों व गंदगी से फैलने वाली बीमारियों की चपेट में आने की आशंका है। साफ-सफाई अब सिर्फ मुख्य मार्ग तक ही सीमित रह गई है। सफाई कर्मी अंदरूनी मोहल्ले तक नहीं पहुंच रहे हैं।
स्थानीय नागरीकों का कहना है कि दो तीन माह में एक या दो बार ही नालियों की सफाई होती है। इससे नालियां जाम रहती हैं। सबसे अधिक परेशानी बारिश के दिनों में होती है, क्योंकि बारिश का पानी नाली के गंदे पानी के साथ मिलकर सड़क में बहने लगता है। इससे दुर्गंध के अलावा मच्छर भी बढ़ जाते हैं, जिससे बीमारी फैलने की आशंका बढ़ जाती है। आलम यह है कि यहां न तो सफाई और न ही यहां नालियों में नियमित रूप से डीडीटी पावडर का छिड़काव किया जाता है। नगर पंचायत के जिम्मेदारो की निष्क्रियता के चलते लोगों को बजबजाती जाम नालियों का सामना करना पड़ रहा है।
नगरवासियों ने बताया कि नगर में गली-गली में नालियों का भंडार है लेकिन किसी भी नालियों में सफाई नजर नही आती है। नगर पंचायत के द्वारा दीवार लेखन, स्वच्छता अभियान के नारेे और पोस्टर लगाने के दम पर ही नगर की गंदगी दूर कर स्वच्छता लाने के प्रयास में लगी हुई है। हर माह सफाई के नाम पर लाखो रूपये खर्च होने के बावजूद नगरवासी गंदगी भरी जिन्दगी जीने को मजबूर है। जिम्मेदार जानकर भी अनजान बने है। इससे लोगों का आक्रोश फूट रहा है। नगर के मोहल्लो की बजबजाती नालियां व गंदगी नगर पंचायत की पहचान बन गई है। जबकि नगर क्लीन रखने के लिए नगर पंचायत को पर्याप्त संसाधन भी मुहैया कराए गए है। बजबजाती नालियों की सफाई नहीं से मच्छर पनप रहे है। इसके बाद भी नगर पंचायत का सफाई विभाग गंदगी से पटी नालियों की सफाई कराने को लेकर कतई गंभीर नहीं है। आलम यह है कि नगर के ज्यादातर वार्ड इससे अछूते नहीं है। वार्डो में बजबजाती नालियां और गंदगी के ढेर ने जीना मुहाल कर दिया है। जब इसकी पड़ताल करने बुधवार को हमारे प्रतिनिधि ने नगर के विभिन्न गली मुुहल्ला पहुंची तो वहाँ फैली गंदगी व महिनों से जाम पड़े बजबजाती नालियां सफाई व्यवस्था की पूरी तरह पोल खोल रही थी। जो स्वच्छ भारत मिशन को पूरी तरह फ्लाॅफ साबित करने के लिए काफी है। नगर पंचायत लवन के अन्तर्गत 15 वार्ड है। जिनके लिए मात्र 6 सफाई कर्मचारी ही कार्यरत है। कर्मचारियों के अभाव में इन वार्डो की नालियों की साफ-सफाई भगवान भरोसे है। कई महिनों तक नालियों की सफाई नहीं होती है। जिसकी वजह से अधिकांश वार्ड की नालियां जाम रहती है।
क्या कहते है नगर अध्यक्ष
नगर पंचायत लवन में सफ़ाई कर्मचारियों का अभाव है, 15वार्ड में मात्र 6 कर्मचारी ही पदस्थ है, और कर्मचारियों की मांग की गई है। फिलहाल सफ़ाई के लिए कर्मचारियों को बोल दिया गया है।
मीना बार्वे, नगर अध्यक्ष
नगर पंचायत लवन
क्या कहते है उपाध्यक्ष
हमारे द्वारा शुरु से ही सफ़ाई कर्मचारियों की मांग की जा रही है, सफाई कर्मचारी की कमी की वजह से ही सफ़ाई प्रभावित हो रही है। लवन में 15 वार्ड है, और केवल 6 कार्मचारी ही है। कर्मचारी बढ़ने पर सफ़ाई की समस्या कम हो जाएगी।
रामकुमार साहू, उपाध्यक्ष
नगर पंचायत लवन
बलौदाबाजार,
फागुलाल रात्रे, लवन।
इन दिनों लवन नगर में मच्छरों का आतंक बढ़ गया है, बजबजाती नालियों की सफाई नहीं होने से मच्छर पनप रहे हैं। जिससे मलेरिया की भी संभावना बढऩे लगी है। मच्छरों की परेशानी से निदान के लिए न स्वास्थ्य विभाग कुछ करता है न ही स्थानीय प्रशासन कुछ कर रहा हैं। हालाकि स्थानीय प्रशासन के द्वारा प्लेसमेंट कर्मचारियों की मांग की जाती रही है, लेकिन मांग पुरी नहीं हो पाई हैं। जिसकी वजह से सफ़ाई व्यवस्था चरमराई हुई है।
पहले डीटीटी पावडर एवं फिनाइल का छिड़काव कभी कभी होता था, लेकिन अब वो भी नहीं हो पा रहा है। मच्छरों से बचने के लिए मच्छर क्वाइल, लिक्विड, मच्छर मार रेकेट का उपयोग लोग कर रहे हैं, लेकिन कुछ दवाइयां एवं मच्छर क्वाइल लोगो को सहन नहीं होती एवं कही न कही स्वास्थ्य पर भी प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है। लवन के लोग इस समय मच्छर परेशान हैं, शाम होते ही मच्छर हमला करना शुरू कर देते हैं। नगर में नालियों का निर्माण जिस ढंग से हुआ है उससे पानी बहकर बाहर नहीं जा पाता, वहीं सफाई नहीं होने से पन्नी आदि सब नालियों को जाम कर देते हैं। घरों से निकला गंदा पानी व कचरा भी नालियों में ही छोड़ देते हैं जिसके कारण मच्छर अधिक पनप रहे हैं।
नगर पंचायत लवन द्वारा भी नगर में बजबजाती नालियों की साफ सफाई नहीं कराई जा रही है, अधिकतर वार्डों में नालियां बजबजा रही है एवं गंदगी भी पसरी हुई है। न तो समय पर डीडीटी पावडर एवं फिनाइल का छिड़काव हो रहा है।
वार्डवासियों का कहना है कि साफ-सफाई नियमित तौर से नहीं होती। इससे नालियों में मच्छरों का डेरा है। ऐसे में गर्मी में मच्छरों व गंदगी से फैलने वाली बीमारियों की चपेट में आने की आशंका है। साफ-सफाई अब सिर्फ मुख्य मार्ग तक ही सीमित रह गई है। सफाई कर्मी अंदरूनी मोहल्ले तक नहीं पहुंच रहे हैं।
स्थानीय नागरीकों का कहना है कि दो तीन माह में एक या दो बार ही नालियों की सफाई होती है। इससे नालियां जाम रहती हैं। सबसे अधिक परेशानी बारिश के दिनों में होती है, क्योंकि बारिश का पानी नाली के गंदे पानी के साथ मिलकर सड़क में बहने लगता है। इससे दुर्गंध के अलावा मच्छर भी बढ़ जाते हैं, जिससे बीमारी फैलने की आशंका बढ़ जाती है। आलम यह है कि यहां न तो सफाई और न ही यहां नालियों में नियमित रूप से डीडीटी पावडर का छिड़काव किया जाता है। नगर पंचायत के जिम्मेदारो की निष्क्रियता के चलते लोगों को बजबजाती जाम नालियों का सामना करना पड़ रहा है।
नगरवासियों ने बताया कि नगर में गली-गली में नालियों का भंडार है लेकिन किसी भी नालियों में सफाई नजर नही आती है। नगर पंचायत के द्वारा दीवार लेखन, स्वच्छता अभियान के नारेे और पोस्टर लगाने के दम पर ही नगर की गंदगी दूर कर स्वच्छता लाने के प्रयास में लगी हुई है। हर माह सफाई के नाम पर लाखो रूपये खर्च होने के बावजूद नगरवासी गंदगी भरी जिन्दगी जीने को मजबूर है। जिम्मेदार जानकर भी अनजान बने है। इससे लोगों का आक्रोश फूट रहा है। नगर के मोहल्लो की बजबजाती नालियां व गंदगी नगर पंचायत की पहचान बन गई है। जबकि नगर क्लीन रखने के लिए नगर पंचायत को पर्याप्त संसाधन भी मुहैया कराए गए है। बजबजाती नालियों की सफाई नहीं से मच्छर पनप रहे है। इसके बाद भी नगर पंचायत का सफाई विभाग गंदगी से पटी नालियों की सफाई कराने को लेकर कतई गंभीर नहीं है। आलम यह है कि नगर के ज्यादातर वार्ड इससे अछूते नहीं है। वार्डो में बजबजाती नालियां और गंदगी के ढेर ने जीना मुहाल कर दिया है। जब इसकी पड़ताल करने बुधवार को हमारे प्रतिनिधि ने नगर के विभिन्न गली मुुहल्ला पहुंची तो वहाँ फैली गंदगी व महिनों से जाम पड़े बजबजाती नालियां सफाई व्यवस्था की पूरी तरह पोल खोल रही थी। जो स्वच्छ भारत मिशन को पूरी तरह फ्लाॅफ साबित करने के लिए काफी है। नगर पंचायत लवन के अन्तर्गत 15 वार्ड है। जिनके लिए मात्र 6 सफाई कर्मचारी ही कार्यरत है। कर्मचारियों के अभाव में इन वार्डो की नालियों की साफ-सफाई भगवान भरोसे है। कई महिनों तक नालियों की सफाई नहीं होती है। जिसकी वजह से अधिकांश वार्ड की नालियां जाम रहती है।
क्या कहते है नगर अध्यक्ष
नगर पंचायत लवन में सफ़ाई कर्मचारियों का अभाव है, 15वार्ड में मात्र 6 कर्मचारी ही पदस्थ है, और कर्मचारियों की मांग की गई है। फिलहाल सफ़ाई के लिए कर्मचारियों को बोल दिया गया है।
मीना बार्वे, नगर अध्यक्ष
नगर पंचायत लवन
क्या कहते है उपाध्यक्ष
हमारे द्वारा शुरु से ही सफ़ाई कर्मचारियों की मांग की जा रही है, सफाई कर्मचारी की कमी की वजह से ही सफ़ाई प्रभावित हो रही है। लवन में 15 वार्ड है, और केवल 6 कार्मचारी ही है। कर्मचारी बढ़ने पर सफ़ाई की समस्या कम हो जाएगी।
रामकुमार साहू, उपाध्यक्ष
नगर पंचायत लवन
बलौदाबाजार,
फागुलाल रात्रे, लवन।
इन दिनों लवन नगर में मच्छरों का आतंक बढ़ गया है, बजबजाती नालियों की सफाई नहीं होने से मच्छर पनप रहे हैं। जिससे मलेरिया की भी संभावना बढऩे लगी है। मच्छरों की परेशानी से निदान के लिए न स्वास्थ्य विभाग कुछ करता है न ही स्थानीय प्रशासन कुछ कर रहा हैं। हालाकि स्थानीय प्रशासन के द्वारा प्लेसमेंट कर्मचारियों की मांग की जाती रही है, लेकिन मांग पुरी नहीं हो पाई हैं। जिसकी वजह से सफ़ाई व्यवस्था चरमराई हुई है।
