बलौदाबाजार,
फागुलाल रात्रे, लवन।
फागुलाल रात्रे, लवन।
प्रदेश में धान खरीदी को बंद हुए डेढ़ माह का समय बीतने के बाद भी केन्द्रों से धान का उठाव नहीं पाया है। इसके चलते समिति प्रबंधक एवं कर्मचारी परेशान है। ऊपर से मौसम की मार की भी चिन्ता सताने लगी। असमय बारिश से धान का बारदाना भीगने से नुकसान होने की संभावना बनी हुई है, वही, दूसरी तरफ चूहों ने भी धान को कुतरना शुरू कर दिया हैं, धान के साथ-साथ बारदाना को भी नुकसान पहुंचाया जा रहा है। इससे समिति प्रबंधक काफी परेशान है। समिति को नुकसान होता देख सहकारी समिति के कर्मचारी संघ के द्वारा जिला विपणन अधिकारी बलौदाबाजार को ज्ञापन दिया गया है।
उल्लेखनीय है कि लवन शाखा के 15 उपार्जन केन्द्रों में इस वित्तीय वर्ष 2023-24 में साढे़ सात लाख क्वींटल धान की खरीदी किया गया है। जिसमें से 4 लाख 91 हजार क्वींटल धान का उठाव हो चूका है। शेष 2 लाख 41 हजार क्वींटल धान का उठाव होना बाकि है। लवन शाखा के लगभग सभी उपार्जन केन्द्रो में पर्याप्त मात्रा में चबुतरे नहीं बने हुए है, जिसकी वजह से प्रभारियों के द्वारा तिरपाल से धान को ढककर सुरक्षित रखा गया है, लेकिन चूहे अधिक होने से समस्या बढ़ी हुई है। क्षेत्र में इन दिनों आसमान में काला बादल छाया हुआ है, और समय-समय पर बारिश भी हो रही है। बारिश होने से बोरे पानी में भीग रहे है, जिससे समितियों को नुकसान होने की आशंका बनी हुई है। सहकारी समिति कर्मचारी संघ के जिला उपाध्यक्ष रामकुमार साहू ने बताया कि असमय बारिश होने के चलते प्रबधंको को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। उन्होंने बताया कि यदि समय रहते धान का उठाव नहीं किया गया तो और अधिक नुकसान होने की संभावना है। प्रबंधकों की ओर से उच्च अधिकारियों को मौखिक एवं लिखित में आवेदन दिया गया है, लेकिन इसके बावजूद उपार्जन केन्द्रों से धान का उठाव नहीं हो पा रहा है, जिससे समिति के लोग चितिंत है।
धान का सही समय में परिवहन के लिए हमारे द्वारा लगातार मांग किया जा रहा है। आज सोमवार 18 मार्च को एक बार फिर सहकारी समिति के कर्मचारी संघ के द्वारा धान का उठाव शीघ्र कराने के लिए लिखित में आवेदन दिया गया है। उनका कहना है कि धान का उठाव 72 घण्टे के भीतर होना है, लेकिन नियमतः धान का उठाव नहीं हो रहा है। खुले आसमान के नीचे धान भीगता हुआ पड़ा हुआ है, इससे धान अंकुरित होकर नुकसान हो रहा है। वही, कई उपार्जन केन्द्रो में केवल नाममात्र के लिए धान का उठाव किया गया है, उसके परिवहन होने के बाद धान का उठाव नहीं हो रहा है, जो समितियों के लिए चिंता का विषय बना हुआ है। चुंकि उपार्जन केन्द्रों में क्षमता से अधिक धान पड़ा हुआ है, इसलिए सभी धान को पर्याप्त मात्रा में ढक पाना संभव नहीं है। वही, बारदाना धूप होने व फटने तथा चुहों के कुतरने से बहुत बड़ा नुकसान उठाना पड़ रहा है। समिति के कर्मचारी संघ का कहना है कि यदि नियत तिथि तक धान का उठाव नहीं किया गया तो समस्त संघ पदाधिकारी व समिति कर्मचारी आमरण अनशन एवं भूख हड़ताल पर जाने को विवश हो जाएंगे। जिसकी सम्पूर्ण जवाबदारी शासन-प्रशासन की होगी। इस दौरान जिला अध्यक्ष मनीराम कैवत्र्य, उपाध्यक्ष रामकुमार साहू, मंजूला शर्मा सुकदेव सेन, लक्ष्मीनारायण वर्मा उपस्थित रहे।
इस संबंध में जानकारी के लिए जिला विपणन अधिकारी से सम्पर्कं करने का प्रयास किया गया। लेकिन उनका सम्पर्कं नहीं हो पाया।