बलौदाबाजार,
फागुलाल रात्रे, लवन।
फागुलाल रात्रे, लवन।
आदर्श ग्राम पंचायत मुंडा में रोशम वर्मा के यहां 26 जनवरी से चल रही संगीतमय श्रीमद् भागवत ज्ञान यज्ञ सप्ताह के पांचवें दिन कथावाचक पंडित गौरव जोशी ने गोवर्धन पूजा का प्रसंग सुनाया और कृष्ण लीला का वर्णन किया। कथा में गोवर्धन पूजा की कथा सुन भागवत कथा सुनने पहुंचे श्रद्धालु भाव विभोर हो गए।
भक्तों को कथा का रसपान कराते हुए कथावाचक पंडित गौरव जोशी ने कहा कि जहां सत्य एवं भक्ति का समन्वय होता है वहां भगवान का आगमन अवश्य होता है। जब भगवान श्री कृष्ण नंद गांव पहुंचे तो देखा कि गांव में इंद्र पूजन की तैयारी में 56 भोग बनाए जा रहे हैं। श्री कृष्ण ने नंद बाबा से पूछा कि कैसा उत्सव होने जा रहा है जिसकी इतनी भव्य तैयारी हो रही है। नंद बाबा ने कहा कि यह उत्सव इंद्र भगवान की पूजन के लिए हो रहा है क्योंकि वर्षा के राजा इंद्र है और उनकी कृपा से बारिश हो सकती है इसलिए उन्हें खुश करने के लिए इस पूजन का आयोजन हो रहा है। इस पर श्री कृष्ण ने इंद्र के लिए हो रहे यज्ञ को बंद करा दिया और कहा कि जो व्यक्ति जैसा कर्म करता है वैसा ही फल मिलता है। इससे इंद्र का कोई मतलब नहीं है ऐसा होने के बाद इंद्र गुस्सा हो गए और भारी बारिश करना शुरू कर दिए। नंद गांव में इससे त्राहि त्राहि मचने लगी तो भगवान श्री कृष्ण ने अपनी अंगुली पर गोवर्धन पर्वत को ही उठा लिया। नंद गांव के लोग सुरक्षित हो गए इसके बाद से ही गोवर्धन पूजा का क्रम शुरू हुआ। गोवर्धन भगवान की पूजा सभी भक्तों को कथावाचक पंडित गौरव जोशी द्वारा विधि विधान से कराई गई। कथा के दौरान भगवान कृष्ण की बाल माखन चोर लीलाओं का वर्णन किया गया। कथा वाचक ने बताया कि भगवान श्री कृष्ण की सबसे अच्छी और प्यारी कोई बचपन की लीला है तो वह माखन चोर लीला है। भगवान श्री कृष्ण प्रतिदिन गोपियों के यहां माखन चुराने जाते थे। भगवान की लीला सुनने को तभी मिलती है जब भगवान अपनी कृपा करें। भगवान श्री कृष्ण की अलग-अलग माखन चोरी लीला का यहां वर्णन किया गया वास्तव में भगवान श्री कृष्ण माखन चोर नहीं है वह तो चितचोर है जो उनकी लीला को देख ले वह देखता रह जाता है। पांचवें दिन कथा श्रवण में आसपास के गांवो से बड़ी संख्या में श्रद्धालु गण उपस्थित है।