पहले डीटीटी पावडर एवं फिनाइल का छिड़काव कभी कभी होता था, लेकिन अब वो भी नहीं हो पा रहा है। मच्छरों से बचने के लिए मच्छर क्वाइल, लिक्विड, मच्छर मार रेकेट का उपयोग लोग कर रहे हैं, लेकिन कुछ दवाइयां एवं मच्छर क्वाइल लोगो को सहन नहीं होती एवं कही न कही स्वास्थ्य पर भी प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है। लवन के लोग इस समय मच्छर परेशान हैं, शाम होते ही मच्छर हमला करना शुरू कर देते हैं। नगर में नालियों का निर्माण जिस ढंग से हुआ है उससे पानी बहकर बाहर नहीं जा पाता, वहीं सफाई नहीं होने से पन्नी आदि सब नालियों को जाम कर देते हैं। घरों से निकला गंदा पानी व कचरा भी नालियों में ही छोड़ देते हैं जिसके कारण मच्छर अधिक पनप रहे हैं।
नगर पंचायत लवन द्वारा भी नगर में बजबजाती नालियों की साफ सफाई नहीं कराई जा रही है, अधिकतर वार्डों में नालियां बजबजा रही है एवं गंदगी भी पसरी हुई है। न तो समय पर डीडीटी पावडर एवं फिनाइल का छिड़काव हो रहा है।
वार्डवासियों का कहना है कि साफ-सफाई नियमित तौर से नहीं होती। इससे नालियों में मच्छरों का डेरा है। ऐसे में गर्मी में मच्छरों व गंदगी से फैलने वाली बीमारियों की चपेट में आने की आशंका है। साफ-सफाई अब सिर्फ मुख्य मार्ग तक ही सीमित रह गई है। सफाई कर्मी अंदरूनी मोहल्ले तक नहीं पहुंच रहे हैं।
स्थानीय नागरीकों का कहना है कि दो तीन माह में एक या दो बार ही नालियों की सफाई होती है। इससे नालियां जाम रहती हैं। सबसे अधिक परेशानी बारिश के दिनों में होती है, क्योंकि बारिश का पानी नाली के गंदे पानी के साथ मिलकर सड़क में बहने लगता है। इससे दुर्गंध के अलावा मच्छर भी बढ़ जाते हैं, जिससे बीमारी फैलने की आशंका बढ़ जाती है। आलम यह है कि यहां न तो सफाई और न ही यहां नालियों में नियमित रूप से डीडीटी पावडर का छिड़काव किया जाता है। नगर पंचायत के जिम्मेदारो की निष्क्रियता के चलते लोगों को बजबजाती जाम नालियों का सामना करना पड़ रहा है।
नगरवासियों ने बताया कि नगर में गली-गली में नालियों का भंडार है लेकिन किसी भी नालियों में सफाई नजर नही आती है। नगर पंचायत के द्वारा दीवार लेखन, स्वच्छता अभियान के नारेे और पोस्टर लगाने के दम पर ही नगर की गंदगी दूर कर स्वच्छता लाने के प्रयास में लगी हुई है। हर माह सफाई के नाम पर लाखो रूपये खर्च होने के बावजूद नगरवासी गंदगी भरी जिन्दगी जीने को मजबूर है। जिम्मेदार जानकर भी अनजान बने है। इससे लोगों का आक्रोश फूट रहा है। नगर के मोहल्लो की बजबजाती नालियां व गंदगी नगर पंचायत की पहचान बन गई है। जबकि नगर क्लीन रखने के लिए नगर पंचायत को पर्याप्त संसाधन भी मुहैया कराए गए है। बजबजाती नालियों की सफाई नहीं से मच्छर पनप रहे है। इसके बाद भी नगर पंचायत का सफाई विभाग गंदगी से पटी नालियों की सफाई कराने को लेकर कतई गंभीर नहीं है। आलम यह है कि नगर के ज्यादातर वार्ड इससे अछूते नहीं है। वार्डो में बजबजाती नालियां और गंदगी के ढेर ने जीना मुहाल कर दिया है। जब इसकी पड़ताल करने बुधवार को हमारे प्रतिनिधि ने नगर के विभिन्न गली मुुहल्ला पहुंची तो वहाँ फैली गंदगी व महिनों से जाम पड़े बजबजाती नालियां सफाई व्यवस्था की पूरी तरह पोल खोल रही थी। जो स्वच्छ भारत मिशन को पूरी तरह फ्लाॅफ साबित करने के लिए काफी है। नगर पंचायत लवन के अन्तर्गत 15 वार्ड है। जिनके लिए मात्र 6 सफाई कर्मचारी ही कार्यरत है। कर्मचारियों के अभाव में इन वार्डो की नालियों की साफ-सफाई भगवान भरोसे है। कई महिनों तक नालियों की सफाई नहीं होती है। जिसकी वजह से अधिकांश वार्ड की नालियां जाम रहती है।
क्या कहते है नगर अध्यक्ष
नगर पंचायत लवन में सफ़ाई कर्मचारियों का अभाव है, 15वार्ड में मात्र 6 कर्मचारी ही पदस्थ है, और कर्मचारियों की मांग की गई है। फिलहाल सफ़ाई के लिए कर्मचारियों को बोल दिया गया है।
मीना बार्वे, नगर अध्यक्ष
नगर पंचायत लवन
क्या कहते है उपाध्यक्ष
हमारे द्वारा शुरु से ही सफ़ाई कर्मचारियों की मांग की जा रही है, सफाई कर्मचारी की कमी की वजह से ही सफ़ाई प्रभावित हो रही है। लवन में 15 वार्ड है, और केवल 6 कार्मचारी ही है। कर्मचारी बढ़ने पर सफ़ाई की समस्या कम हो जाएगी।
रामकुमार साहू, उपाध्यक्ष
नगर पंचायत लवन
बलौदाबाजार,
फागुलाल रात्रे, लवन।
इन दिनों लवन नगर में मच्छरों का आतंक बढ़ गया है, बजबजाती नालियों की सफाई नहीं होने से मच्छर पनप रहे हैं। जिससे मलेरिया की भी संभावना बढऩे लगी है। मच्छरों की परेशानी से निदान के लिए न स्वास्थ्य विभाग कुछ करता है न ही स्थानीय प्रशासन कुछ कर रहा हैं। हालाकि स्थानीय प्रशासन के द्वारा प्लेसमेंट कर्मचारियों की मांग की जाती रही है, लेकिन मांग पुरी नहीं हो पाई हैं। जिसकी वजह से सफ़ाई व्यवस्था चरमराई हुई है।
पहले डीटीटी पावडर एवं फिनाइल का छिड़काव कभी कभी होता था, लेकिन अब वो भी नहीं हो पा रहा है। मच्छरों से बचने के लिए मच्छर क्वाइल, लिक्विड, मच्छर मार रेकेट का उपयोग लोग कर रहे हैं, लेकिन कुछ दवाइयां एवं मच्छर क्वाइल लोगो को सहन नहीं होती एवं कही न कही स्वास्थ्य पर भी प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है। लवन के लोग इस समय मच्छर परेशान हैं, शाम होते ही मच्छर हमला करना शुरू कर देते हैं। नगर में नालियों का निर्माण जिस ढंग से हुआ है उससे पानी बहकर बाहर नहीं जा पाता, वहीं सफाई नहीं होने से पन्नी आदि सब नालियों को जाम कर देते हैं। घरों से निकला गंदा पानी व कचरा भी नालियों में ही छोड़ देते हैं जिसके कारण मच्छर अधिक पनप रहे हैं।
नगर पंचायत लवन द्वारा भी नगर में बजबजाती नालियों की साफ सफाई नहीं कराई जा रही है, अधिकतर वार्डों में नालियां बजबजा रही है एवं गंदगी भी पसरी हुई है। न तो समय पर डीडीटी पावडर एवं फिनाइल का छिड़काव हो रहा है।
वार्डवासियों का कहना है कि साफ-सफाई नियमित तौर से नहीं होती। इससे नालियों में मच्छरों का डेरा है। ऐसे में गर्मी में मच्छरों व गंदगी से फैलने वाली बीमारियों की चपेट में आने की आशंका है। साफ-सफाई अब सिर्फ मुख्य मार्ग तक ही सीमित रह गई है। सफाई कर्मी अंदरूनी मोहल्ले तक नहीं पहुंच रहे हैं।
स्थानीय नागरीकों का कहना है कि दो तीन माह में एक या दो बार ही नालियों की सफाई होती है। इससे नालियां जाम रहती हैं। सबसे अधिक परेशानी बारिश के दिनों में होती है, क्योंकि बारिश का पानी नाली के गंदे पानी के साथ मिलकर सड़क में बहने लगता है। इससे दुर्गंध के अलावा मच्छर भी बढ़ जाते हैं, जिससे बीमारी फैलने की आशंका बढ़ जाती है। आलम यह है कि यहां न तो सफाई और न ही यहां नालियों में नियमित रूप से डीडीटी पावडर का छिड़काव किया जाता है। नगर पंचायत के जिम्मेदारो की निष्क्रियता के चलते लोगों को बजबजाती जाम नालियों का सामना करना पड़ रहा है।
नगरवासियों ने बताया कि नगर में गली-गली में नालियों का भंडार है लेकिन किसी भी नालियों में सफाई नजर नही आती है। नगर पंचायत के द्वारा दीवार लेखन, स्वच्छता अभियान के नारेे और पोस्टर लगाने के दम पर ही नगर की गंदगी दूर कर स्वच्छता लाने के प्रयास में लगी हुई है। हर माह सफाई के नाम पर लाखो रूपये खर्च होने के बावजूद नगरवासी गंदगी भरी जिन्दगी जीने को मजबूर है। जिम्मेदार जानकर भी अनजान बने है। इससे लोगों का आक्रोश फूट रहा है। नगर के मोहल्लो की बजबजाती नालियां व गंदगी नगर पंचायत की पहचान बन गई है। जबकि नगर क्लीन रखने के लिए नगर पंचायत को पर्याप्त संसाधन भी मुहैया कराए गए है। बजबजाती नालियों की सफाई नहीं से मच्छर पनप रहे है। इसके बाद भी नगर पंचायत का सफाई विभाग गंदगी से पटी नालियों की सफाई कराने को लेकर कतई गंभीर नहीं है। आलम यह है कि नगर के ज्यादातर वार्ड इससे अछूते नहीं है। वार्डो में बजबजाती नालियां और गंदगी के ढेर ने जीना मुहाल कर दिया है। जब इसकी पड़ताल करने बुधवार को हमारे प्रतिनिधि ने नगर के विभिन्न गली मुुहल्ला पहुंची तो वहाँ फैली गंदगी व महिनों से जाम पड़े बजबजाती नालियां सफाई व्यवस्था की पूरी तरह पोल खोल रही थी। जो स्वच्छ भारत मिशन को पूरी तरह फ्लाॅफ साबित करने के लिए काफी है। नगर पंचायत लवन के अन्तर्गत 15 वार्ड है। जिनके लिए मात्र 6 सफाई कर्मचारी ही कार्यरत है। कर्मचारियों के अभाव में इन वार्डो की नालियों की साफ-सफाई भगवान भरोसे है। कई महिनों तक नालियों की सफाई नहीं होती है। जिसकी वजह से अधिकांश वार्ड की नालियां जाम रहती है।
क्या कहते है नगर अध्यक्ष
नगर पंचायत लवन में सफ़ाई कर्मचारियों का अभाव है, 15वार्ड में मात्र 6 कर्मचारी ही पदस्थ है, और कर्मचारियों की मांग की गई है। फिलहाल सफ़ाई के लिए कर्मचारियों को बोल दिया गया है।
मीना बार्वे, नगर अध्यक्ष
नगर पंचायत लवन
क्या कहते है उपाध्यक्ष
हमारे द्वारा शुरु से ही सफ़ाई कर्मचारियों की मांग की जा रही है, सफाई कर्मचारी की कमी की वजह से ही सफ़ाई प्रभावित हो रही है। लवन में 15 वार्ड है, और केवल 6 कार्मचारी ही है। कर्मचारी बढ़ने पर सफ़ाई की समस्या कम हो जाएगी।
रामकुमार साहू, उपाध्यक्ष
नगर पंचायत लवन
बलौदाबाजार,
फागुलाल रात्रे, लवन।
इन दिनों लवन नगर में मच्छरों का आतंक बढ़ गया है, बजबजाती नालियों की सफाई नहीं होने से मच्छर पनप रहे हैं। जिससे मलेरिया की भी संभावना बढऩे लगी है। मच्छरों की परेशानी से निदान के लिए न स्वास्थ्य विभाग कुछ करता है न ही स्थानीय प्रशासन कुछ कर रहा हैं। हालाकि स्थानीय प्रशासन के द्वारा प्लेसमेंट कर्मचारियों की मांग की जाती रही है, लेकिन मांग पुरी नहीं हो पाई हैं। जिसकी वजह से सफ़ाई व्यवस्था चरमराई हुई है।
पहले डीटीटी पावडर एवं फिनाइल का छिड़काव कभी कभी होता था, लेकिन अब वो भी नहीं हो पा रहा है। मच्छरों से बचने के लिए मच्छर क्वाइल, लिक्विड, मच्छर मार रेकेट का उपयोग लोग कर रहे हैं, लेकिन कुछ दवाइयां एवं मच्छर क्वाइल लोगो को सहन नहीं होती एवं कही न कही स्वास्थ्य पर भी प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है। लवन के लोग इस समय मच्छर परेशान हैं, शाम होते ही मच्छर हमला करना शुरू कर देते हैं। नगर में नालियों का निर्माण जिस ढंग से हुआ है उससे पानी बहकर बाहर नहीं जा पाता, वहीं सफाई नहीं होने से पन्नी आदि सब नालियों को जाम कर देते हैं। घरों से निकला गंदा पानी व कचरा भी नालियों में ही छोड़ देते हैं जिसके कारण मच्छर अधिक पनप रहे हैं।
नगर पंचायत लवन द्वारा भी नगर में बजबजाती नालियों की साफ सफाई नहीं कराई जा रही है, अधिकतर वार्डों में नालियां बजबजा रही है एवं गंदगी भी पसरी हुई है। न तो समय पर डीडीटी पावडर एवं फिनाइल का छिड़काव हो रहा है।
वार्डवासियों का कहना है कि साफ-सफाई नियमित तौर से नहीं होती। इससे नालियों में मच्छरों का डेरा है। ऐसे में गर्मी में मच्छरों व गंदगी से फैलने वाली बीमारियों की चपेट में आने की आशंका है। साफ-सफाई अब सिर्फ मुख्य मार्ग तक ही सीमित रह गई है। सफाई कर्मी अंदरूनी मोहल्ले तक नहीं पहुंच रहे हैं।
स्थानीय नागरीकों का कहना है कि दो तीन माह में एक या दो बार ही नालियों की सफाई होती है। इससे नालियां जाम रहती हैं। सबसे अधिक परेशानी बारिश के दिनों में होती है, क्योंकि बारिश का पानी नाली के गंदे पानी के साथ मिलकर सड़क में बहने लगता है। इससे दुर्गंध के अलावा मच्छर भी बढ़ जाते हैं, जिससे बीमारी फैलने की आशंका बढ़ जाती है। आलम यह है कि यहां न तो सफाई और न ही यहां नालियों में नियमित रूप से डीडीटी पावडर का छिड़काव किया जाता है। नगर पंचायत के जिम्मेदारो की निष्क्रियता के चलते लोगों को बजबजाती जाम नालियों का सामना करना पड़ रहा है।
नगरवासियों ने बताया कि नगर में गली-गली में नालियों का भंडार है लेकिन किसी भी नालियों में सफाई नजर नही आती है। नगर पंचायत के द्वारा दीवार लेखन, स्वच्छता अभियान के नारेे और पोस्टर लगाने के दम पर ही नगर की गंदगी दूर कर स्वच्छता लाने के प्रयास में लगी हुई है। हर माह सफाई के नाम पर लाखो रूपये खर्च होने के बावजूद नगरवासी गंदगी भरी जिन्दगी जीने को मजबूर है। जिम्मेदार जानकर भी अनजान बने है। इससे लोगों का आक्रोश फूट रहा है। नगर के मोहल्लो की बजबजाती नालियां व गंदगी नगर पंचायत की पहचान बन गई है। जबकि नगर क्लीन रखने के लिए नगर पंचायत को पर्याप्त संसाधन भी मुहैया कराए गए है। बजबजाती नालियों की सफाई नहीं से मच्छर पनप रहे है। इसके बाद भी नगर पंचायत का सफाई विभाग गंदगी से पटी नालियों की सफाई कराने को लेकर कतई गंभीर नहीं है। आलम यह है कि नगर के ज्यादातर वार्ड इससे अछूते नहीं है। वार्डो में बजबजाती नालियां और गंदगी के ढेर ने जीना मुहाल कर दिया है। जब इसकी पड़ताल करने बुधवार को हमारे प्रतिनिधि ने नगर के विभिन्न गली मुुहल्ला पहुंची तो वहाँ फैली गंदगी व महिनों से जाम पड़े बजबजाती नालियां सफाई व्यवस्था की पूरी तरह पोल खोल रही थी। जो स्वच्छ भारत मिशन को पूरी तरह फ्लाॅफ साबित करने के लिए काफी है। नगर पंचायत लवन के अन्तर्गत 15 वार्ड है। जिनके लिए मात्र 6 सफाई कर्मचारी ही कार्यरत है। कर्मचारियों के अभाव में इन वार्डो की नालियों की साफ-सफाई भगवान भरोसे है। कई महिनों तक नालियों की सफाई नहीं होती है। जिसकी वजह से अधिकांश वार्ड की नालियां जाम रहती है।
क्या कहते है नगर अध्यक्ष
नगर पंचायत लवन में सफ़ाई कर्मचारियों का अभाव है, 15वार्ड में मात्र 6 कर्मचारी ही पदस्थ है, और कर्मचारियों की मांग की गई है। फिलहाल सफ़ाई के लिए कर्मचारियों को बोल दिया गया है।
मीना बार्वे, नगर अध्यक्ष
नगर पंचायत लवन
क्या कहते है उपाध्यक्ष
हमारे द्वारा शुरु से ही सफ़ाई कर्मचारियों की मांग की जा रही है, सफाई कर्मचारी की कमी की वजह से ही सफ़ाई प्रभावित हो रही है। लवन में 15 वार्ड है, और केवल 6 कार्मचारी ही है। कर्मचारी बढ़ने पर सफ़ाई की समस्या कम हो जाएगी।
रामकुमार साहू, उपाध्यक्ष
नगर पंचायत लवन
बलौदाबाजार,
फागुलाल रात्रे, लवन।
इन दिनों लवन नगर में मच्छरों का आतंक बढ़ गया है, बजबजाती नालियों की सफाई नहीं होने से मच्छर पनप रहे हैं। जिससे मलेरिया की भी संभावना बढऩे लगी है। मच्छरों की परेशानी से निदान के लिए न स्वास्थ्य विभाग कुछ करता है न ही स्थानीय प्रशासन कुछ कर रहा हैं। हालाकि स्थानीय प्रशासन के द्वारा प्लेसमेंट कर्मचारियों की मांग की जाती रही है, लेकिन मांग पुरी नहीं हो पाई हैं। जिसकी वजह से सफ़ाई व्यवस्था चरमराई हुई है।
पहले डीटीटी पावडर एवं फिनाइल का छिड़काव कभी कभी होता था, लेकिन अब वो भी नहीं हो पा रहा है। मच्छरों से बचने के लिए मच्छर क्वाइल, लिक्विड, मच्छर मार रेकेट का उपयोग लोग कर रहे हैं, लेकिन कुछ दवाइयां एवं मच्छर क्वाइल लोगो को सहन नहीं होती एवं कही न कही स्वास्थ्य पर भी प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है। लवन के लोग इस समय मच्छर परेशान हैं, शाम होते ही मच्छर हमला करना शुरू कर देते हैं। नगर में नालियों का निर्माण जिस ढंग से हुआ है उससे पानी बहकर बाहर नहीं जा पाता, वहीं सफाई नहीं होने से पन्नी आदि सब नालियों को जाम कर देते हैं। घरों से निकला गंदा पानी व कचरा भी नालियों में ही छोड़ देते हैं जिसके कारण मच्छर अधिक पनप रहे हैं।
नगर पंचायत लवन द्वारा भी नगर में बजबजाती नालियों की साफ सफाई नहीं कराई जा रही है, अधिकतर वार्डों में नालियां बजबजा रही है एवं गंदगी भी पसरी हुई है। न तो समय पर डीडीटी पावडर एवं फिनाइल का छिड़काव हो रहा है।
वार्डवासियों का कहना है कि साफ-सफाई नियमित तौर से नहीं होती। इससे नालियों में मच्छरों का डेरा है। ऐसे में गर्मी में मच्छरों व गंदगी से फैलने वाली बीमारियों की चपेट में आने की आशंका है। साफ-सफाई अब सिर्फ मुख्य मार्ग तक ही सीमित रह गई है। सफाई कर्मी अंदरूनी मोहल्ले तक नहीं पहुंच रहे हैं।
स्थानीय नागरीकों का कहना है कि दो तीन माह में एक या दो बार ही नालियों की सफाई होती है। इससे नालियां जाम रहती हैं। सबसे अधिक परेशानी बारिश के दिनों में होती है, क्योंकि बारिश का पानी नाली के गंदे पानी के साथ मिलकर सड़क में बहने लगता है। इससे दुर्गंध के अलावा मच्छर भी बढ़ जाते हैं, जिससे बीमारी फैलने की आशंका बढ़ जाती है। आलम यह है कि यहां न तो सफाई और न ही यहां नालियों में नियमित रूप से डीडीटी पावडर का छिड़काव किया जाता है। नगर पंचायत के जिम्मेदारो की निष्क्रियता के चलते लोगों को बजबजाती जाम नालियों का सामना करना पड़ रहा है।
नगरवासियों ने बताया कि नगर में गली-गली में नालियों का भंडार है लेकिन किसी भी नालियों में सफाई नजर नही आती है। नगर पंचायत के द्वारा दीवार लेखन, स्वच्छता अभियान के नारेे और पोस्टर लगाने के दम पर ही नगर की गंदगी दूर कर स्वच्छता लाने के प्रयास में लगी हुई है। हर माह सफाई के नाम पर लाखो रूपये खर्च होने के बावजूद नगरवासी गंदगी भरी जिन्दगी जीने को मजबूर है। जिम्मेदार जानकर भी अनजान बने है। इससे लोगों का आक्रोश फूट रहा है। नगर के मोहल्लो की बजबजाती नालियां व गंदगी नगर पंचायत की पहचान बन गई है। जबकि नगर क्लीन रखने के लिए नगर पंचायत को पर्याप्त संसाधन भी मुहैया कराए गए है। बजबजाती नालियों की सफाई नहीं से मच्छर पनप रहे है। इसके बाद भी नगर पंचायत का सफाई विभाग गंदगी से पटी नालियों की सफाई कराने को लेकर कतई गंभीर नहीं है। आलम यह है कि नगर के ज्यादातर वार्ड इससे अछूते नहीं है। वार्डो में बजबजाती नालियां और गंदगी के ढेर ने जीना मुहाल कर दिया है। जब इसकी पड़ताल करने बुधवार को हमारे प्रतिनिधि ने नगर के विभिन्न गली मुुहल्ला पहुंची तो वहाँ फैली गंदगी व महिनों से जाम पड़े बजबजाती नालियां सफाई व्यवस्था की पूरी तरह पोल खोल रही थी। जो स्वच्छ भारत मिशन को पूरी तरह फ्लाॅफ साबित करने के लिए काफी है। नगर पंचायत लवन के अन्तर्गत 15 वार्ड है। जिनके लिए मात्र 6 सफाई कर्मचारी ही कार्यरत है। कर्मचारियों के अभाव में इन वार्डो की नालियों की साफ-सफाई भगवान भरोसे है। कई महिनों तक नालियों की सफाई नहीं होती है। जिसकी वजह से अधिकांश वार्ड की नालियां जाम रहती है।
क्या कहते है नगर अध्यक्ष
नगर पंचायत लवन में सफ़ाई कर्मचारियों का अभाव है, 15वार्ड में मात्र 6 कर्मचारी ही पदस्थ है, और कर्मचारियों की मांग की गई है। फिलहाल सफ़ाई के लिए कर्मचारियों को बोल दिया गया है।
मीना बार्वे, नगर अध्यक्ष
नगर पंचायत लवन
क्या कहते है उपाध्यक्ष
हमारे द्वारा शुरु से ही सफ़ाई कर्मचारियों की मांग की जा रही है, सफाई कर्मचारी की कमी की वजह से ही सफ़ाई प्रभावित हो रही है। लवन में 15 वार्ड है, और केवल 6 कार्मचारी ही है। कर्मचारी बढ़ने पर सफ़ाई की समस्या कम हो जाएगी।
रामकुमार साहू, उपाध्यक्ष
नगर पंचायत लवन
बलौदाबाजार,
फागुलाल रात्रे, लवन।
इन दिनों लवन नगर में मच्छरों का आतंक बढ़ गया है, बजबजाती नालियों की सफाई नहीं होने से मच्छर पनप रहे हैं। जिससे मलेरिया की भी संभावना बढऩे लगी है। मच्छरों की परेशानी से निदान के लिए न स्वास्थ्य विभाग कुछ करता है न ही स्थानीय प्रशासन कुछ कर रहा हैं। हालाकि स्थानीय प्रशासन के द्वारा प्लेसमेंट कर्मचारियों की मांग की जाती रही है, लेकिन मांग पुरी नहीं हो पाई हैं। जिसकी वजह से सफ़ाई व्यवस्था चरमराई हुई है।
पहले डीटीटी पावडर एवं फिनाइल का छिड़काव कभी कभी होता था, लेकिन अब वो भी नहीं हो पा रहा है। मच्छरों से बचने के लिए मच्छर क्वाइल, लिक्विड, मच्छर मार रेकेट का उपयोग लोग कर रहे हैं, लेकिन कुछ दवाइयां एवं मच्छर क्वाइल लोगो को सहन नहीं होती एवं कही न कही स्वास्थ्य पर भी प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है। लवन के लोग इस समय मच्छर परेशान हैं, शाम होते ही मच्छर हमला करना शुरू कर देते हैं। नगर में नालियों का निर्माण जिस ढंग से हुआ है उससे पानी बहकर बाहर नहीं जा पाता, वहीं सफाई नहीं होने से पन्नी आदि सब नालियों को जाम कर देते हैं। घरों से निकला गंदा पानी व कचरा भी नालियों में ही छोड़ देते हैं जिसके कारण मच्छर अधिक पनप रहे हैं।
नगर पंचायत लवन द्वारा भी नगर में बजबजाती नालियों की साफ सफाई नहीं कराई जा रही है, अधिकतर वार्डों में नालियां बजबजा रही है एवं गंदगी भी पसरी हुई है। न तो समय पर डीडीटी पावडर एवं फिनाइल का छिड़काव हो रहा है।
वार्डवासियों का कहना है कि साफ-सफाई नियमित तौर से नहीं होती। इससे नालियों में मच्छरों का डेरा है। ऐसे में गर्मी में मच्छरों व गंदगी से फैलने वाली बीमारियों की चपेट में आने की आशंका है। साफ-सफाई अब सिर्फ मुख्य मार्ग तक ही सीमित रह गई है। सफाई कर्मी अंदरूनी मोहल्ले तक नहीं पहुंच रहे हैं।
स्थानीय नागरीकों का कहना है कि दो तीन माह में एक या दो बार ही नालियों की सफाई होती है। इससे नालियां जाम रहती हैं। सबसे अधिक परेशानी बारिश के दिनों में होती है, क्योंकि बारिश का पानी नाली के गंदे पानी के साथ मिलकर सड़क में बहने लगता है। इससे दुर्गंध के अलावा मच्छर भी बढ़ जाते हैं, जिससे बीमारी फैलने की आशंका बढ़ जाती है। आलम यह है कि यहां न तो सफाई और न ही यहां नालियों में नियमित रूप से डीडीटी पावडर का छिड़काव किया जाता है। नगर पंचायत के जिम्मेदारो की निष्क्रियता के चलते लोगों को बजबजाती जाम नालियों का सामना करना पड़ रहा है।
नगरवासियों ने बताया कि नगर में गली-गली में नालियों का भंडार है लेकिन किसी भी नालियों में सफाई नजर नही आती है। नगर पंचायत के द्वारा दीवार लेखन, स्वच्छता अभियान के नारेे और पोस्टर लगाने के दम पर ही नगर की गंदगी दूर कर स्वच्छता लाने के प्रयास में लगी हुई है। हर माह सफाई के नाम पर लाखो रूपये खर्च होने के बावजूद नगरवासी गंदगी भरी जिन्दगी जीने को मजबूर है। जिम्मेदार जानकर भी अनजान बने है। इससे लोगों का आक्रोश फूट रहा है। नगर के मोहल्लो की बजबजाती नालियां व गंदगी नगर पंचायत की पहचान बन गई है। जबकि नगर क्लीन रखने के लिए नगर पंचायत को पर्याप्त संसाधन भी मुहैया कराए गए है। बजबजाती नालियों की सफाई नहीं से मच्छर पनप रहे है। इसके बाद भी नगर पंचायत का सफाई विभाग गंदगी से पटी नालियों की सफाई कराने को लेकर कतई गंभीर नहीं है। आलम यह है कि नगर के ज्यादातर वार्ड इससे अछूते नहीं है। वार्डो में बजबजाती नालियां और गंदगी के ढेर ने जीना मुहाल कर दिया है। जब इसकी पड़ताल करने बुधवार को हमारे प्रतिनिधि ने नगर के विभिन्न गली मुुहल्ला पहुंची तो वहाँ फैली गंदगी व महिनों से जाम पड़े बजबजाती नालियां सफाई व्यवस्था की पूरी तरह पोल खोल रही थी। जो स्वच्छ भारत मिशन को पूरी तरह फ्लाॅफ साबित करने के लिए काफी है। नगर पंचायत लवन के अन्तर्गत 15 वार्ड है। जिनके लिए मात्र 6 सफाई कर्मचारी ही कार्यरत है। कर्मचारियों के अभाव में इन वार्डो की नालियों की साफ-सफाई भगवान भरोसे है। कई महिनों तक नालियों की सफाई नहीं होती है। जिसकी वजह से अधिकांश वार्ड की नालियां जाम रहती है।
क्या कहते है नगर अध्यक्ष
नगर पंचायत लवन में सफ़ाई कर्मचारियों का अभाव है, 15वार्ड में मात्र 6 कर्मचारी ही पदस्थ है, और कर्मचारियों की मांग की गई है। फिलहाल सफ़ाई के लिए कर्मचारियों को बोल दिया गया है।
मीना बार्वे, नगर अध्यक्ष
नगर पंचायत लवन
क्या कहते है उपाध्यक्ष
हमारे द्वारा शुरु से ही सफ़ाई कर्मचारियों की मांग की जा रही है, सफाई कर्मचारी की कमी की वजह से ही सफ़ाई प्रभावित हो रही है। लवन में 15 वार्ड है, और केवल 6 कार्मचारी ही है। कर्मचारी बढ़ने पर सफ़ाई की समस्या कम हो जाएगी।
रामकुमार साहू, उपाध्यक्ष
नगर पंचायत लवन
बलौदाबाजार,
फागुलाल रात्रे, लवन।
इन दिनों लवन नगर में मच्छरों का आतंक बढ़ गया है, बजबजाती नालियों की सफाई नहीं होने से मच्छर पनप रहे हैं। जिससे मलेरिया की भी संभावना बढऩे लगी है। मच्छरों की परेशानी से निदान के लिए न स्वास्थ्य विभाग कुछ करता है न ही स्थानीय प्रशासन कुछ कर रहा हैं। हालाकि स्थानीय प्रशासन के द्वारा प्लेसमेंट कर्मचारियों की मांग की जाती रही है, लेकिन मांग पुरी नहीं हो पाई हैं। जिसकी वजह से सफ़ाई व्यवस्था चरमराई हुई है।
पहले डीटीटी पावडर एवं फिनाइल का छिड़काव कभी कभी होता था, लेकिन अब वो भी नहीं हो पा रहा है। मच्छरों से बचने के लिए मच्छर क्वाइल, लिक्विड, मच्छर मार रेकेट का उपयोग लोग कर रहे हैं, लेकिन कुछ दवाइयां एवं मच्छर क्वाइल लोगो को सहन नहीं होती एवं कही न कही स्वास्थ्य पर भी प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है। लवन के लोग इस समय मच्छर परेशान हैं, शाम होते ही मच्छर हमला करना शुरू कर देते हैं। नगर में नालियों का निर्माण जिस ढंग से हुआ है उससे पानी बहकर बाहर नहीं जा पाता, वहीं सफाई नहीं होने से पन्नी आदि सब नालियों को जाम कर देते हैं। घरों से निकला गंदा पानी व कचरा भी नालियों में ही छोड़ देते हैं जिसके कारण मच्छर अधिक पनप रहे हैं।
नगर पंचायत लवन द्वारा भी नगर में बजबजाती नालियों की साफ सफाई नहीं कराई जा रही है, अधिकतर वार्डों में नालियां बजबजा रही है एवं गंदगी भी पसरी हुई है। न तो समय पर डीडीटी पावडर एवं फिनाइल का छिड़काव हो रहा है।
वार्डवासियों का कहना है कि साफ-सफाई नियमित तौर से नहीं होती। इससे नालियों में मच्छरों का डेरा है। ऐसे में गर्मी में मच्छरों व गंदगी से फैलने वाली बीमारियों की चपेट में आने की आशंका है। साफ-सफाई अब सिर्फ मुख्य मार्ग तक ही सीमित रह गई है। सफाई कर्मी अंदरूनी मोहल्ले तक नहीं पहुंच रहे हैं।
स्थानीय नागरीकों का कहना है कि दो तीन माह में एक या दो बार ही नालियों की सफाई होती है। इससे नालियां जाम रहती हैं। सबसे अधिक परेशानी बारिश के दिनों में होती है, क्योंकि बारिश का पानी नाली के गंदे पानी के साथ मिलकर सड़क में बहने लगता है। इससे दुर्गंध के अलावा मच्छर भी बढ़ जाते हैं, जिससे बीमारी फैलने की आशंका बढ़ जाती है। आलम यह है कि यहां न तो सफाई और न ही यहां नालियों में नियमित रूप से डीडीटी पावडर का छिड़काव किया जाता है। नगर पंचायत के जिम्मेदारो की निष्क्रियता के चलते लोगों को बजबजाती जाम नालियों का सामना करना पड़ रहा है।
नगरवासियों ने बताया कि नगर में गली-गली में नालियों का भंडार है लेकिन किसी भी नालियों में सफाई नजर नही आती है। नगर पंचायत के द्वारा दीवार लेखन, स्वच्छता अभियान के नारेे और पोस्टर लगाने के दम पर ही नगर की गंदगी दूर कर स्वच्छता लाने के प्रयास में लगी हुई है। हर माह सफाई के नाम पर लाखो रूपये खर्च होने के बावजूद नगरवासी गंदगी भरी जिन्दगी जीने को मजबूर है। जिम्मेदार जानकर भी अनजान बने है। इससे लोगों का आक्रोश फूट रहा है। नगर के मोहल्लो की बजबजाती नालियां व गंदगी नगर पंचायत की पहचान बन गई है। जबकि नगर क्लीन रखने के लिए नगर पंचायत को पर्याप्त संसाधन भी मुहैया कराए गए है। बजबजाती नालियों की सफाई नहीं से मच्छर पनप रहे है। इसके बाद भी नगर पंचायत का सफाई विभाग गंदगी से पटी नालियों की सफाई कराने को लेकर कतई गंभीर नहीं है। आलम यह है कि नगर के ज्यादातर वार्ड इससे अछूते नहीं है। वार्डो में बजबजाती नालियां और गंदगी के ढेर ने जीना मुहाल कर दिया है। जब इसकी पड़ताल करने बुधवार को हमारे प्रतिनिधि ने नगर के विभिन्न गली मुुहल्ला पहुंची तो वहाँ फैली गंदगी व महिनों से जाम पड़े बजबजाती नालियां सफाई व्यवस्था की पूरी तरह पोल खोल रही थी। जो स्वच्छ भारत मिशन को पूरी तरह फ्लाॅफ साबित करने के लिए काफी है। नगर पंचायत लवन के अन्तर्गत 15 वार्ड है। जिनके लिए मात्र 6 सफाई कर्मचारी ही कार्यरत है। कर्मचारियों के अभाव में इन वार्डो की नालियों की साफ-सफाई भगवान भरोसे है। कई महिनों तक नालियों की सफाई नहीं होती है। जिसकी वजह से अधिकांश वार्ड की नालियां जाम रहती है।
क्या कहते है नगर अध्यक्ष
नगर पंचायत लवन में सफ़ाई कर्मचारियों का अभाव है, 15वार्ड में मात्र 6 कर्मचारी ही पदस्थ है, और कर्मचारियों की मांग की गई है। फिलहाल सफ़ाई के लिए कर्मचारियों को बोल दिया गया है।
मीना बार्वे, नगर अध्यक्ष
नगर पंचायत लवन
क्या कहते है उपाध्यक्ष
हमारे द्वारा शुरु से ही सफ़ाई कर्मचारियों की मांग की जा रही है, सफाई कर्मचारी की कमी की वजह से ही सफ़ाई प्रभावित हो रही है। लवन में 15 वार्ड है, और केवल 6 कार्मचारी ही है। कर्मचारी बढ़ने पर सफ़ाई की समस्या कम हो जाएगी।
रामकुमार साहू, उपाध्यक्ष
नगर पंचायत लवन
बलौदाबाजार,
फागुलाल रात्रे, लवन।
इन दिनों लवन नगर में मच्छरों का आतंक बढ़ गया है, बजबजाती नालियों की सफाई नहीं होने से मच्छर पनप रहे हैं। जिससे मलेरिया की भी संभावना बढऩे लगी है। मच्छरों की परेशानी से निदान के लिए न स्वास्थ्य विभाग कुछ करता है न ही स्थानीय प्रशासन कुछ कर रहा हैं। हालाकि स्थानीय प्रशासन के द्वारा प्लेसमेंट कर्मचारियों की मांग की जाती रही है, लेकिन मांग पुरी नहीं हो पाई हैं। जिसकी वजह से सफ़ाई व्यवस्था चरमराई हुई है।
पहले डीटीटी पावडर एवं फिनाइल का छिड़काव कभी कभी होता था, लेकिन अब वो भी नहीं हो पा रहा है। मच्छरों से बचने के लिए मच्छर क्वाइल, लिक्विड, मच्छर मार रेकेट का उपयोग लोग कर रहे हैं, लेकिन कुछ दवाइयां एवं मच्छर क्वाइल लोगो को सहन नहीं होती एवं कही न कही स्वास्थ्य पर भी प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है। लवन के लोग इस समय मच्छर परेशान हैं, शाम होते ही मच्छर हमला करना शुरू कर देते हैं। नगर में नालियों का निर्माण जिस ढंग से हुआ है उससे पानी बहकर बाहर नहीं जा पाता, वहीं सफाई नहीं होने से पन्नी आदि सब नालियों को जाम कर देते हैं। घरों से निकला गंदा पानी व कचरा भी नालियों में ही छोड़ देते हैं जिसके कारण मच्छर अधिक पनप रहे हैं।
नगर पंचायत लवन द्वारा भी नगर में बजबजाती नालियों की साफ सफाई नहीं कराई जा रही है, अधिकतर वार्डों में नालियां बजबजा रही है एवं गंदगी भी पसरी हुई है। न तो समय पर डीडीटी पावडर एवं फिनाइल का छिड़काव हो रहा है।
वार्डवासियों का कहना है कि साफ-सफाई नियमित तौर से नहीं होती। इससे नालियों में मच्छरों का डेरा है। ऐसे में गर्मी में मच्छरों व गंदगी से फैलने वाली बीमारियों की चपेट में आने की आशंका है। साफ-सफाई अब सिर्फ मुख्य मार्ग तक ही सीमित रह गई है। सफाई कर्मी अंदरूनी मोहल्ले तक नहीं पहुंच रहे हैं।
स्थानीय नागरीकों का कहना है कि दो तीन माह में एक या दो बार ही नालियों की सफाई होती है। इससे नालियां जाम रहती हैं। सबसे अधिक परेशानी बारिश के दिनों में होती है, क्योंकि बारिश का पानी नाली के गंदे पानी के साथ मिलकर सड़क में बहने लगता है। इससे दुर्गंध के अलावा मच्छर भी बढ़ जाते हैं, जिससे बीमारी फैलने की आशंका बढ़ जाती है। आलम यह है कि यहां न तो सफाई और न ही यहां नालियों में नियमित रूप से डीडीटी पावडर का छिड़काव किया जाता है। नगर पंचायत के जिम्मेदारो की निष्क्रियता के चलते लोगों को बजबजाती जाम नालियों का सामना करना पड़ रहा है।
नगरवासियों ने बताया कि नगर में गली-गली में नालियों का भंडार है लेकिन किसी भी नालियों में सफाई नजर नही आती है। नगर पंचायत के द्वारा दीवार लेखन, स्वच्छता अभियान के नारेे और पोस्टर लगाने के दम पर ही नगर की गंदगी दूर कर स्वच्छता लाने के प्रयास में लगी हुई है। हर माह सफाई के नाम पर लाखो रूपये खर्च होने के बावजूद नगरवासी गंदगी भरी जिन्दगी जीने को मजबूर है। जिम्मेदार जानकर भी अनजान बने है। इससे लोगों का आक्रोश फूट रहा है। नगर के मोहल्लो की बजबजाती नालियां व गंदगी नगर पंचायत की पहचान बन गई है। जबकि नगर क्लीन रखने के लिए नगर पंचायत को पर्याप्त संसाधन भी मुहैया कराए गए है। बजबजाती नालियों की सफाई नहीं से मच्छर पनप रहे है। इसके बाद भी नगर पंचायत का सफाई विभाग गंदगी से पटी नालियों की सफाई कराने को लेकर कतई गंभीर नहीं है। आलम यह है कि नगर के ज्यादातर वार्ड इससे अछूते नहीं है। वार्डो में बजबजाती नालियां और गंदगी के ढेर ने जीना मुहाल कर दिया है। जब इसकी पड़ताल करने बुधवार को हमारे प्रतिनिधि ने नगर के विभिन्न गली मुुहल्ला पहुंची तो वहाँ फैली गंदगी व महिनों से जाम पड़े बजबजाती नालियां सफाई व्यवस्था की पूरी तरह पोल खोल रही थी। जो स्वच्छ भारत मिशन को पूरी तरह फ्लाॅफ साबित करने के लिए काफी है। नगर पंचायत लवन के अन्तर्गत 15 वार्ड है। जिनके लिए मात्र 6 सफाई कर्मचारी ही कार्यरत है। कर्मचारियों के अभाव में इन वार्डो की नालियों की साफ-सफाई भगवान भरोसे है। कई महिनों तक नालियों की सफाई नहीं होती है। जिसकी वजह से अधिकांश वार्ड की नालियां जाम रहती है।
क्या कहते है नगर अध्यक्ष
नगर पंचायत लवन में सफ़ाई कर्मचारियों का अभाव है, 15वार्ड में मात्र 6 कर्मचारी ही पदस्थ है, और कर्मचारियों की मांग की गई है। फिलहाल सफ़ाई के लिए कर्मचारियों को बोल दिया गया है।
मीना बार्वे, नगर अध्यक्ष
नगर पंचायत लवन
क्या कहते है उपाध्यक्ष
हमारे द्वारा शुरु से ही सफ़ाई कर्मचारियों की मांग की जा रही है, सफाई कर्मचारी की कमी की वजह से ही सफ़ाई प्रभावित हो रही है। लवन में 15 वार्ड है, और केवल 6 कार्मचारी ही है। कर्मचारी बढ़ने पर सफ़ाई की समस्या कम हो जाएगी।
रामकुमार साहू, उपाध्यक्ष
नगर पंचायत लवन
बलौदाबाजार,
फागुलाल रात्रे, लवन।
इन दिनों लवन नगर में मच्छरों का आतंक बढ़ गया है, बजबजाती नालियों की सफाई नहीं होने से मच्छर पनप रहे हैं। जिससे मलेरिया की भी संभावना बढऩे लगी है। मच्छरों की परेशानी से निदान के लिए न स्वास्थ्य विभाग कुछ करता है न ही स्थानीय प्रशासन कुछ कर रहा हैं। हालाकि स्थानीय प्रशासन के द्वारा प्लेसमेंट कर्मचारियों की मांग की जाती रही है, लेकिन मांग पुरी नहीं हो पाई हैं। जिसकी वजह से सफ़ाई व्यवस्था चरमराई हुई है।
पहले डीटीटी पावडर एवं फिनाइल का छिड़काव कभी कभी होता था, लेकिन अब वो भी नहीं हो पा रहा है। मच्छरों से बचने के लिए मच्छर क्वाइल, लिक्विड, मच्छर मार रेकेट का उपयोग लोग कर रहे हैं, लेकिन कुछ दवाइयां एवं मच्छर क्वाइल लोगो को सहन नहीं होती एवं कही न कही स्वास्थ्य पर भी प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है। लवन के लोग इस समय मच्छर परेशान हैं, शाम होते ही मच्छर हमला करना शुरू कर देते हैं। नगर में नालियों का निर्माण जिस ढंग से हुआ है उससे पानी बहकर बाहर नहीं जा पाता, वहीं सफाई नहीं होने से पन्नी आदि सब नालियों को जाम कर देते हैं। घरों से निकला गंदा पानी व कचरा भी नालियों में ही छोड़ देते हैं जिसके कारण मच्छर अधिक पनप रहे हैं।
नगर पंचायत लवन द्वारा भी नगर में बजबजाती नालियों की साफ सफाई नहीं कराई जा रही है, अधिकतर वार्डों में नालियां बजबजा रही है एवं गंदगी भी पसरी हुई है। न तो समय पर डीडीटी पावडर एवं फिनाइल का छिड़काव हो रहा है।
वार्डवासियों का कहना है कि साफ-सफाई नियमित तौर से नहीं होती। इससे नालियों में मच्छरों का डेरा है। ऐसे में गर्मी में मच्छरों व गंदगी से फैलने वाली बीमारियों की चपेट में आने की आशंका है। साफ-सफाई अब सिर्फ मुख्य मार्ग तक ही सीमित रह गई है। सफाई कर्मी अंदरूनी मोहल्ले तक नहीं पहुंच रहे हैं।
स्थानीय नागरीकों का कहना है कि दो तीन माह में एक या दो बार ही नालियों की सफाई होती है। इससे नालियां जाम रहती हैं। सबसे अधिक परेशानी बारिश के दिनों में होती है, क्योंकि बारिश का पानी नाली के गंदे पानी के साथ मिलकर सड़क में बहने लगता है। इससे दुर्गंध के अलावा मच्छर भी बढ़ जाते हैं, जिससे बीमारी फैलने की आशंका बढ़ जाती है। आलम यह है कि यहां न तो सफाई और न ही यहां नालियों में नियमित रूप से डीडीटी पावडर का छिड़काव किया जाता है। नगर पंचायत के जिम्मेदारो की निष्क्रियता के चलते लोगों को बजबजाती जाम नालियों का सामना करना पड़ रहा है।
नगरवासियों ने बताया कि नगर में गली-गली में नालियों का भंडार है लेकिन किसी भी नालियों में सफाई नजर नही आती है। नगर पंचायत के द्वारा दीवार लेखन, स्वच्छता अभियान के नारेे और पोस्टर लगाने के दम पर ही नगर की गंदगी दूर कर स्वच्छता लाने के प्रयास में लगी हुई है। हर माह सफाई के नाम पर लाखो रूपये खर्च होने के बावजूद नगरवासी गंदगी भरी जिन्दगी जीने को मजबूर है। जिम्मेदार जानकर भी अनजान बने है। इससे लोगों का आक्रोश फूट रहा है। नगर के मोहल्लो की बजबजाती नालियां व गंदगी नगर पंचायत की पहचान बन गई है। जबकि नगर क्लीन रखने के लिए नगर पंचायत को पर्याप्त संसाधन भी मुहैया कराए गए है। बजबजाती नालियों की सफाई नहीं से मच्छर पनप रहे है। इसके बाद भी नगर पंचायत का सफाई विभाग गंदगी से पटी नालियों की सफाई कराने को लेकर कतई गंभीर नहीं है। आलम यह है कि नगर के ज्यादातर वार्ड इससे अछूते नहीं है। वार्डो में बजबजाती नालियां और गंदगी के ढेर ने जीना मुहाल कर दिया है। जब इसकी पड़ताल करने बुधवार को हमारे प्रतिनिधि ने नगर के विभिन्न गली मुुहल्ला पहुंची तो वहाँ फैली गंदगी व महिनों से जाम पड़े बजबजाती नालियां सफाई व्यवस्था की पूरी तरह पोल खोल रही थी। जो स्वच्छ भारत मिशन को पूरी तरह फ्लाॅफ साबित करने के लिए काफी है। नगर पंचायत लवन के अन्तर्गत 15 वार्ड है। जिनके लिए मात्र 6 सफाई कर्मचारी ही कार्यरत है। कर्मचारियों के अभाव में इन वार्डो की नालियों की साफ-सफाई भगवान भरोसे है। कई महिनों तक नालियों की सफाई नहीं होती है। जिसकी वजह से अधिकांश वार्ड की नालियां जाम रहती है।
क्या कहते है नगर अध्यक्ष
नगर पंचायत लवन में सफ़ाई कर्मचारियों का अभाव है, 15वार्ड में मात्र 6 कर्मचारी ही पदस्थ है, और कर्मचारियों की मांग की गई है। फिलहाल सफ़ाई के लिए कर्मचारियों को बोल दिया गया है।
मीना बार्वे, नगर अध्यक्ष
नगर पंचायत लवन
क्या कहते है उपाध्यक्ष
हमारे द्वारा शुरु से ही सफ़ाई कर्मचारियों की मांग की जा रही है, सफाई कर्मचारी की कमी की वजह से ही सफ़ाई प्रभावित हो रही है। लवन में 15 वार्ड है, और केवल 6 कार्मचारी ही है। कर्मचारी बढ़ने पर सफ़ाई की समस्या कम हो जाएगी।
रामकुमार साहू, उपाध्यक्ष
नगर पंचायत लवन
बलौदाबाजार,
फागुलाल रात्रे, लवन।
इन दिनों लवन नगर में मच्छरों का आतंक बढ़ गया है, बजबजाती नालियों की सफाई नहीं होने से मच्छर पनप रहे हैं। जिससे मलेरिया की भी संभावना बढऩे लगी है। मच्छरों की परेशानी से निदान के लिए न स्वास्थ्य विभाग कुछ करता है न ही स्थानीय प्रशासन कुछ कर रहा हैं। हालाकि स्थानीय प्रशासन के द्वारा प्लेसमेंट कर्मचारियों की मांग की जाती रही है, लेकिन मांग पुरी नहीं हो पाई हैं। जिसकी वजह से सफ़ाई व्यवस्था चरमराई हुई है।
पहले डीटीटी पावडर एवं फिनाइल का छिड़काव कभी कभी होता था, लेकिन अब वो भी नहीं हो पा रहा है। मच्छरों से बचने के लिए मच्छर क्वाइल, लिक्विड, मच्छर मार रेकेट का उपयोग लोग कर रहे हैं, लेकिन कुछ दवाइयां एवं मच्छर क्वाइल लोगो को सहन नहीं होती एवं कही न कही स्वास्थ्य पर भी प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है। लवन के लोग इस समय मच्छर परेशान हैं, शाम होते ही मच्छर हमला करना शुरू कर देते हैं। नगर में नालियों का निर्माण जिस ढंग से हुआ है उससे पानी बहकर बाहर नहीं जा पाता, वहीं सफाई नहीं होने से पन्नी आदि सब नालियों को जाम कर देते हैं। घरों से निकला गंदा पानी व कचरा भी नालियों में ही छोड़ देते हैं जिसके कारण मच्छर अधिक पनप रहे हैं।
नगर पंचायत लवन द्वारा भी नगर में बजबजाती नालियों की साफ सफाई नहीं कराई जा रही है, अधिकतर वार्डों में नालियां बजबजा रही है एवं गंदगी भी पसरी हुई है। न तो समय पर डीडीटी पावडर एवं फिनाइल का छिड़काव हो रहा है।
वार्डवासियों का कहना है कि साफ-सफाई नियमित तौर से नहीं होती। इससे नालियों में मच्छरों का डेरा है। ऐसे में गर्मी में मच्छरों व गंदगी से फैलने वाली बीमारियों की चपेट में आने की आशंका है। साफ-सफाई अब सिर्फ मुख्य मार्ग तक ही सीमित रह गई है। सफाई कर्मी अंदरूनी मोहल्ले तक नहीं पहुंच रहे हैं।
स्थानीय नागरीकों का कहना है कि दो तीन माह में एक या दो बार ही नालियों की सफाई होती है। इससे नालियां जाम रहती हैं। सबसे अधिक परेशानी बारिश के दिनों में होती है, क्योंकि बारिश का पानी नाली के गंदे पानी के साथ मिलकर सड़क में बहने लगता है। इससे दुर्गंध के अलावा मच्छर भी बढ़ जाते हैं, जिससे बीमारी फैलने की आशंका बढ़ जाती है। आलम यह है कि यहां न तो सफाई और न ही यहां नालियों में नियमित रूप से डीडीटी पावडर का छिड़काव किया जाता है। नगर पंचायत के जिम्मेदारो की निष्क्रियता के चलते लोगों को बजबजाती जाम नालियों का सामना करना पड़ रहा है।
नगरवासियों ने बताया कि नगर में गली-गली में नालियों का भंडार है लेकिन किसी भी नालियों में सफाई नजर नही आती है। नगर पंचायत के द्वारा दीवार लेखन, स्वच्छता अभियान के नारेे और पोस्टर लगाने के दम पर ही नगर की गंदगी दूर कर स्वच्छता लाने के प्रयास में लगी हुई है। हर माह सफाई के नाम पर लाखो रूपये खर्च होने के बावजूद नगरवासी गंदगी भरी जिन्दगी जीने को मजबूर है। जिम्मेदार जानकर भी अनजान बने है। इससे लोगों का आक्रोश फूट रहा है। नगर के मोहल्लो की बजबजाती नालियां व गंदगी नगर पंचायत की पहचान बन गई है। जबकि नगर क्लीन रखने के लिए नगर पंचायत को पर्याप्त संसाधन भी मुहैया कराए गए है। बजबजाती नालियों की सफाई नहीं से मच्छर पनप रहे है। इसके बाद भी नगर पंचायत का सफाई विभाग गंदगी से पटी नालियों की सफाई कराने को लेकर कतई गंभीर नहीं है। आलम यह है कि नगर के ज्यादातर वार्ड इससे अछूते नहीं है। वार्डो में बजबजाती नालियां और गंदगी के ढेर ने जीना मुहाल कर दिया है। जब इसकी पड़ताल करने बुधवार को हमारे प्रतिनिधि ने नगर के विभिन्न गली मुुहल्ला पहुंची तो वहाँ फैली गंदगी व महिनों से जाम पड़े बजबजाती नालियां सफाई व्यवस्था की पूरी तरह पोल खोल रही थी। जो स्वच्छ भारत मिशन को पूरी तरह फ्लाॅफ साबित करने के लिए काफी है। नगर पंचायत लवन के अन्तर्गत 15 वार्ड है। जिनके लिए मात्र 6 सफाई कर्मचारी ही कार्यरत है। कर्मचारियों के अभाव में इन वार्डो की नालियों की साफ-सफाई भगवान भरोसे है। कई महिनों तक नालियों की सफाई नहीं होती है। जिसकी वजह से अधिकांश वार्ड की नालियां जाम रहती है।
क्या कहते है नगर अध्यक्ष
नगर पंचायत लवन में सफ़ाई कर्मचारियों का अभाव है, 15वार्ड में मात्र 6 कर्मचारी ही पदस्थ है, और कर्मचारियों की मांग की गई है। फिलहाल सफ़ाई के लिए कर्मचारियों को बोल दिया गया है।
मीना बार्वे, नगर अध्यक्ष
नगर पंचायत लवन
क्या कहते है उपाध्यक्ष
हमारे द्वारा शुरु से ही सफ़ाई कर्मचारियों की मांग की जा रही है, सफाई कर्मचारी की कमी की वजह से ही सफ़ाई प्रभावित हो रही है। लवन में 15 वार्ड है, और केवल 6 कार्मचारी ही है। कर्मचारी बढ़ने पर सफ़ाई की समस्या कम हो जाएगी।
रामकुमार साहू, उपाध्यक्ष
नगर पंचायत लवन
बलौदाबाजार,
फागुलाल रात्रे, लवन।
इन दिनों लवन नगर में मच्छरों का आतंक बढ़ गया है, बजबजाती नालियों की सफाई नहीं होने से मच्छर पनप रहे हैं। जिससे मलेरिया की भी संभावना बढऩे लगी है। मच्छरों की परेशानी से निदान के लिए न स्वास्थ्य विभाग कुछ करता है न ही स्थानीय प्रशासन कुछ कर रहा हैं। हालाकि स्थानीय प्रशासन के द्वारा प्लेसमेंट कर्मचारियों की मांग की जाती रही है, लेकिन मांग पुरी नहीं हो पाई हैं। जिसकी वजह से सफ़ाई व्यवस्था चरमराई हुई है।
पहले डीटीटी पावडर एवं फिनाइल का छिड़काव कभी कभी होता था, लेकिन अब वो भी नहीं हो पा रहा है। मच्छरों से बचने के लिए मच्छर क्वाइल, लिक्विड, मच्छर मार रेकेट का उपयोग लोग कर रहे हैं, लेकिन कुछ दवाइयां एवं मच्छर क्वाइल लोगो को सहन नहीं होती एवं कही न कही स्वास्थ्य पर भी प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है। लवन के लोग इस समय मच्छर परेशान हैं, शाम होते ही मच्छर हमला करना शुरू कर देते हैं। नगर में नालियों का निर्माण जिस ढंग से हुआ है उससे पानी बहकर बाहर नहीं जा पाता, वहीं सफाई नहीं होने से पन्नी आदि सब नालियों को जाम कर देते हैं। घरों से निकला गंदा पानी व कचरा भी नालियों में ही छोड़ देते हैं जिसके कारण मच्छर अधिक पनप रहे हैं।
नगर पंचायत लवन द्वारा भी नगर में बजबजाती नालियों की साफ सफाई नहीं कराई जा रही है, अधिकतर वार्डों में नालियां बजबजा रही है एवं गंदगी भी पसरी हुई है। न तो समय पर डीडीटी पावडर एवं फिनाइल का छिड़काव हो रहा है।
वार्डवासियों का कहना है कि साफ-सफाई नियमित तौर से नहीं होती। इससे नालियों में मच्छरों का डेरा है। ऐसे में गर्मी में मच्छरों व गंदगी से फैलने वाली बीमारियों की चपेट में आने की आशंका है। साफ-सफाई अब सिर्फ मुख्य मार्ग तक ही सीमित रह गई है। सफाई कर्मी अंदरूनी मोहल्ले तक नहीं पहुंच रहे हैं।
स्थानीय नागरीकों का कहना है कि दो तीन माह में एक या दो बार ही नालियों की सफाई होती है। इससे नालियां जाम रहती हैं। सबसे अधिक परेशानी बारिश के दिनों में होती है, क्योंकि बारिश का पानी नाली के गंदे पानी के साथ मिलकर सड़क में बहने लगता है। इससे दुर्गंध के अलावा मच्छर भी बढ़ जाते हैं, जिससे बीमारी फैलने की आशंका बढ़ जाती है। आलम यह है कि यहां न तो सफाई और न ही यहां नालियों में नियमित रूप से डीडीटी पावडर का छिड़काव किया जाता है। नगर पंचायत के जिम्मेदारो की निष्क्रियता के चलते लोगों को बजबजाती जाम नालियों का सामना करना पड़ रहा है।
नगरवासियों ने बताया कि नगर में गली-गली में नालियों का भंडार है लेकिन किसी भी नालियों में सफाई नजर नही आती है। नगर पंचायत के द्वारा दीवार लेखन, स्वच्छता अभियान के नारेे और पोस्टर लगाने के दम पर ही नगर की गंदगी दूर कर स्वच्छता लाने के प्रयास में लगी हुई है। हर माह सफाई के नाम पर लाखो रूपये खर्च होने के बावजूद नगरवासी गंदगी भरी जिन्दगी जीने को मजबूर है। जिम्मेदार जानकर भी अनजान बने है। इससे लोगों का आक्रोश फूट रहा है। नगर के मोहल्लो की बजबजाती नालियां व गंदगी नगर पंचायत की पहचान बन गई है। जबकि नगर क्लीन रखने के लिए नगर पंचायत को पर्याप्त संसाधन भी मुहैया कराए गए है। बजबजाती नालियों की सफाई नहीं से मच्छर पनप रहे है। इसके बाद भी नगर पंचायत का सफाई विभाग गंदगी से पटी नालियों की सफाई कराने को लेकर कतई गंभीर नहीं है। आलम यह है कि नगर के ज्यादातर वार्ड इससे अछूते नहीं है। वार्डो में बजबजाती नालियां और गंदगी के ढेर ने जीना मुहाल कर दिया है। जब इसकी पड़ताल करने बुधवार को हमारे प्रतिनिधि ने नगर के विभिन्न गली मुुहल्ला पहुंची तो वहाँ फैली गंदगी व महिनों से जाम पड़े बजबजाती नालियां सफाई व्यवस्था की पूरी तरह पोल खोल रही थी। जो स्वच्छ भारत मिशन को पूरी तरह फ्लाॅफ साबित करने के लिए काफी है। नगर पंचायत लवन के अन्तर्गत 15 वार्ड है। जिनके लिए मात्र 6 सफाई कर्मचारी ही कार्यरत है। कर्मचारियों के अभाव में इन वार्डो की नालियों की साफ-सफाई भगवान भरोसे है। कई महिनों तक नालियों की सफाई नहीं होती है। जिसकी वजह से अधिकांश वार्ड की नालियां जाम रहती है।
क्या कहते है नगर अध्यक्ष
नगर पंचायत लवन में सफ़ाई कर्मचारियों का अभाव है, 15वार्ड में मात्र 6 कर्मचारी ही पदस्थ है, और कर्मचारियों की मांग की गई है। फिलहाल सफ़ाई के लिए कर्मचारियों को बोल दिया गया है।
मीना बार्वे, नगर अध्यक्ष
नगर पंचायत लवन
क्या कहते है उपाध्यक्ष
हमारे द्वारा शुरु से ही सफ़ाई कर्मचारियों की मांग की जा रही है, सफाई कर्मचारी की कमी की वजह से ही सफ़ाई प्रभावित हो रही है। लवन में 15 वार्ड है, और केवल 6 कार्मचारी ही है। कर्मचारी बढ़ने पर सफ़ाई की समस्या कम हो जाएगी।
रामकुमार साहू, उपाध्यक्ष
नगर पंचायत लवन
बलौदाबाजार,
फागुलाल रात्रे, लवन।
इन दिनों लवन नगर में मच्छरों का आतंक बढ़ गया है, बजबजाती नालियों की सफाई नहीं होने से मच्छर पनप रहे हैं। जिससे मलेरिया की भी संभावना बढऩे लगी है। मच्छरों की परेशानी से निदान के लिए न स्वास्थ्य विभाग कुछ करता है न ही स्थानीय प्रशासन कुछ कर रहा हैं। हालाकि स्थानीय प्रशासन के द्वारा प्लेसमेंट कर्मचारियों की मांग की जाती रही है, लेकिन मांग पुरी नहीं हो पाई हैं। जिसकी वजह से सफ़ाई व्यवस्था चरमराई हुई है।
पहले डीटीटी पावडर एवं फिनाइल का छिड़काव कभी कभी होता था, लेकिन अब वो भी नहीं हो पा रहा है। मच्छरों से बचने के लिए मच्छर क्वाइल, लिक्विड, मच्छर मार रेकेट का उपयोग लोग कर रहे हैं, लेकिन कुछ दवाइयां एवं मच्छर क्वाइल लोगो को सहन नहीं होती एवं कही न कही स्वास्थ्य पर भी प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है। लवन के लोग इस समय मच्छर परेशान हैं, शाम होते ही मच्छर हमला करना शुरू कर देते हैं। नगर में नालियों का निर्माण जिस ढंग से हुआ है उससे पानी बहकर बाहर नहीं जा पाता, वहीं सफाई नहीं होने से पन्नी आदि सब नालियों को जाम कर देते हैं। घरों से निकला गंदा पानी व कचरा भी नालियों में ही छोड़ देते हैं जिसके कारण मच्छर अधिक पनप रहे हैं।
नगर पंचायत लवन द्वारा भी नगर में बजबजाती नालियों की साफ सफाई नहीं कराई जा रही है, अधिकतर वार्डों में नालियां बजबजा रही है एवं गंदगी भी पसरी हुई है। न तो समय पर डीडीटी पावडर एवं फिनाइल का छिड़काव हो रहा है।
वार्डवासियों का कहना है कि साफ-सफाई नियमित तौर से नहीं होती। इससे नालियों में मच्छरों का डेरा है। ऐसे में गर्मी में मच्छरों व गंदगी से फैलने वाली बीमारियों की चपेट में आने की आशंका है। साफ-सफाई अब सिर्फ मुख्य मार्ग तक ही सीमित रह गई है। सफाई कर्मी अंदरूनी मोहल्ले तक नहीं पहुंच रहे हैं।
स्थानीय नागरीकों का कहना है कि दो तीन माह में एक या दो बार ही नालियों की सफाई होती है। इससे नालियां जाम रहती हैं। सबसे अधिक परेशानी बारिश के दिनों में होती है, क्योंकि बारिश का पानी नाली के गंदे पानी के साथ मिलकर सड़क में बहने लगता है। इससे दुर्गंध के अलावा मच्छर भी बढ़ जाते हैं, जिससे बीमारी फैलने की आशंका बढ़ जाती है। आलम यह है कि यहां न तो सफाई और न ही यहां नालियों में नियमित रूप से डीडीटी पावडर का छिड़काव किया जाता है। नगर पंचायत के जिम्मेदारो की निष्क्रियता के चलते लोगों को बजबजाती जाम नालियों का सामना करना पड़ रहा है।
नगरवासियों ने बताया कि नगर में गली-गली में नालियों का भंडार है लेकिन किसी भी नालियों में सफाई नजर नही आती है। नगर पंचायत के द्वारा दीवार लेखन, स्वच्छता अभियान के नारेे और पोस्टर लगाने के दम पर ही नगर की गंदगी दूर कर स्वच्छता लाने के प्रयास में लगी हुई है। हर माह सफाई के नाम पर लाखो रूपये खर्च होने के बावजूद नगरवासी गंदगी भरी जिन्दगी जीने को मजबूर है। जिम्मेदार जानकर भी अनजान बने है। इससे लोगों का आक्रोश फूट रहा है। नगर के मोहल्लो की बजबजाती नालियां व गंदगी नगर पंचायत की पहचान बन गई है। जबकि नगर क्लीन रखने के लिए नगर पंचायत को पर्याप्त संसाधन भी मुहैया कराए गए है। बजबजाती नालियों की सफाई नहीं से मच्छर पनप रहे है। इसके बाद भी नगर पंचायत का सफाई विभाग गंदगी से पटी नालियों की सफाई कराने को लेकर कतई गंभीर नहीं है। आलम यह है कि नगर के ज्यादातर वार्ड इससे अछूते नहीं है। वार्डो में बजबजाती नालियां और गंदगी के ढेर ने जीना मुहाल कर दिया है। जब इसकी पड़ताल करने बुधवार को हमारे प्रतिनिधि ने नगर के विभिन्न गली मुुहल्ला पहुंची तो वहाँ फैली गंदगी व महिनों से जाम पड़े बजबजाती नालियां सफाई व्यवस्था की पूरी तरह पोल खोल रही थी। जो स्वच्छ भारत मिशन को पूरी तरह फ्लाॅफ साबित करने के लिए काफी है। नगर पंचायत लवन के अन्तर्गत 15 वार्ड है। जिनके लिए मात्र 6 सफाई कर्मचारी ही कार्यरत है। कर्मचारियों के अभाव में इन वार्डो की नालियों की साफ-सफाई भगवान भरोसे है। कई महिनों तक नालियों की सफाई नहीं होती है। जिसकी वजह से अधिकांश वार्ड की नालियां जाम रहती है।
क्या कहते है नगर अध्यक्ष
नगर पंचायत लवन में सफ़ाई कर्मचारियों का अभाव है, 15वार्ड में मात्र 6 कर्मचारी ही पदस्थ है, और कर्मचारियों की मांग की गई है। फिलहाल सफ़ाई के लिए कर्मचारियों को बोल दिया गया है।
मीना बार्वे, नगर अध्यक्ष
नगर पंचायत लवन
क्या कहते है उपाध्यक्ष
हमारे द्वारा शुरु से ही सफ़ाई कर्मचारियों की मांग की जा रही है, सफाई कर्मचारी की कमी की वजह से ही सफ़ाई प्रभावित हो रही है। लवन में 15 वार्ड है, और केवल 6 कार्मचारी ही है। कर्मचारी बढ़ने पर सफ़ाई की समस्या कम हो जाएगी।
रामकुमार साहू, उपाध्यक्ष
नगर पंचायत लवन
बलौदाबाजार,
फागुलाल रात्रे, लवन।
इन दिनों लवन नगर में मच्छरों का आतंक बढ़ गया है, बजबजाती नालियों की सफाई नहीं होने से मच्छर पनप रहे हैं। जिससे मलेरिया की भी संभावना बढऩे लगी है। मच्छरों की परेशानी से निदान के लिए न स्वास्थ्य विभाग कुछ करता है न ही स्थानीय प्रशासन कुछ कर रहा हैं। हालाकि स्थानीय प्रशासन के द्वारा प्लेसमेंट कर्मचारियों की मांग की जाती रही है, लेकिन मांग पुरी नहीं हो पाई हैं। जिसकी वजह से सफ़ाई व्यवस्था चरमराई हुई है।
पहले डीटीटी पावडर एवं फिनाइल का छिड़काव कभी कभी होता था, लेकिन अब वो भी नहीं हो पा रहा है। मच्छरों से बचने के लिए मच्छर क्वाइल, लिक्विड, मच्छर मार रेकेट का उपयोग लोग कर रहे हैं, लेकिन कुछ दवाइयां एवं मच्छर क्वाइल लोगो को सहन नहीं होती एवं कही न कही स्वास्थ्य पर भी प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है। लवन के लोग इस समय मच्छर परेशान हैं, शाम होते ही मच्छर हमला करना शुरू कर देते हैं। नगर में नालियों का निर्माण जिस ढंग से हुआ है उससे पानी बहकर बाहर नहीं जा पाता, वहीं सफाई नहीं होने से पन्नी आदि सब नालियों को जाम कर देते हैं। घरों से निकला गंदा पानी व कचरा भी नालियों में ही छोड़ देते हैं जिसके कारण मच्छर अधिक पनप रहे हैं।
नगर पंचायत लवन द्वारा भी नगर में बजबजाती नालियों की साफ सफाई नहीं कराई जा रही है, अधिकतर वार्डों में नालियां बजबजा रही है एवं गंदगी भी पसरी हुई है। न तो समय पर डीडीटी पावडर एवं फिनाइल का छिड़काव हो रहा है।
वार्डवासियों का कहना है कि साफ-सफाई नियमित तौर से नहीं होती। इससे नालियों में मच्छरों का डेरा है। ऐसे में गर्मी में मच्छरों व गंदगी से फैलने वाली बीमारियों की चपेट में आने की आशंका है। साफ-सफाई अब सिर्फ मुख्य मार्ग तक ही सीमित रह गई है। सफाई कर्मी अंदरूनी मोहल्ले तक नहीं पहुंच रहे हैं।
स्थानीय नागरीकों का कहना है कि दो तीन माह में एक या दो बार ही नालियों की सफाई होती है। इससे नालियां जाम रहती हैं। सबसे अधिक परेशानी बारिश के दिनों में होती है, क्योंकि बारिश का पानी नाली के गंदे पानी के साथ मिलकर सड़क में बहने लगता है। इससे दुर्गंध के अलावा मच्छर भी बढ़ जाते हैं, जिससे बीमारी फैलने की आशंका बढ़ जाती है। आलम यह है कि यहां न तो सफाई और न ही यहां नालियों में नियमित रूप से डीडीटी पावडर का छिड़काव किया जाता है। नगर पंचायत के जिम्मेदारो की निष्क्रियता के चलते लोगों को बजबजाती जाम नालियों का सामना करना पड़ रहा है।
नगरवासियों ने बताया कि नगर में गली-गली में नालियों का भंडार है लेकिन किसी भी नालियों में सफाई नजर नही आती है। नगर पंचायत के द्वारा दीवार लेखन, स्वच्छता अभियान के नारेे और पोस्टर लगाने के दम पर ही नगर की गंदगी दूर कर स्वच्छता लाने के प्रयास में लगी हुई है। हर माह सफाई के नाम पर लाखो रूपये खर्च होने के बावजूद नगरवासी गंदगी भरी जिन्दगी जीने को मजबूर है। जिम्मेदार जानकर भी अनजान बने है। इससे लोगों का आक्रोश फूट रहा है। नगर के मोहल्लो की बजबजाती नालियां व गंदगी नगर पंचायत की पहचान बन गई है। जबकि नगर क्लीन रखने के लिए नगर पंचायत को पर्याप्त संसाधन भी मुहैया कराए गए है। बजबजाती नालियों की सफाई नहीं से मच्छर पनप रहे है। इसके बाद भी नगर पंचायत का सफाई विभाग गंदगी से पटी नालियों की सफाई कराने को लेकर कतई गंभीर नहीं है। आलम यह है कि नगर के ज्यादातर वार्ड इससे अछूते नहीं है। वार्डो में बजबजाती नालियां और गंदगी के ढेर ने जीना मुहाल कर दिया है। जब इसकी पड़ताल करने बुधवार को हमारे प्रतिनिधि ने नगर के विभिन्न गली मुुहल्ला पहुंची तो वहाँ फैली गंदगी व महिनों से जाम पड़े बजबजाती नालियां सफाई व्यवस्था की पूरी तरह पोल खोल रही थी। जो स्वच्छ भारत मिशन को पूरी तरह फ्लाॅफ साबित करने के लिए काफी है। नगर पंचायत लवन के अन्तर्गत 15 वार्ड है। जिनके लिए मात्र 6 सफाई कर्मचारी ही कार्यरत है। कर्मचारियों के अभाव में इन वार्डो की नालियों की साफ-सफाई भगवान भरोसे है। कई महिनों तक नालियों की सफाई नहीं होती है। जिसकी वजह से अधिकांश वार्ड की नालियां जाम रहती है।
क्या कहते है नगर अध्यक्ष
नगर पंचायत लवन में सफ़ाई कर्मचारियों का अभाव है, 15वार्ड में मात्र 6 कर्मचारी ही पदस्थ है, और कर्मचारियों की मांग की गई है। फिलहाल सफ़ाई के लिए कर्मचारियों को बोल दिया गया है।
मीना बार्वे, नगर अध्यक्ष
नगर पंचायत लवन
क्या कहते है उपाध्यक्ष
हमारे द्वारा शुरु से ही सफ़ाई कर्मचारियों की मांग की जा रही है, सफाई कर्मचारी की कमी की वजह से ही सफ़ाई प्रभावित हो रही है। लवन में 15 वार्ड है, और केवल 6 कार्मचारी ही है। कर्मचारी बढ़ने पर सफ़ाई की समस्या कम हो जाएगी।
रामकुमार साहू, उपाध्यक्ष
नगर पंचायत लवन